राजनीति

Rahul Gandhi Book: क्यों राहुल गांधी पर लिखी किताब बन रही गले की फ़ांस

Rahul Gandhi Book by Dayashankar Mishra: कांग्रेस पार्टी के नेता और सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी को सोशल मीडिया ने जनता के बीच पप्पू के रूप में प्रस्तुत किया और राहुल की राजनीतिक समझ पर क्यूश्चन मार्क लगा दिया। राहुल की जनता के बीच निगेटिव छवि विकसित करने में कहीं न कहीं बीजेपी का हाथ रहा। लेकिन जब कांग्रेस के हाथ से सत्ता गई तो राहुल ने स्वयं को गढ़ना शुरू किया। आज समय बदल गया है जनता राहुल गांधी की वास्तविकता समझ रही है। जनता को पता है राहुल गांधी सिर्फ सोनिया गांधी के बेटे नहीं है बल्कि वह जनता के नायक हैं। भारत जोड़ो यात्रा ने राहुल को आज जन-जन तक पहुंचाया है।

वही राहुल की गाथ की व्याख्या करते हुए एक किताब दयाशंकर मिश्रा में लिखी राहुल गांधी। किताब तानाशाही, साम्प्रदायिकता,प्रेम और सद्भावना की कहानी बता रही है। किताब राहुल गांधी का संघर्ष बता रही है। लेकिन किताब के लेखक के विरुद्ध अब सोशल मीडिया पर एजेंडा चल रहा है। किताब अमेजन पर उपलब्ध है और लेखक को धमकियाँ मिल रही हैं। अब एक सवाल यह भी उठता है कि यह धमकियां लेखक को मिल रही हैं या स्वतंत्र कलम को। क्योंकि जब किताब मोदी या किसी अन्य नेता पर लिखी जाती है तो सवाल मौन धारण करते हैं लेकिन जब किताब राहुल पर लिखी जाती है तो लेखक को धमिकयां मिलती हैं उसकी कलम पर पूर्ण विराम लगाने का प्रयास किया जाता है और लेखक को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ जाता है।

किताब लिखना ख़तरनाक काम राहुल गांधी पर लिखना:

अपनी किताब के संदर्भ में लेखक दयाशंकर मिश्रा एक एक्स पोस्ट करते हैं किताब लिखना ख़तरनाक काम है… किताब लिखना ख़तरनाक काम है। राहुल गांधी पर किताब लिखना ख़तरनाक है । किताब छपने से कौन डरता है? किताब अमेजॉन पर उपलब्ध है। किताब की कीमत केवल ₹650 है। लेकिन सांप्रदायिकता, दुष्प्रचार,तानाशाही का विरोध करने वाली किताब के पीछे आईटी सेल और ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ पड़ गई है। किताब को पाठकों तक पहुंचने से रोका जा रहा है।

सांप्रदायिकता,दुष्प्रचार और तानाशाही के समर्थक किताब की कीमत कहीं 5001 तो कहीं 890 प्रचारित कर रहे हैं। उनका बदला मेरे इस्तीफ़े से पूरा नहीं हुआ। अब गालियों, धमकी के साथ किताब के पीछे पड़ गए हैं। मेरा अस्तित्व पाठकों के साथ पर निर्भर है। आपको स्पष्ट चुनाव करना होगा ।आप सांप्रदायिकता, तानाशाही के साथ हैं या मोहब्बत, प्यार और सद्भावना के साथ। नफ़रत को हराने के लिए सबको थोड़ा-थोड़ा कष्ट उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए। किताब को दुष्प्रचार से बचाने में मदद कीजिए। आपके प्यार का फिर शुक्रिया…

 

rahul gandhi book by dyashankar mishra

राहुल की किताब से किसे भय:

राहुल गांधी आज के समय में एक बेहतर राजनेता साबित हो रहे हैं। जनता के बीच उनकी पकड़ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। वह प्रत्येक व्यक्ति से मिलकर उसकी समस्या सुनने में रूचि रखते हैं। युवा, महिला, बच्चे या बुजुर्ग कोई भी आज के राहुल से अपनी व्यथा कह सकता है क्योंकि वह जानता है राहुल जनता के नेता हैं और जनता के लिए खड़े हैं। राहुल गांधी पर किताब दयाशंकर मिश्रा ने लिखी- उनके लिए यह आसान नहीं था। उनको लगातार धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी नौकरी चली गई। लोग उनकी किताब के प्रचार पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और एक वर्ग राहुल गांधी की किताब को जनता के बीच जाने से रोकना चाहता है।

अब एक सवाल यह भी उठता है कि कौन है जिसे राहुल गांधी पर लिखी किताब से समस्या है। कौन है जो राहुल गांधी की किताब के प्रचार – प्रसार पर प्रतिबंध लगाना चाहता है। कौन है जिसे राहुल गांधी की किताब को जनता के बीच जानें से रोकना है। ऐसे करने वाले असल में वह लोग हैं जिनको राहुल के सत्य को जनता के बीच जानें से रोकना है। यह वह लोग हैं जिन्हें सत्य से भय लगता है। यह वह लोग हैं जो जानते हैं यदि यह किताब जनता के बीच पहुंची तो राहुल उनके द्वारा रचे पप्पू वाले चक्रव्यूह से मुक्त हो जाएंगे और जनता के बीच राहुल की लोकप्रियता सत्ता की चूर हिला देगी।

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