डेस्क। विपक्षी एकता की पटना में पहली बड़ी बैठक संपन्न हो गई है और इस बैठक के बाद आम आदमी पार्टी की तरफ से अलग ही बयान सामने आया है। साथ ही जोर देकर कहा गया है कि जिस मीटिंग में कांग्रेस हिस्सा लेगी, वहां आम आदमी पार्टी नहीं जाने वाली।
यह बताया जा रहा है कि अध्यादेश विवाद की वजह से ही आम आदमी पार्टी खफा हो गई है और उसने विपक्षी एकता वाली बैठक के बाद ही ये बयान दिया है।
विपक्ष एकता को बड़ा झटका?
आम आदमी पार्टी की तरफ से बोला गया है कि कांग्रेस जब तक पब्लिक में इस अध्यादेश का विरोध नहीं करती, जब तक उसके 31 राज्यसभा सांसद इसके खिलाफ नहीं बोलते, और आप के लिए विपक्षी एकता वाली किसी भी उस बैठक में हिस्सा लेना मुश्किल रहेगा जहां पर कांग्रेस होगी। अब आम आदमी पार्टी ने ये दावा भी कर दिया है कि कांग्रेस को छोड़कर बाकी सभी 11 दलों ने खुलकर अध्यादेश के खिलाफ समर्थन दिया है।
अब आम आदमी पार्टी का ये विरोध प्रदर्शन मायने रखता है क्योंकि इस बैठक से पहले भी आप ने कहा था कि वो इसका बहिष्कार कर सकते हैं साथ ही उस समय भी अध्यादेश विवाद का ही जिक्र किया गया था। ऐसे में मान सकते हैं कि विपक्ष के एकजुट होने से पहले ही दरारें दिखने लगी हैं। आम आदमी पार्टी इस एकजुटता की अहम खिलाड़ी है, पंजाब और दिल्ली में तो बीजेपी के खिलाफ सबसे मजबूत है, ऐसे में 20 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर उसकी उपस्थिति काफी मायने रखती है।