डेस्क। बिहार सरकार ने हाल ही में रमजान को लेकर मुस्लिम कर्मचारियों को एक घंटे पहले ऑफिस आने और जाने की सुविधा दी है। इस बीच राज्य सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने एक बयान देकर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनका यह कहना है कि हिंदुस्तान में 90 प्रतिशत से ज्यादा मुसलमान कंवर्टेड हैं साथ ही उन्होंने कहा है कि दलितों ने जातिवाद से प्रेरित अत्याचारों से बचने के लिए इस्लाम धर्म को अपनाया है।
बिहार सरकार में भवन निर्माण के कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी भीम चौपाल के अवसर पर नालंदा जिला मुख्यालय बिहार शरीफ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल भी हुए थे। और इस दौरान, उनसे पत्रकारों ने बिहार सरकार द्वारा हाल ही में की गई घोषणा को लेकर सवाल भी किया था। इसके जवाब में उन्होंने यह कहा था कि भारत के 90 फीसदी से ज्यादा मुसलमान धर्मांतरित मौजूद हैं। राज्य सरकार ने इसकी घोषणी भी की है कि मुस्लिम कर्मचारी रमजान के महीने में 1 घंटा पहले ऑफिस आ सकते हैं और शाम में ऑफिस से एक घंटा पहले निकल भी सकते हैं।
सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों और अधिकारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रमजान के महीने में निर्धारित समय से एक घंटे पहले कार्यालय आने और निर्धारित समय से एक घंटे पहले कार्यालय छोड़ने की अनुमति भी दी है। साथ ही इसके संबंध में एक परिपत्र भी जारी किया गया था। और भारतीय जनता पार्टी इस कदम को लेकर बिहार सरकार को घेरने में भी जुटी हुई है।
भाजपा ने सर्कुलर पर आपत्ति भी जताई है और उसका यह कहना है कि इस तरह की सुविधा नवरात्री के दौरान हिंदुओं को क्यों नहीं दी जाती है।
साथ ही इसे लेकर अशोक चौधरी ने भाजपा पर हमला भी बोला और कहा कि वह हिंदू-मुस्लिम एंगल को लेकर कुछ ना कुछ बोलते ही रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की सुविधा हमेशा अल्पसंख्यकों को दी गई है। साथ ही भाजपा हमेशा हर मुद्दे में हिंदू-मुस्लिम एंगल ढूंढती है। उन्होंने आगे यह भी कहा, “मुसलमान कौन हैं? वे लंदन या अमेरिका से नहीं आए हैं। वे अफगानिस्तान से भी नहीं आए हैं छुआछूत और जाति व्यवस्था से तंग आकर 90 फीसदी मुस्लिम बाद में धर्मांतरित हो गए थे।”