डेस्क। West Bengal News: पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (WBBSE) के 2022-2023 सत्र के लिए कक्षा -10 के बोर्ड एग्जाम के एक पेपर में छात्रों से भारत के मानचित्र (Map) पर ‘आजाद कश्मीर’ की पहचान करने को बोला गया है।
वहीं इस सवाल पर बवाल मचने के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार से मामले की जांच करने को भी बोला है। साथ ही दूसरी ओर भाजपा ने राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार पर अलगाववादी समर्थित होने का आरोप भी लगाया है।
पश्चिम बंगाल में बोर्ड परीक्षा के लिए जारी मॉडल प्रश्न पत्र में शामिल एक प्रश्न को लेकर सियासी घमासान छिड़ चुका है। साथ ही टेस्ट पेपर में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को आजाद कश्मीर के रूप में संदर्भित भी किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर इतिहास की परीक्षा के पेपर के पेज 132 का स्क्रीनशॉट वायरल होने लगा है।
बता दें इस सवाल में कश्मीर को आजाद कश्मीर कह कर संबोधित किया गया है। इसे लेकर राज्य की राजनीति काफी गरमा गई है।
वहीं राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इसे लेकर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अलगाववादी एजेंडा चलाने का आरोप भी लगाया है। साथ ही यह मामला केंद्र सरकार तक भी पहुंच गया है। वही केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने इस मामले की त्वरित जांच भी करी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के कक्षा 10वीं के पेपर में आज़ाद कश्मीर के उल्लेख पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा है कि, “पेपर बनाने वाले राष्ट्र विरोधी हैं। वो आतंक को बढ़ावा दे रहे हैं। साथ ही राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री को उन्हें पत्र लिखना चाहिए और ये टेस्ट पेपर सेल बंद होना चाहिए।”
इसी कड़ी में भाजपा ने टीएमसी पर अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप भी लगाया है। वही बीजेपी सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि “ममता सरकार अलगाववादियों की समर्थक है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को आज़ाद कश्मीर के रूप में पहचाने जाने के लिए कहा गया है। वहीं यह राज्य सरकार न केवल उग्रवादियों का समर्थन कर रही है, बल्कि युवा छात्रों में भारत विरोधी मानसिकता पैदा करने की भी कोशिश है।”