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Join NowRamgopal Yadav : देश की संसद में आज यानी 16 दिसंबर, 2025 को एक ऐतिहासिक और बेहद विवादास्पद बिल पेश होने जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ग्रामीण भारत की जीवनरेखा कही जाने वाली मनरेगा (MGNREGA) योजना का स्वरूप और नाम पूरी तरह बदलने की तैयारी में है। सरकार आज लोकसभा में ‘विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन अधिनियम 2025’ (VB-G RAM G Act) पेश करेगी।
लेकिन बिल पेश होने से पहले ही राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने कड़े तेवर अपना लिए हैं। सपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav) ने मोदी सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाते हुए इसे “गांधी विरोधी” कदम करार दिया है।
“भाजपा को बापू के नाम से नफरत क्यों?” – रामगोपाल यादव का वार
जैसे ही सरकार ने मनरेगा की जगह नया बिल लाने की घोषणा की, विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया। सपा सांसद रामगोपाल यादव ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के नाम से ही दिक्कत है। रामगोपाल यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा, “मेरी राय में इस विधेयक को लाने की कोई आवश्यकता ही नहीं थी। इस बिल को लाकर भाजपा ने उन आरोपों पर मुहर लगा दी है जो उन पर वर्षों से लगते आ रहे हैं। यह साबित हो रहा है कि ये लोग शुरू से ही गांधी जी के विरोधी रहे हैं। गांधी जी की हत्या से लेकर आज तक, इनकी विचारधारा वही है। जो आरोप इन पर लगते थे, वो आज कन्फर्म हो रहे हैं।
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“सिर्फ नाम बदलने का खेल, हम समर्थन नहीं करेंगे”
सपा सांसद ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस बिल में नया क्या है? यह तो वही पुरानी योजना है, बस नाम बदला जा रहा है ताकि गांधी जी का नाम हटाया जा सके।उन्होंने साफ लफ्जों में कहा, “अगर बापू के नाम से भाजपा को इतनी नफरत है, तो हम लोग (समाजवादी पार्टी और विपक्ष) इस बिल का समर्थन कतई नहीं कर सकते। सरकार के पास बहुमत है, वो चाहे तो जबरदस्ती कानून बना ले, लेकिन हम इसके पक्ष में नहीं हैं।”
वोट चोरी और अन्य मुद्दों पर भी बोले यादव
इस सियासी गर्माहट के बीच, रामगोपाल यादव ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और एनसीपी (शरद पवार गुट) की नेता सुप्रिया सुले (Supriya Sule) द्वारा वोट चोरी को लेकर दिए गए बयानों पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता उन्होंने क्या बयान दिया है, लेकिन लोकतंत्र में हर किसी की अपनी राय हो सकती है।” हालांकि, आज उनका मुख्य फोकस मनरेगा के मुद्दे पर सरकार को घेरना ही रहा।
आखिर क्या है नया ‘विकसित भारत मिशन’ (VB-G RAM G)?
विवाद अपनी जगह है, लेकिन आम जनता के लिए यह जानना जरूरी है कि सरकार क्या बदलाव कर रही है। केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को खत्म कर उसकी जगह ‘विकसित भारत – रोजगार एवं आजीविका गारंटी मिशन अधिनियम 2025’ ला रही है।
सरकार का तर्क है कि:
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इससे ग्रामीणों को रोजगार और कमाई के नए मौके मिलेंगे।
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यह 2047 के विकसित भारत के विजन के अनुरूप है।
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इसमें 100 दिन की जगह 125 दिन रोजगार की बात कही जा रही है।
आज संसद में ‘दंगल’ तय
कांग्रेस (Congress), समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दल एकजुट होकर इस बिल का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि मनरेगा दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना है, जिसे यूपीए सरकार लाई थी। इसका नाम बदलना इतिहास मिटाने की कोशिश है। आज लोकसभा में इस बिल पर जोरदार बहस और हंगामा होने के पूरे आसार हैं। अब देखना यह होगा कि क्या सरकार विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद इस बिल को आसानी से पास करवा पाती है या नहीं।











