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Adarsh Aachar Sanhita in Election Explained

 

 

Desk। Aachar Sanhita in Election Explained : चुनाव तारीखों की घोषणा की तारीख से आदर्श आचार संहिता को लागू किया गया है और यह चुनाव प्रक्रिया के पूर्ण होने तक लागू भी रहती है। लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता पूरे देश में जबकि विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में लागू करी जाती है।

चुनाव आयोग ने कल 16 मार्च को लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान कर दिया है। तारीखों के एलान के साथ ही देशभर में आचार संहिता लागू हो गई है। इससे पहले आयोग ने एजेंसियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें धन और बाहुबल पर अंकुश लगाने का निर्देश भी दिया। इसके साथ ही बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण के साथ चलने की भी बात बोली है।

जानिए आदर्श आचार संहिता क्या है?

आदर्श आचार संहिता राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों के मार्गदर्शन के लिए निर्धारित किए गए मानकों का एक ऐसा समूह है जिसे राजनैतिक दलों की सहमति द्वारा तैयार किया गया है। आदर्श आचार संहिता में चुनाव आयोग की भूमिका काफी अहम होती है। संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन संसद और राज्य विधानमंडलों के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावोंका आयोजन चुनाव आयोग का सांविधिक कर्तव्य होता है।

जानिए आदर्श आचार संहिता कितने दिनों तक लागू रहती है?

चुनाव आयोग द्वारा चुनाव तारीखों की घोषणा की तारीख से इसे लागू भी किया जाता है और यह चुनाव प्रक्रिया के पूर्ण होने तक लागू रहती है। लोकसभा चुनावों के दौरान आदर्श आचार संहिता पूरे देश में जबकि विधानसभा चुनावों के दौरान पूरे राज्य में लागू करी जाती है।

आदर्श आचार संहिता की क्या हैं विशेषताएं ?

इसकी मुख्य विशेषताएं निर्धारित करती हैं कि राजनीतिक दलों, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और सत्ताधारी दलों को चुनाव प्रक्रिया के दौरान कैसा व्यवहार रखना चाहिए। चुनाव प्रक्रिया, बैठकें आयोजित करने, शोभायात्राओं, मतदान दिन की गतिविधियों और सत्ताधारी दल के कामकाज भी इसके द्वारा ही निर्धारित होते हैं।

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वहीं मंत्री अपने आधिकारिक दौरे को चुनाव प्रचार संबंधी कार्यों के साथ नहीं मिलाएंगे और न ही चुनाव प्रचार संबंधी कार्यों के दौरान सरकारी तंत्र या कार्मिकों का प्रयोग भी करेंगे। हालांकि, चुनाव प्रचार दौरे के साथ आधिकारिक दौरे को मिलाने संबंधी आदर्श आचार संहिता के प्रावधान से प्रधानमंत्री को छूट दी गई है।

वहीं विमान, वाहनों इत्यादि सहित कोई भी सरकारी वाहन किसी दल या उम्मीदवार के हितों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रयोग नहीं कर जाएगा।

जानिए सरकार के लिए क्या नियम होते हैं?

चुनाव के आयोजन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए सभी अधिकारियों या पदाधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती पर संपूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि किसी अधिकारी का स्थानांतरण या तैनाती आवश्यक मानी जाती है तो पहले आयोग की अनुमति लेनी होती है।

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मंत्रियों को अपना आधिकारिक वाहन केवल अपने आधिकारिक निवास से अपने कार्यालय तक शासकीय कार्यों के लिए ही दिया जाता है। इसमें शर्त है कि इस प्रकार के सफर को किसी चुनाव प्रचार कार्य या राजनीतिक गति विधि से भी न जोड़ा जाए।

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