डेस्क। मिशन चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक पहुंचाने में बतौर प्रोग्राम मैनेजर कार्यरत अभिषेक कुमार सिंह का जुड़ाव भी राजधानी लखनऊ से काफी रहा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान-3 समेत मंगलयान और चंद्रयान-2 में भी अभिषेक अपनी भूमिका निभा रहे हैं। बता दें मूलत: देवरिया निवासी अभिषेक का परिवार 2017 से सरोजनी नगर में रह रहा है। अभिषेक इसरो के यूआर राव सैटेलाइट सेंटर में कार्यरत हैं और सैटेलाइट के निर्माण से उससे जुड़ी तकनीकी सहायता उपलब्ध भी करवाता है।
मिशन चंद्रयान-3 में अभिषेक का कार्य सेटेलाइट की कक्षा में आर्बिटर और लैंडर के गति की गणना और उसे नियंत्रित करना तथा चंद्रमा की कक्षा में शुरू से अंत तक सुरक्षित लैंडिंग के दौरान होने वाली हर घटना पर नजर भी बनाए रखने का था।
अभिषेक कहते हैं कि इस मिशन में लैंडिंग से 30 किलोमीटर की दूरी रह जाने पर यह यात्रा न केवल रोमांचक थी पर साथ ही हमारी धड़कनें भी काफी बढ़ रही थी। चंद्रयान-2 मिशन में विक्रम लैंडर के चंद्रमा की सतह पर पहुंचने से 480 मीटर पहले तक सैटेलाइट के इंजन को नियंत्रित भी नहीं किया जा सका था।
यही उसकी असफल लैंडिंग का कारण भी बना और इस मिशन में इस पर कार्य किया गया। सफल लैंडिंग के बाद हमारी जान में जान आई। अभिषेक के पिता कमलेश सिंह सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर पद पर गुवाहाटी में कार्यरत हैं वहीं घर में मां व तीन बहनें है, वह सबसे बड़े हैं।