डेस्क। Hackers on Indian websites: गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने एक चेतावनी भी दी है कि ‘हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया’ नाम के एक समूह ने दावा किया है कि उसने केंद्र और राज्यों सहित 12 हजार भारत सरकार की वेबसाइटों की एक सूची जारी की है, जिन पर वह आने वाले दिनों में हमला भी (Indian Official website in danger) कर सकता है।
भारत सरकार की वेबसाइट्स ‘अपडेट’ और ‘कैपाब्ल’ हैं जो इस तरह के खतरों और देश के भीतर या बाहर संभावित रूप से संचालित तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे नरैटिव को संभालने के लिए होती हैं। सभी एजेंसियों ने केंद्र और राज्य सरकार को अलर्ट भी भेज दिया है।
गुरुवार को I4C द्वारा अपने ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस के बाद साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस विंग द्वारा प्राप्त इनपुट के आधार पर अलर्ट प्रसारित किया गया था और I4C के साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस विंग द्वारा ‘हैकटिविस्ट इंडोनेशिया’ समूह के बारे में पता भी लगाया था, जो भारतीय वेबसाइटों के साथ-साथ कुछ विदेशों में भी हैक करने के अवैध अभियान में शामिल है।
इनपुट को सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत एक नोडल एजेंसी, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (Cert.In) के साथ शेयर भी किया गया था, जिसने राज्यों में नोडल साइबर-अपराध इकाइयों के साथ ‘संभावित खतरा’ के बारे में जानकारी साझा करने का अनुरोध करा था।
सूत्रों ने सर्कुलेट किए गए अलर्ट का हवाला देते हुए कहा है, ’हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया’ नाम का एक समूह भारत को निशाना बना रहा है और इसने एक लिस्ट भी बनाई गई है कि यह 12 हजार भारत सरकार की वेबसाइटों पर हमला करेगा जिसमें केंद्र और राज्यों से जुड़ी वेबसाइटें भी शामिल हैं।
उसने आगे यह भी बताया, ‘हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि समूह इंडोनेशिया से संबंधित है भी या नहीं।’
सूत्र ने आगे कहा है कि ‘हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया’ समूह ‘मलेशिया या विभिन्न इस्लामिक देशों के एक समूह’ से हो सकता है क्योंकि समान मानसिकता वाले लोग साइबरस्पेस का उपयोग करके भारत पर हमला करने की कोशिश भी कर रहे हैं।
‘हैकटिविस्ट इंडोनेशिया’ न केवल भारतीय वेबसाइटों पर बल्कि अन्य देशों की वेबसाइटों पर भी हमला कर रहा है और उन्होंने 12,000 भारतीय सरकारी वेबसाइटों की एक सूची प्रसारित की है, जिन्हें वे लक्षित करने में लगे हैं। I4C इकाई ने अपने ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के माध्यम से Cert.In को सतर्क किया है और इस तरह की चल रही गतिविधियां, जागरूक होने का सुझाव भी देती हैं।’