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Join Nowहिमाचल में नशा तस्करों पर पुलिस का शिकंजा, कार में चिट्टा लेकर जा रहे दो लोग गिरफ्तार
हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से यह ‘चिट्टा’ नाम के नशे के जाल में भी फंसता जा रहा है। यह एक ऐसा खतरनाक नशा है जो युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहा है। इसे रोकने के लिए हिमाचल पुलिस लगातार काम कर रही है। इसी सिलसिले में सोलन जिले के नालागढ़ में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है, जहां कार में चिट्टा ले जा रहे दो तस्करों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। चलिए, जानते हैं क्या है यह पूरा मामला।
Table of Contents (विषय सूची)
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कैसे और कहाँ पकड़े गए ये तस्कर?
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कार की तलाशी में क्या मिला?
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कौन हैं ये गिरफ्तार हुए लोग?
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अब पुलिस का अगला कदम क्या होगा?
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क्यों है चिट्टा एक बड़ी चुनौती?
कैसे और कहाँ पकड़े गए ये तस्कर?
यह घटना नालागढ़-कश्मीरपुर रोड की है। पुलिस की विशेष जांच इकाई (SIU) की टीम इस इलाके में गश्त पर थी। नशे के तस्करों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने वहां एक नाका भी लगाया हुआ था। इसी दौरान, कश्मीरपुर की तरफ से एक मारुति ऑल्टो कार आती हुई दिखाई दी। पुलिस टीम ने जब कार को रुकने का इशारा किया, तो अंदर बैठे लोग घबरा गए और कुछ अजीब हरकत करने लगे। उनकी घबराहट देखकर पुलिस का शक और भी गहरा हो गया।
कार की तलाशी में क्या मिला?
पुलिस ने कार में बैठे दोनों लोगों से पूछताछ शुरू की और गाड़ी की तलाशी लेने का फैसला किया। जब कार की तलाशी ली गई, तो पुलिस को उसमें से 18.06 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद हुआ। यह मात्रा भले ही सुनने में कम लगे, लेकिन नशे के बाजार में इसकी कीमत काफी ज्यादा होती है और यह कई युवाओं तक पहुंचाई जा सकती थी। पुलिस ने तुरंत चिट्टे को अपने कब्जे में ले लिया और दोनों आरोपियों को मौके पर ही हिरासत में ले लिया।
कौन हैं ये गिरफ्तार हुए लोग?
पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है कि पकड़े गए दोनों आरोपी हिमाचल के नहीं, बल्कि पड़ोसी राज्य पंजाब के रहने वाले हैं। इनकी पहचान हैप्पी और मक्खन सिंह के रूप में हुई है, जो लुधियाना (पंजाब) के निवासी हैं। इससे यह बात एक बार फिर साफ हो जाती है कि हिमाचल में नशे की सप्लाई के तार पंजाब से जुड़े हुए हैं। तस्कर अक्सर पंजाब से चिट्टा लाकर हिमाचल के युवाओं को बेचते हैं।
अब पुलिस का अगला कदम क्या होगा?
पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ NDPS (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस) एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। अब पुलिस उनसे सख्ती से पूछताछ करेगी। जांच का मुख्य फोकस यह पता लगाना है कि:
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वे यह चिट्टा कहां से लेकर आए थे?
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इसे नालागढ़ या हिमाचल के किसी और इलाके में किसे सप्लाई करने वाले थे?
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इस नशे के नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं?
डीएसपी (नालागढ़) खजाना राम ने भी इस मामले की पुष्टि की है और कहा है कि जांच चल रही है और इस नेटवर्क से जुड़े किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा।
क्यों है चिट्टा एक बड़ी चुनौती?
‘चिट्टा’ हेरोइन का ही एक मिलावटी और बहुत सस्ता रूप है, जिसके कारण यह युवाओं तक आसानी से पहुंच जाता है। इसकी लत बहुत बुरी होती है और एक बार कोई इसका आदी हो जाए, तो उससे बाहर निकलना बहुत मुश्किल हो जाता है। यह न केवल उस व्यक्ति की सेहत खराब करता है, बल्कि उसके परिवार को भी आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़ देता है। नालागढ़ पुलिस की यह कार्रवाई इस खतरनाक नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में एक अहम कदम है।