डेस्क। प्रभु श्रीराम की तपोभूमि के विंध्य पर्वत माला में स्थित तुलसी (शबरी) जल प्रपात में देश का तीसरा व प्रदेश का पहला ग्लास स्काई वाक ब्रिज बन रहा है।
3.70 करोड की लागत से बन रहा ब्रिज धनुषाकार होगा और इसका काम तीव्र गति से चल रहा है।
रानीपुर टाइगर रिजर्व के उप निदेशक पीके त्रिपाठी ने बताया कि तुलसी जल प्रपात में बिहार प्रांत के राहगीर के तर्ज में स्काई वाक ब्रिज का निर्माण कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।
पयर्टकों को बढावा देने के लिए उत्तर प्रदेश का पहला अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस ब्रिज बन रहा है और यहां पर राक गार्डेन, रेस्टोंरेट व औषधि पार्क भी बनाए जाने का खाका तैयार किया गया। कांच का पुल पर चलते हुए लोग अपने कदमों के नीचे धरती भी आराम से देख पाएंगे।
जमीं पर बादलों का अहसास
मध्य प्रदेश के सतना बॉर्डर पर स्थित परासिन पहाड़ से धारकुंडी मारकुंडी जंगलों के बीच से चित्रकूट में पाठा के जंगलों में कल-कल बहती पयस्वनी नदी आगे चलकर मंदाकिनी के नाम से पहचानी जाती है।
ग्राम पंचायत टिकरिया के जमुनिहाई गांव के पास स्थित बंबियां जंगल में पयस्वनी, ऋषि सरभंग आश्रम से निकली जलधारा व गतिहा नाले जलराशि की त्रिवेणी से शबरी जल प्रपात की छटा काफी मनोहारी दिखती है, मानो आसमान जमीन छूने को बहुत बेताब हो उठी हो।
कम पानी होने पर एक साथ थोड़ी-थोड़ी दूर पर तीन जलराशियां नीचे गिरती हैं और तीव्र बारिश में यह आपस में मिल भी जाती हैं। इससे इनके वेग व प्रचंड शोर से अंतर्मन के तार झंकृत हो उठते हैं वहीं करीब 40 फीट नीचे गिरने वाली जलराशि कुंड में तब्दील होकर अथाह गहराई को प्राप्त हो जाती है।