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Join NowPradhan Mantri Ujjwala Yojana: मई 2016 में, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (MOPNG) ने ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ (PMUY) को एक प्रमुख योजना के रूप में प्रस्तुत किया। इसका उद्देश्य ग्रामीण और वंचित परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन, जैसे एलपीजी, उपलब्ध कराना था, जो अन्यथा पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन जैसे लकड़ी, कोयला, गोबर के उपले आदि का उपयोग कर रहे थे।पारंपरिक खाना पकाने के ईंधन के उपयोग से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ रहा था।
यह योजना 1 मई 2016 को भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा उत्तर प्रदेश के बलिया में शुरू की गई थी।“स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” के नारे के साथ शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य महिलाओं को धुएं भरे जीवन से मुक्ति दिलाना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है।
इस योजना के तहत मार्च 2020 तक वंचित परिवारों को 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने का लक्ष्य रखा गया था। 7 सितंबर 2019 को, भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने औरंगाबाद, महाराष्ट्र में 8वां करोड़ एलपीजी कनेक्शन सौंपा। योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी होने से 1 मई 2016 को 62% से एलपीजी कवरेज बढ़कर 1 अप्रैल 2021 को 99.8% हो गया है।
वित्तीय वर्ष 21-22 के केंद्रीय बजट के तहत, पीएमयूवाई योजना के तहत अतिरिक्त 1 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जारी करने का प्रावधान किया गया है। इस चरण में प्रवासी परिवारों को विशेष सुविधा दी गई है। उज्ज्वला 2.0 के नाम से जाने जाने वाले इस चरण में प्रवासियों को पते के प्रमाण या राशन कार्ड की आवश्यकता नहीं होती है, केवल एक स्व-घोषणा ही पर्याप्त है।
योजना का विस्तार और वर्तमान स्थिति
सरकार ने इस योजना के लाभ को जारी रखते हुए इसका तीसरा चरण, यानी पीएमयूवाई 3.0 भी शुरू कर दिया है, ताकि अधिक से अधिक गरीब और वंचित परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान किया जा सके।1 सितंबर, 2024 तक, इस योजना के तहत 10.33 करोड़ से अधिक एलपीजी कनेक्शन स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे देश में एलपीजी कवरेज लगभग संतृप्त हो गया है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 26 तक 10.35 करोड़ परिवारों को इसका लाभ पहुँचाना है।
सब्सिडी और आर्थिक सहायता
इस योजना के तहत, सरकार प्रत्येक कनेक्शन के लिए ₹1,600 की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, और यह कनेक्शन केवल महिला लाभार्थियों के नाम पर जारी किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, सरकार ने लाभार्थियों को राहत देने के लिए प्रति सिलेंडर ₹300 की सब्सिडी भी प्रदान की है, जो प्रति वर्ष 12 रिफिल तक के लिए लागू है। यह कदम न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य की रक्षा करता है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बनाता है।
उज्ज्वला योजना का प्रभाव
इस योजना ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण पर गहरा प्रभाव डाला है।स्वच्छ ईंधन के उपयोग से उन्हें लकड़ी इकट्ठा करने और धुएं में खाना पकाने के कठिन परिश्रम से मुक्ति मिली है, जिससे वे अन्य उत्पादक गतिविधियों में शामिल हो सकी हैं।अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने उज्ज्वला योजना को “ऊर्जा गरीबी को समाप्त करने में एक गेम-चेंजर” कहा है।यह योजना वास्तव में एक सामाजिक क्रांति है, जिसने करोड़ों महिलाओं के जीवन को रोशन किया है।