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चुनाव आयुक्त बोले दुनिया की नजर हमपर

 

 

डेस्क। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बोला है कि हमने राजनीतिक दलों से कहा कि वे चुनाव आयोग की गाइडलाइन को अपने स्टार कैम्पेनर के संज्ञान में लाएं। पिछली बार नैतिक सेंसर था, लेकिन अब हम अतीत को भी देखेंगे। अगर किसी ने नफरत भरे भाषण दिए, निजी जिंदगी से जुड़े पहलुओं पर गलत बयान दिए, धार्मिक नफरत फैलाने की बात बोली तो उसपर कड़ी कार्रवाई होगी।

चुनाव आयोग ने शनिवार को लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनावों की तारीखों की घोषणा भी है आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसका एलान कर है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया और आयोग की पूरी योजना भी बताई। 

चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि आयोग पूरी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर चुका है। इतना ही नहीं, इस बार निर्वाचन आयोग नेताओं पर सबसे ज्यादा सख्त रहेगा और मतदाताओं को सबसे ज्यादा सहूलियत भी दी जाएगी। तो आइए पढ़ते हैं विस्तार से…

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मुख्य चुनाव आयुक्त ने बोला कि यह हम लोगों के लिए ऐतिहासिक क्षण है। 2024 दुनिया के लिए भी चुनावों का साल साबित होगा। दुनिया के सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र के रूप में भारत पर सभी का ध्यान केंद्रित रहता है। लोकतंत्र के रंग यहां उभरते हैं और सभी हिस्सों का इसमें समावेश भी होता है। हमारा यह वादा है कि हम चुनाव इस तरह कराएंगे जो देश की चमक को और भी बढ़ाएगा। 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है। जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव होना बाकी हैं।  हमारे पास 97 करोड़ मतदाता हैं। 

 हमारे पास 10.5 लाख मतदान केंद्र हैं, जिनकी जिम्मेदारी डेढ़ करोड़ लोगों के पास होती है और 55 लाख ईवीएम हैं। 

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चुनाव आयोग अब तक 17 आम चुनाव और 400 से ज्यादा विधानसभा चुनाव करा चुका है वहीं पिछले 11 चुनाव शांतिपूर्ण रहे हैं। अदालती मुकदमे भी कम हुए हैं।

मतदाता सूची की प्रक्रिया में राजनीतिक दलों को शामिल किया गया

उन्होंने ये भी कहा कि राजनीतिक दलों को मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल किया गया है ताकि बाद में कोई यह नहीं कहे कि हमें इस बारे में नहीं बताया गया। जिलाधिकारियों ने हर जिले में राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की हैं। उनकी आपत्तियों का निराकरण भी किया गया है। 

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नए मतदाताओं में 85 लाख महिलाएं, 1 अप्रैल से 13.4 लाख नए मतदाता जुड़ेंगे

उन्होंने ये भी कहा कि महिला मतदाताओं को जोड़ने में भी हमने मेहनत की है। देश के 12 राज्य ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों की संख्या पुरुष मतदाताओं से काफी ज्यादा हो गई है। इस बार 18 से 19 वर्ष के 1.8 करोड़ मतदाताओं में 85 लाख तो महिला मतदाता ही हैं। 17 से ज्यादा उम्र के 13.4 लाख नए मतदाताओं की अग्रिम अर्जियां हमारे पास में आ चुकी हैं। ये ऐसे वोटर होंगे, जो 1 अप्रैल को 18 साल की उम्र भी पूरी कर लेंगे।

पूरे देश में पहली बार 85 वर्ष से ज्यादा उम्र के मतदाता घर बैठे वोट दे पाएंगे। 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बोला है कि इस बार पूरे देश में एक व्यवस्था पहली बार लागू होने जा रही है। जो 85 वर्ष से ज्यादा उम्र के मतदाता हैं या जो 40 फीसदी से ज्यादा विकलांगता वाले वोटर हैं, उनके पास फॉर्म 12 डी को पहुंचाया जाएगा। अगर वे मतदान केंद्र पर नहीं जाना चाहते तो उनके घर जाकर उनका वोट पंजीकृत करा जाएगा । इसके लिए हमने चुनावी ड्यूटी में लगे कर्मियों को प्रशिक्षित भीं कर दिया है।

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