डेस्क। हिंदू पंचांग का अंतिम माह फाल्गुन 6 फरवरी 2023 से आरंभ हो चुका है। इसे फागुन भी बोला जाता है।
इस माह में कई उत्सव तथा पर्व भी आते हैं जिनकी वजह से इसे धार्मिक कार्यों के लिए अत्यन्त शुभ भी माना गया है। वहीं ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार फाल्गुन माह में कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं।
इस महीने में भगवान शिव और शक्ति की आराधना का पर्व यानी महाशिवरात्रि भी आता है। इसी प्रकार भगवान विष्णु के अनन्य भक्त प्रहलाद की कथा से भी फाल्गुन माह जुड़ा हुआ बताया जाता है। ब्रजमंडल का प्रसिद्ध होली का त्यौहार भी इसी माह में ही आता है। अतः यह पर्व बहुत ही शुभ बन गया है। और यही कारण है कि फाल्गुन माह को लेकर शास्त्रों में कई तरह के नियम भी बताए गए हैं।
जानिए फाल्गुन माह के लिए शास्त्रों में बताए गए हैं ये नियम
इस माह में कई धार्मिक त्यौहार आते हैं और मौसम भी बदलता ही है। इन बातों को ध्यान रखते हुए शास्त्रों में कई नियम भी बताए गए हैं। इन नियमों के पालना से आध्यात्मिक उन्नति होती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। तो जानिए इन नियमों के बारे में
इस माह गेहूं आदि अनाज नहीं खाने चाहिए। इसके बजाय मोटा अनाज या फलाहार ही करना चाहिए।
इस पूरे मौसम में एकदम गर्म या एकदम ठंडी तासीर वाली चीजें नहीं खानी चाहिए और ऐसा करना स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। जहां तक संभव हो, मौसम फल व चीजें ही खाएं।
फाल्गुन माह में महाशिवरात्रि आती है, अत: यह शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व का माह भी होता है। इसके साथ ही होली भी आती है और अत: इस पूरे महीने में अंडे, मांस, मछली, शराब व अन्य सभी प्रकार के नशों से दूर ही रहना चाहिए।