डेस्क। Electoral Bond: इसी साल के मई-जून में देशभर में आम चुनाव यानी लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी तैयारी में जुटे सियासी दलों को बड़ा झटका भी दिया हैं। सुको ने पार्टियों के नए इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर कड़ा प्रतिबन्ध लगा दिया हैं।
कोर्ट ने अपने फैसले में इलेक्टोरल बॉन्ड सूचना के अधिकार का उल्लंघन भी माना है। कहा कि वोटर को पार्टियों की फंडिंग के बारे में भी जानने का हक है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह आदेश भी दिया हैं कि बॉन्ड खरीदने वालों की लिस्ट को सार्वजनिक किया जाए।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कोर्ट ने माना है कि गुमनाम चुनावी बांड सूचना के अधिकार और अनुच्छेद 19(1)(ए) का हनन है। मुख्य न्यायधीश ने फैसला सुनाते हुए बोला है कि इलेक्टोरल बॉन्ड के अलावा भी काला धन को रोकने के कई नए तरीके हैं।
साथ ही बता दें कि फैसला सुनाते हुए सीजेआई ने बोला है कि सियासी पार्टियों की फंडिंग की जानकारी उजागर न करना मकसद के विपरीत होगा। एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से लेकर अब तक की जानकारी सार्वजानिक करनी होगी और एसबीआई को ये जानकारी चुनाव आयोग को भी देनी होगी। इलेक्शन कमीशन इस जानकारी को साझा करेगा। साथ ही एजेआई ने आदेशित किया हैं कि स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया को तीन हफ्ते के भीतर ये जानकारी साझा करनी पड़ेगी।
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