डेस्क। Jaipur-Mumbai Train Killing: जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में गोलीबारी के आरोपी और आरपीएफ के कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी को रेलवे ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है और 31 जुलाई को चेतन ने चलती ट्रेन में सीनियर टीकाराम मीणा सहित 3 अन्य यात्रियों की गोली मारकर हत्या भी कर दी थी। टीकाराम मीणा के अलावा मृतकों की पहचान पालघर के नालसोपोरा में रहने वाले अब्दुल कादरभाई मोहम्मद हुसैन भानपुरवाला (58), बिहार के मधुबनी के निवासी असगर अब्बास शेख (48) और सैयद एस. (43) के रूप में हुई थी इसके साथ ही चौधरी की बर्खास्तगी का आदेश 14 अगस्त को आरपीएफ के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त, मुंबई सेंट्रल की ओर से जारी किया गया।
6 साल पहले भी हुई थी जांच
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार आरोपी कांस्टेबल चेतन सिंह चौधरी पर सर्विस के दौरान कम से कम 3 मामलों में संलिप्त होने का पिछला रिकॉर्ड भी है। इसमें आरपीएफ पोस्ट पर एक मुस्लिम व्यक्ति के कथित उत्पीड़न से जुड़ा ‘घृणा का मामला’ भी शामिल हुआ है। इस मामलों पर पश्चिम रेलवे के महानिरीक्षक-सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त पी सी सिन्हा ने यह कहा है कि अभी इन मामलों में जांच जारी है। 2017 में चेतन उज्जैन में आरपीएफ डॉग स्क्वाड में तैनात भी था। उस दौरान हुए एक मामले में उसकी जांच हो रही है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 18 फरवरी, 2017 को चेतन ऑफ-ड्यूटी था और सिविल कपड़ों में वह वाहिद खान नाम के एक व्यक्ति को चौकी पर लाया और कथित तौर पर बिना किसी कारण के उसके साथ मारपीट भी की थी। इस बात की जानकारी जब उसके सीनियर्स को मिली तो उन्होंने जांच का आदेश दिया और उसे इस काम के लिए दंडित भी किया गया था। सूत्रों ने यह कहा है कि साल 2011 की एक अन्य घटना में अब बर्खास्त किए जा चुके चेतन सिंह चौधरी पर हरियाणा के जगाधरी में तैनाती के दौरान एक सहकर्मी के एटीएम कार्ड से कथित तौर पर 25,000 रुपये निकालने का आरोप भी लगाया गया था जिसकी जांच भी करी गई थी।