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Join NowMP Sambal Yojana: मध्य प्रदेश की जनता के लिए एक दिल छू लेने वाली खबर सामने आई है। राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी सरकार सिर्फ वादों की सरकार नहीं है, बल्कि गरीबों के दुख-दर्द में चट्टान की तरह खड़ी रहने वाली सरकार है। मंगलवार को मंत्रालय में एक बेहद भावुक और महत्वपूर्ण कार्यक्रम हुआ, जिसने हजारों परिवारों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी।
सीधे खाते में 160 करोड़ रुपये का ट्रांसफर! (DBT Transfer of ₹160 Crores)
मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल 2.0) योजना के तहत प्रदेश के 55 जिलों के 7227 श्रमिक परिवारों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। मुख्यमंत्री ने एक क्लिक (Single Click) के जरिए इन परिवारों के बैंक खातों में 160 करोड़ रुपये की अनुग्रह सहायता राशि ट्रांसफर कर दी है।
सोचिए, जिस परिवार ने अपना कोई प्रियजन खोया हो या जो आर्थिक तंगी से जूझ रहा हो, उसके खाते में अचानक सरकार की तरफ से सहायता राशि आ जाए, तो उन्हें कितना बड़ा ‘संबल’ (Support) मिलता है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हमारी सरकार गरीब, लाचार और मेहनत करने वाले श्रमिकों को अकेला नहीं छोड़ेगी। हम उनके सुख-दुख के साथी हैं।”
क्या है संबल योजना का रिपोर्ट कार्ड?
यह योजना 2018 में शुरू हुई थी और तब से यह लाखों लोगों के लिए उम्मीद की किरण बनी हुई है। डॉ. यादव ने जानकारी दी कि योजना की शुरुआत से अब तक 7.76 लाख परिवारों को कुल 7383 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि बांटी जा चुकी है। यह कोई छोटा आंकड़ा नहीं है, यह सरकार की संवेदनशीलता का प्रमाण है।
अब जोमेटो-स्विगी वालों (Gig Workers) की भी बल्ले-बल्ले
समय बदला है और उसके साथ काम करने के तरीके भी। पहले सिर्फ पत्थर तोड़ने वाले या ईंट बनाने वाले ही श्रमिक माने जाते थे। लेकिन मोहन यादव सरकार ने एक क्रांतिकारी फैसला लेते हुए गिग वर्कर्स (Gig Workers) और प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स को भी असंगठित श्रमिक का दर्जा दे दिया है।
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यानी अब जो युवा ऑनलाइन डिलीवरी या प्लेटफॉर्म के जरिए काम कर रहे हैं, वे भी 1 मार्च 2024 से इस योजना के दायरे में आ गए हैं।
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अभी तक 1400 से ज्यादा गिग वर्कर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा भी लिया है। अगर आप भी फ्रीलांस या डिलीवरी का काम करते हैं, तो आज ही संबल कार्ड (Sambal Card) के लिए आवेदन करें।
गर्भवती बहनों को 16,000 रुपये और 5 लाख का फ्री इलाज
संबल योजना सिर्फ मृत्यु पर मिलने वाली सहायता नहीं है, बल्कि यह “जन्म से मृत्यु” तक का सुरक्षा कवच है। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि गरीब परिवारों के लिए बीमारी और बच्चों की पढ़ाई सबसे बड़ी चिंता होती है।
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गर्भावस्था सहायता: श्रमिक परिवार की गर्भवती बहनों को काम पर न जाना पड़े और वे अपनी सेहत का ख्याल रख सकें, इसके लिए सरकार 16,000 रुपये (Matritva Sahayata) नकद देती है।
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फ्री इलाज: संबल कार्डधारियों को आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) से जोड़ दिया गया है, जिससे उन्हें 5 लाख रुपये तक का इलाज बिल्कुल मुफ्त मिलता है।
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मुफ्त राशन: 25 लाख से अधिक नए ई-श्रमिक परिवारों को राशन पर्ची दी गई है ताकि किसी का भी परिवार भूखा न सोए।
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बच्चों की पढ़ाई: गरीब श्रमिक का बेटा-बेटी अगर उच्च शिक्षा (Engineering/Medical) में जाना चाहता है, तो उसकी पूरी फीस राज्य सरकार भरती है।
मंत्री बोले- अब इंतजार नहीं करना पड़ता (Speedy Disposal)
श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने बताया कि पहले पैसा मिलने में सालों लग जाते थे, लेकिन अब सिस्टम इतना फास्ट हो गया है कि हम मात्र 60 दिनों (2 महीने) के अंदर पीड़ित परिवार को भुगतान कर देते हैं। संबल 2.0 पोर्टल पर अब तक 43 लाख नए लोग जुड़ चुके हैं और कुल 1.83 करोड़ श्रमिक इस महायोजना का हिस्सा हैं।
आप अकेले नहीं हैं
मुख्यमंत्री का यह संदेश कि “कोई भी श्रमिक परिवार खुद को असहाय न समझे,” बताता है कि सरकार आपकी जमा-पूंजी की तरह आपके बुरे वक्त में काम आने के लिए तैयार खड़ी है। अगर आपके पास अभी तक संबल कार्ड नहीं है, या आपके आस-पास कोई ऐसा जरूरतमंद है, तो तुरंत ऑनलाइन पोर्टल या ग्राम पंचायत के जरिए आवेदन करवाएं। सरकार पैसा दे रही है, बस आपको हाथ बढ़ाकर उसे लेना है।















