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कोरोना वायरस से ठीक हुए लोग, इन परेशानियों से जूझ रहे 

 

 

डेस्क। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले भले ही इन दिनों काफी नियंत्रित रहे हैं, पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ संक्रमण के जोखिमों को लेकर सभी लोगों को निरंतर सावधानी बरतते रहने की सलाह भी दे रहे हैं।

अध्ययनकर्ताओं ने ये बताया है, कोरोनावायरस जीवित रहने के लिए लगातार म्यूटेट होता रहता है, यही कारण है कि हर बार नए-नए वैरिएंट्स देखने के लिए मिल रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि हम सभी निरंतर कोरोना से बचाव के उपाय भी करते रहें। भले ही आपका वैक्सीनेशन हो चुका है, फिर भी नए वैरिएंट्स से संक्रमण का जोखिम भी हो सकता है। टीके आपको गंभीर रोगों से सुरक्षा देते हैं।

कोरोना के वैश्विक जोखिमों के बीच महामारी की शुरुआत से ही लॉन्ग कोविड जिसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम के रूप में भी इसे जाना जाता है, ये विशेषज्ञों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। शोधकर्ताओं ने यह बताया है कि कुछ लोगों में पोस्ट कोविड के लक्षण एक साल से अधिक समय तक भी देखे जा रहे हैं। साथ ही थकान-कमजोरी से लेकर लॉन्ग कोविड के कारण लोगों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी रिपोर्ट करी जा रही हैं।

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तो आइए ऐसे ही चार सबसे ज्यादा देखी जा रही समस्याओं के बारे में जान लेते हैं।

थकान-कमजोरी और सांस फूलने की भी दिक्कत

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने ये बताया, कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में जो दिक्कत सबसे ज्यादा देखी जा रही है, वह है लंबे समय तक बनी रहने वाली कमजोरी-थकान की समस्या। वहीं कुछ लोगों को सांस फूलने की भी दिक्कत हो सकती है। अध्ययनकर्ताओं ने ये बताया, वृद्ध लोगों और अन्य बीमारियों के शिकार रहे लोगों में पोस्ट-कोविड की ये समस्याएं लंबे समय तक बने रहने की आशंका काफी अधिक हो सकती है।

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संक्रमण में वायरस से मुकाबले के दौरान शरीर में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी हो जाती है जिस कारण से ठीक होने के बाद भी इस तरह की समस्याएं बनी ही रह सकती हैं।

हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामले

क्लीवलैंड क्लीनिक की रिपोर्ट की माने तो जिन लोगों में कोविड-19 के हल्के या गंभीर लक्षण रहे हैं, ऐसे बड़ी संख्या में रोगियों में लॉन्ग कोविड की स्थिति में हार्ट से संबंधित दिक्कतें साफ देखी जा रही हैं। कुछ स्थितियों में इसके कारण हार्ट अटैक के केस भी बढ़ रहे हैं।

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अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की एक रिपोर्ट की माने तो संक्रमण से ठीक होने के महीनों बाद तक किसी व्यक्ति में हृदय संबंधी समस्याएं बने रहने की आशंका दोगुनी से अधिक भी पाई गई हैं। 58 लाख लोगों पर किए गए 11 अध्ययनों के मेटा-विश्लेषण में ऐसा पाया गया है कि कोरोनावायरस ने हृदय को गंभीर क्षति पहुंचाई है, जिससे इसकी कार्यक्षमता में काफी कमी आ गई है। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अमेरिका में लगभग 7 में से 1 व्यक्ति ने लॉन्ग कोविड का अनुभव भी किया है।

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