डेस्क। भारत में इस समय कई बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। डेंगू फैल रहा है और केरल में निपाह ने फिर से दस्तक दी है। इस बीच देश में स्क्रब टाइफस बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी की चपेट में आने से ओडिशा और शिमला में मिलाकर 14 लोगों की मौत हो गई है।
स्क्रब टाइफस एक ऐसी बीमारी है जो कीड़े के काटने के करण होती है। इस कीड़े को चिगर्स बोलते हैं। ये कीड़ा घास में और जंगलों में रहता है और अगर ये किसी इंसान को काट लेता है तो उसको स्क्रब टाइफस का संक्रमण हो जाता है।
Nipah Virus Symptoms in Hindi: चिंता का विषय बना निपाह वायरस, जानिए इसके लक्षण
इस बीमारी के लक्षण एक से दो सप्ताह बाद दिखते हैं और ये कीड़ा कुछ जानवरों के शरीर पर भी रहता है। जंगल वाले इलाकों में रहने वाले लोग आसानी से इस कीड़े के संपर्क में आते हैं। वहीं अगर समय पर इलाज ने मिले तो 15 से 20 दिन में मरीज की मौत तक हो जाती है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार,स्क्रब टाइफस बीमारी को बूश टाइफस भी बोला जाता है। इस बीमारी के होने के बाद पहले बुखार आता है और उसके बाद शरीर में तेज दर्द होता है। शरीर के जिस हिस्से पर कीड़े ने काटा हो वहां लाल रंग का निशान पड़ जाता है। चिंता की बात यह है कि संक्रमित होने के काफी दिनों बाद इसके लक्षण दिखते हैं और इतने समय में इस बीमारी का संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाता है। ऐसे में मरीज की जान बचाना भी बहुत मुश्किल हो जाता है।
इन लोगों को खतरा
सीडीसी ने बताया है कि स्क्रब टाइफस से प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को बुखार की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। साथ ही अगर बुखार है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और इस मामले में की गई देरी मौत का कारण बन जाती है। जो लोग जंगल के इलाकों में रहते हैं या अपने रोजाना के काम के लिए जंगल में जाते हैं उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। कीड़े के काटने के बाद होने वाली इस बीमारी में मृत्यु दर काफी ज्यादा होती है। ऐसे में इसको हल्के में नहीं न लें।
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