देश - विदेश

Election Commission: सीलबंद लिफाफे को लेकर चुनाव आयोग ने SC से की ये मांग 

 

डेस्क। Election Commission: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे लिफाफा लौटने का निर्देश जारी किया है। लिफाफे की जानकारी को अपलोड करने का भी निर्देश दिया गया है।

Electoral Bond Case: चुनाव आयोग को पिछले कुछ दिनों से बार-बार सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (15 मार्च) को चुनाव आयोग की एक याचिका पर सुनवाई की है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से पिछली सुनवाइयों के दौरान सौंपे गए दो सीलबंद लिफाफे को वापस मांगने की भी अर्जी दी थी। देश के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करी।

क्या BSP कमजोर कर देगी यूपी का एकजुट विपक्ष 

अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन दो सीलबंद लिफाफों में क्या है, जिसके लिए चुनाव आयोग तुरंत अदालत के दरवाजे पर पहुंच चुका है।

Electoral Bond Data: जानिए टॉप 10 डोनर्स के बारे में

सुप्रीम कोर्ट ने 12 अप्रैल 2019 और 2 नवंबर, 2023 को इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर आदेश भी पारित किए हैं। इसमें बॉन्ड को लेकर जानकारियां मांगी गईं हैं और चुनाव आयोग ने इन आदेशों का पालन करते हुए कोर्ट के समक्ष इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़े दस्तावेजों के दो सीलबंद लिफाफे भी सौंपे थे जिन्हें आयोग वापस लेने के लिए अदालत पहुंचा था।

आयोग ने याचिका में क्या बोला?

चुनाव आयोग ने अपनी याचिका में बोला है कि उसने सु्प्रीम कोर्ट को जो दो सीलबंद लिफाफे दिए हैं, उन्हें उसे वापस कर दिया जाए। जिस वजह ये है कि उसने गोपनीयता बरकरार रखने के लिए दस्तावेजों की कोई भी कॉपी अपने पास नहीं रखी है। ऐसे में अब उसे इन दस्तावेजों को लौटाया भी जाना चाहिए, ताकि वह सुप्रीम कोर्ट के 11 मार्च को दिए इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर दिए गए आदेश के तहत दस्तावेजों में मौजूद जानकारी को अपनी वेबसाइट पर अपलोड भी कर सके।

SC ने सुनवाई के दौरान आखिर क्या बोला?

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों लिफाफे लौटाने को मंजूरी भी दी है। अदालत ने ये कहा कि सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री इन लिफाफों में मौजूद दस्तावेजों को तुरंत स्कैन करे और अपने रिकॉर्ड में भी रख ले।

इसके बाद ऑरिजनल दस्तावेजों को चुनाव आयोग को लौटा दिया जाए और अदालत ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह 17 मार्च तक इन दोनों लिफाफों में मौजूद दस्तावेजों की जानकारियों को वेबसाइट पर अपलोड भी कर दे।

Related Posts

1 of 664