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Join NowIndia Global Image 2025: भारत को आज दुनिया सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति, तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था और संतुलित कूटनीतिक नीति वाले देश के रूप में पहचानता है। हाल ही में Pew Research Survey 2025 ने यह दिखाया कि भारत को लेकर दुनिया में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की राय मौजूद है।
सर्वेक्षण का समय और दायरा
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अवधि: 8 जनवरी से 26 अप्रैल 2025
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देश: 24
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सकारात्मक राय: 47%
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नकारात्मक राय: 38%
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कोई राय नहीं: 13%
यह सर्वे उस समय हुआ जब अप्रैल 2025 में कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इस घटना का असर कुछ देशों की राय पर साफ दिखा।
किन देशों में भारत को मिली सबसे सकारात्मक राय?
1. यूनाइटेड किंगडम (UK)
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लगभग 60% लोगों ने भारत को सकारात्मक रूप से देखा।
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कारण: ऐतिहासिक रिश्ते, आर्थिक साझेदारी और भारतीय डायस्पोरा का योगदान।
2. केन्या और इजरायल
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यहां 6 में से 10 लोगों की राय भारत के पक्ष में रही।
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कारण: रणनीतिक साझेदारी, टेक्नोलॉजी, शिक्षा और स्वास्थ्य सहयोग।
3. जर्मनी और जापान
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दोनों देशों में बहुसंख्यक लोगों ने भारत को सकारात्मक माना।
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कारण: आर्थिक साझेदारी, क्लीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी में सहयोग।
4. इंडोनेशिया और नाइजीरिया
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यहां भी भारत के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अधिक रहा।
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कारण: सांस्कृतिक संबंध, व्यापार और सामरिक सहयोग।
किन देशों में भारत को मिली नकारात्मक राय?
1. ऑस्ट्रेलिया और तुर्किए
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आधे से ज्यादा लोगों की राय भारत के खिलाफ रही।
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कारण: मानवाधिकार, कश्मीर मुद्दा और प्रवासी संबंध।
2. अर्जेंटीना और ब्राज़ील
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दक्षिण अमेरिकी देशों में भारत को लेकर निगेटिव सोच ज्यादा रही।
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कारण: कम आपसी व्यापार और राजनीतिक असहमति।
3. दक्षिण अफ्रीका
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यहां 46% लोगों ने सकारात्मक राय दी, लेकिन आलोचना भी अधिक रही।
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कारण: ऐतिहासिक मित्रता के बावजूद हाल के वर्षों में व्यापारिक ठहराव।
अमेरिका और कनाडा की राय
अमेरिका
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49% लोग भारत के पक्ष में, शेष लगभग बराबर बंटे।
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अमेरिका में भारत को लेकर मिश्रित राय रही क्योंकि:
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सकारात्मक पक्ष: IT, शिक्षा, रक्षा साझेदारी।
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नकारात्मक पक्ष: मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर आलोचना।
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कनाडा
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47% सकारात्मक राय।
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हाल के वर्षों में भारत-कनाडा रिश्तों में खटास आई है, फिर भी लोग भारत को बड़ी शक्ति मानते हैं।
भारत की विदेश नीति और वैश्विक छवि
भारत की विदेश नीति (Foreign Policy) तीन स्तंभों पर आधारित रही है:
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संतुलन की नीति – अमेरिका, रूस और यूरोप के साथ समान संबंध।
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पड़ोसी प्रथम (Neighborhood First) – नेपाल, भूटान, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ रिश्ते।
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ग्लोबल साउथ की आवाज़ – विकासशील देशों का नेतृत्व करना।
भारत की वैश्विक पहचान को आकार देने वाले कारक
1. आर्थिक शक्ति
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भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है।
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टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और मैन्युफैक्चरिंग से भारत की ताकत बढ़ी है।
2. सैन्य शक्ति
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भारत के पास परमाणु हथियार और मजबूत सेना है।
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हिंद महासागर में भारत की रणनीतिक स्थिति ने इसे महत्वपूर्ण शक्ति बना दिया है।
3. कूटनीति
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G20, BRICS, SCO और UN में भारत की सक्रिय भूमिका।
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शांति और विकास पर फोकस।
4. भारतीय संस्कृति
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बॉलीवुड, योग, आयुर्वेद और भारतीय खानपान की वजह से भारत की छवि और लोकप्रिय है।
भारत की चुनौतियाँ और आलोचनाएँ
हालाँकि भारत की छवि वैश्विक स्तर पर मजबूत हो रही है, लेकिन कुछ मुद्दों पर आलोचना भी होती है:
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कश्मीर और मानवाधिकार का सवाल।
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धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों को लेकर चिंता।
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प्रदूषण, गरीबी और बेरोजगारी जैसी चुनौतियाँ।
भविष्य में भारत की भूमिका
प्यू रिसर्च सर्वे से यह साफ है कि भारत की छवि ज्यादातर सकारात्मक है, लेकिन नकारात्मक राय को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आने वाले समय में भारत को:
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कूटनीतिक रिश्तों को और मज़बूत करना होगा।
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आर्थिक विकास को समावेशी बनाना होगा।
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मानवाधिकार और लोकतंत्र की छवि को और मज़बूत करना होगा।
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पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग पर लीडरशिप दिखानी होगी।
भारत आज दुनिया के उन देशों में है जिसकी वैश्विक छवि (Global Image) लगातार बढ़ रही है। प्यू रिसर्च सर्वे 2025 ने यह दिखाया कि आधे से ज्यादा देशों में भारत को सकारात्मक रूप से देखा जाता है। हाँ, कुछ देशों में आलोचना भी है, लेकिन भारत की आर्थिक, सैन्य और सांस्कृतिक ताकत इसे विश्व का महत्वपूर्ण और भरोसेमंद देश बनाती है।