डेस्क। आयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के अगले साल होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आने वाले रामभक्त श्रद्धालुओं को करीब एक महीने तक न्यास की ओर से फ्री भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
साथ ही मंदिर में प्रतिदिन एक लाख से अधिक यात्री श्री रामलला के दर्शन भी कर सकेंगे।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने बुधवार को मीडिया से अनौपचारिक चर्चा में यह बताया कि जनवरी 2024 में श्री रामलला की जन्मभूमि पर स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर एक महीने तक तीर्थक्षेत्र की ओर से प्रतिदिन 75 हजार से एक लाख श्रद्धालुओं की क्षुधापूर्ति, रात्रिविश्राम और शौचालय की व्यवस्था की जानी है। इसके लिए अयोध्या में 15 से अधिक स्थानों पर तीर्थक्षेत्र के केंद्र भी बनाये जाएंगे।
श्री राय ने कहा कि जनवरी में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के लिए एक निश्चित तिथि तय करने के लिए उच्च स्तर पर विचार मंथन चल रहा है। यह तिथि अगले साल 16 जनवरी से 24 जनवरी के मध्य में होगी। उन्होंने कहा कि मुख्य कार्यक्रम को गैर राजनीतिक रखा जाएगा और इसमें विभि
न्न राजनीतिक दलों के नेताओं और अन्य अतिथियों को भी आमंत्रित किया जाएगा, बशर्ते उनके आने की मंशा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में कोई मंच नहीं होगा और न ही अयोध्या में कोई जनसभा आयोजित की जाएगी फिर अतिथियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उपलब्ध अधिकतम स्थान में पांच हजार से अधिक अतिथि नहीं आ सकते हैं।
उन्होंने मंदिर के निर्माण एवं क्षमता विशेषकर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या बारे में पूछे जाने पर कहा कि मंदिर के गर्भगृह में पुजारी के अलावा अन्य किसी को भी जाने की अनुमति नहीं होगी वहीं जन्मभूमि पर श्री रामलला की पांच साल के बच्चे के रूप में प्रतिमा नेपाल से आयी शिला पर उकेरी भी जा रही है, जो चरण से लेकर मस्तिष्क पर आज्ञाचक्र तक 51 इंच यानी पूरी प्रतिमा करीब 55-56 इंच की होगी साथ ही इसे आधार अवस्थान एवं उस पर बने कमल के पुष्प पर इस प्रकार से स्थापित किया जाएगा कि श्री रामलला का चेहरा विशेष रूप से नेत्रों के बीच का स्थान ज़मीन से आठ फुट सात इंच की ऊंचाई पर हो और इससे श्री रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें श्री रामलला के चेहरे पर सीधे पड़ेंगी।