डेस्क। लखनऊ। अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त करने की राह में लखनऊ विश्वविद्यालय के कला संकाय के परास्नातक छात्रों ने एक बार फिर न केवल बड़ी संख्या में नेट-जेआरएफ परीक्षा के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अर्हता प्राप्त की है, पर साथ ही जेआरएफ में भी सफलता प्राप्त करी है।
अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 200 से अधिक छात्र-छात्राओं ने नेट-जेआरएफ में सफलता भी पाई है। जिसमें 170 से अधिक नेट उत्तीर्ण कर असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए एवं 40 से अधिक छात्र-छात्रों ने असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए अर्हता के साथ जूनियर रिसर्च फेलोशिप को भी प्राप्त किया है, जिसके तहत उन्हें शोध के लिए छात्रवृति मिलेगी।
अब तक छात्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नेट-जेआरएफ उत्तीर्ण करने वाले छात्रों में सर्वाधिक छात्र समाजशास्त्र विभाग से है जो 43 हैं।इसके बाद क्रमश: शिक्षाशास्त्र 24 और राजनीति विज्ञान विभाग 20 छात्र भी शामिल रहे।
इन विभागों के अलावा समाज कार्य 06 , प्राचीन भारत इतिहास 03, मनोविज्ञान 05, हिंदी 17, व्यवहारिक अर्थशास्त्र 06 , पत्रकारिता 05,शारीरिक शिक्षा 01, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास 05, फारसी 01, पश्चिमी इतिहास 01, संस्कृत 04, भूगोल 10 , अर्थशास्त्र 12, लाइब्रेरी साइंस 05, अंग्रेजी 17, दर्शन शास्त्र 02 , वाणिज्य 13, सांख्यिकी 03, विधि 05, उर्दू 01, लोक प्रशासन 02 एवं ललित कला 07 विभागों के छात्र भी इसमें नाम दर्ज कर चुके हैं।
शिक्षा शास्त्र की हिरा कुदसिया 99.76 प्रतिशत , प्राचीन भारत इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के अनिकेत सिंह 99.64 , मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास की अनन्या गुप्ता 99.41 तथा अंग्रेजी विभाग की विनीता राय 99.37 प्रतिशत परीक्षा में शीर्ष स्थान पाने वालों में शामिल हुए हैं।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित यूजीसी राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (एनईटी),डॉक्टरेट अनुसंधान के लिए छात्रों को विश्वविद्यालयों में और अनुसंधान संस्थानों में शोध कार्य के लिए फेलोशिप प्रदान करती है और परास्नातक स्तर की भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक पर काबिज है।यह विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर बनने के मानदंडों में से एक है और यह कई अन्य कैरियर के अवसरों के द्वार भी आपके लिए खोलती है।