डेस्क। भारत में अभी जी20 देशों की बैठक जारी है जिस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी इसमें शामिल होने के लिए आ रहे हैं। वहीं इंटरनेशल क्राइम कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी का आदेश जारी कर दिया है।
और ऐसे में अब कहा जा रहा है कि अब जैसे ही रूस के राष्ट्रपति पतिन भारत आएंगे तो उन्हें गिरफ्तार करके इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट में पेश किया जाना है। ICC ने पुतिन को वार क्राइम का दोषी माना है और इसी के चलते उनको गिरफ्तार करने का आदेश भी जारी किया गया है। बता दें पुतिन पर वॉर क्राइम की एक लंबी लिस्ट है, जिसमें 2 बड़े आरोप पुतिन पर लगे हैं। वहीं उनके कहने पर यूक्रेनी मूल के बच्चों को जबरन रूस लाया गया और उन पर यूक्रेन के नागरिकों से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तहस नहस करने का आरोप है।
क्या होता है इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट
इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट की स्थापना 2002 में की गई थी और यह नीदरलैंड के हेग में है। ये कोर्ट वॉर क्राइम, मानवीयता पर खतरे, नरसंहार और, दंगे-फसाद के अपराधियों पर कार्रवाई करती है । अब आप सोच रहे होगे देश खुद भी तो ऐसा करते हैं, फिर आईसीसी की क्या जरूरत होती है। तो ये कोर्ट तब दखल देती है, जब देश अपराधी पर खुद एक्शन न ले रहा हो, या फिर चाहकर भी ऐसा कर पाने में असमर्थ हो। हालांकि, रूस ने ICC के इस कदम की तुलना टॉयलेट पेपर से करी है।
आपको यह भी बता दें कि आइसीसी के कुल 123 देश सदस्य हैं। इनमें ब्रिटेन जापान, जर्मनी, कनाड़ा और अफगानिस्तान जैसे देश शामिल हैं पर अमेरिका भारत, चीन और अमेरिका जैसे बड़े देश इसके सदस्य नहीं हैं। और यहां तक कि खुद रूस भी इसका सदस्य नहीं है और इस कोर्ट का यूनाइटेड नेशन्स से भी कोई संबंध नहीं।
आपको यह भी बता दें कि आईसीसी ने वारंट तो जारी कर दिया, लेकिन इसके पास अपनी कोई पुलिस फोर्स नहीं है और गिरफ्तारी के लिए वो पूरी तरह से अपने सदस्य देशों पर निर्भर है। वहीं भविष्य में अगर पुतिन ऐसे आईसीसी के किसी सदस्य देश में ट्रैवल करते हैं तो उस देश की अपनी पुलिस के पास ये अधिकार है कि वो इंटरनेशनल कोर्ट के वारंट पर उन्हें अरेस्ट कर सके।