डेस्क। Varanasi News : कोचिंग पढ़ने जाने वाली एक किशोरी का शव ट्रेन की बोगी में मिलने के बाद से क्षेत्र में काफी सनसनी फैल गई थी। यह लाश जूट के एक बोरे से बरामद की गई और शव के हाथ पैर बंधे हुए थे।
पुलिस ने बड़ी मशक्कत के बाद हत्यारे को अरेस्ट किया है और उसे जेल भेज दिया गया है।
बीते महीने 21 फरवरी को वाराणसी के बनारस स्टेशन के ट्रेन के एक युवती की बोरी में बंधी हुई लाश मिली थी। मृत युवती की हत्या कर उसे बोरे में रखा गया था और मृत युवती वाराणसी के कपसेठी क्षेत्र की किशोरी थी जिसका अपहरण, दुष्कर्म और हत्या कर शव ट्रेन की बोगी में रखने का आरोपी कोचिंग संचालक संजय पटेल पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। कपसेठी थाने की पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने उसे गिरफ्तार किया है।
बता दें किशोरी सहेली के घर जाने का कहकर निकली थी। किशोरी एडीसीपी गोमती जोन आकाश पटेल ने बताया कि किशोरी 19 फरवरी को सहेली के घर जाने की बात कहकर अपने घर से निकली थी और इसके बाद लौटकर नहीं आई।
20 फरवरी की रात किशोरी का हाथ-पैर बंधा शव बनारस रेलवे स्टेशन पर लखनऊ-बनारस इंटरसिटी ट्रेन की जनरल बोगी में टॉयलेट के पास जूट की बोरी में रखा हुआ मिला था। 21 फरवरी को किशोरी के शव की पहचान हुई और उसके बाद पोस्टमार्टम कराया गया और रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि किशोरी गर्भवती थी और दम घुटने से उसकी मौत हुई थी।
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कई संदिग्धों से पूछताछ के बाद पुलिस को कोचिंग संचालक पर शक हुआ। घटना के कुछ दिन बाद कॉल डिटेल के आधार पर संदिग्धों से पूछताछ की गई और इस बीच कोचिंग संचालक भूमिगत हो गया था। पुलिस जांच में पता चला कि किशोरी उसके यहां पढ़ने जाती थी और इसी वजह से उस पर पुलिस का शक गहराता चला गया। कड़ी मशक्कत के बाद वह पकड़ा गया। एसीपी राजातालाब अजय श्रीवास्तव ने बताया कि दस साल पहले कोचिंग संचालक संजय पटेल क्षेत्र के एक स्कूल में शिक्षक था, जहां छात्रा से अश्लीलता के बाद उसे निकाल दिया गया था।
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बाद में उसने कोचिंग सेंटर खोल लिया था। छात्रा से कोचिंग संचालक का छह महीने से संबंध था, जिसके चलते वह गर्भवती भी हो गई थी। वाराणसी में ये घटना काफी चर्चा में थी और हत्यारे को पकड़ने के लिए परिवार वालों संग गांववालों ने विरोध प्रदर्शन किया था। अब जब हत्यारा पुलिस के शिकंजे में आ गया है तो परिवार वालों की मांग है कि उसे फांसी की सजा दी जाएं।