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Join NowBihar liquor ban: बिहार की बहुचर्चित और विवादास्पद शराबबंदी नीति (Liquor Ban Policy) एक बार फिर देशव्यापी सुर्खियों और सियासी बवंडर के केंद्र में आ गई है। इस बार हमला विपक्ष ने नहीं, बल्कि एक सहयोगी दल के ही मंत्री ने बोला है। मध्य प्रदेश के धर्मस्व मंत्री और बीजेपी नेता धर्मेंद्र लोधी ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार की नीति पर तीखे सवाल दागते हुए दावा किया है कि राज्य में शराबबंदी सिर्फ एक दिखावा बनकर रह गई है। अपने एक फेसबुक लाइव के दौरान उन्होंने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में सिर्फ एक फोन करने पर शराब माफिया (Liquor Mafia) घर तक शराब पहुंचाते हैं, जिससे अवैध शराब का एक समानांतर तंत्र फल-फूल रहा है। उनका यह बयान अब सोशल मीडिया पर आग की तरह वायरल हो रहा है, जिसने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है।
“कानून का डर नहीं, माफिया का राज! बिहार में बंदी सिर्फ नाम की” – धर्मेंद्र लोधी का सीधा हमला
धर्मेंद्र लोधी ने शराबबंदी की सफलता पर गहरा संदेह जताते हुए कहा कि किसी भी सामाजिक बुराई को सिर्फ कानून बनाकर खत्म नहीं किया जा सकता, जब तक कि व्यक्ति खुद उसे छोड़ने का संकल्प न ले। उन्होंने कहा, “अगर आप दारू बंद भी करवा देंगे तो पीने वाला कहीं न कहीं से इंतजाम कर ही लेगा।”
मंत्री ने बिहार और गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों राज्यों में शराबबंदी लागू है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां करती है। उन्होंने अपने दावे को पुख्ता करते हुए कहा, “मैंने जब जानकारी ली तो पता चला कि बिहार में शराबबंदी तो है, लेकिन वहां माफिया घर-घर शराब पहुंचा रहे हैं। बस एक फोन करो तो शराब आपके दरवाजे पर आ जाती है।” यह बयान बिहार में अवैध शराब की होम डिलीवरी (Home Delivery of Illegal Liquor) के तंत्र की ओर एक गंभीर इशारा है, जो नीतीश सरकार के दावों पर सीधा सवाल खड़ा करता है।
आरोपों पर सफाई देते-देते बिहार सरकार पर क्यों साधा निशाना?
दिलचस्प बात यह है कि धर्मेंद्र लोधी यह बयान तब दे रहे थे जब वह अपनी ही विधानसभा में शराब माफिया से संबंधों के आरोपों पर फेसबुक लाइव के माध्यम से सफाई दे रहे थे। इसी सफाई के दौरान उन्होंने बिहार की स्थिति का उदाहरण देकर अप्रत्यक्ष रूप से नीतीश कुमार की प्रमुख नीति पर निशाना साध दिया। हालांकि, लोधी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने क्षेत्र के किसी भी प्रत्याशी या व्यक्ति का नाम सार्वजनिक मंच पर नहीं लिया है। उन्होंने कहा, “चाहे सुजान सिंह हों या आशीष जी, मैंने किसी का नाम नहीं लिया। मैंने किसी की मानहानि नहीं की।”
बंदी नहीं, नशामुक्ति है असली समाधान: मंत्री ने दिखाया आईना
धर्मेंद्र लोधी ने जोर देकर कहा कि शराबबंदी तभी कारगर हो सकती है जब समाज में इसे एक जन आंदोलन बनाया जाए और नशामुक्ति अभियान (De-addiction Campaign) को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा, “आपको शराब बंद करवानी है तो व्यक्ति को उस संगठन से जोड़िए जो उसे नशे की लत से मुक्त बना सके। सिर्फ कानून बनाकर आप किसी की आदत नहीं बदल सकते।” लोधी के इस बयान ने बिहार की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है, क्योंकि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अपनी ही सहयोगी पार्टी की सरकार की नीति की प्रभावशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में चुनावी माहौल गर्म है, जिससे यह न सिर्फ बिहार के लिए बल्कि भाजपा के भीतर भी चर्चा का एक गर्म मुद्दा बन गया है। अब देखना यह होगा कि JDU और बिहार सरकार इन आरोपों का क्या जवाब देती है।














