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Join NowUPPSC Protest: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) एक बार फिर प्रतियोगी छात्रों के नारों और पुलिस के बूटों की आवाज से गूंज उठी है. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को लेकर छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. लेकिन, रविवार की देर रात इस आंदोलन में एक नया और चिंताजनक मोड़ आ गया, जिसने प्रशासन के हाथ-पांव फूला दिए.
आंदोलन का चेहरा बने और छात्रों का नेतृत्व कर रहे आशुतोष पांडेय (Ashutosh Pandey) की तबीयत देर रात अचानक बिगड़ गई. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस खबर के बाहर आते ही प्रतियोगी छात्रों के बीच बेचैनी बढ़ गई है. इधर, संभावित विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यूपीपीएससी मुख्यालय के बाहर का नजारा किसी ‘छावनी’ से कम नहीं लग रहा है.
सोमवार की सुबह: पुलिस मुस्तैद, लेकिन छात्रों की भीड़ कम?
प्रतियोगी छात्रों के संगठन ‘संयुक्त प्रतियोगी छात्र हुंकार मंच’ ने ऐलान किया था कि आज यानी सोमवार को सुबह 11 बजे से UPPSC गेट नंबर 2 पर विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा. इसके लिए बाकायदा पोस्टर जारी कर छात्रों को एकजुट होने का आह्वान किया गया था.
हालाँकि, जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. 11 बजने के बावजूद अभी तक आयोग के सामने छात्रों की बड़ी भीड़ जमा नहीं हो पाई है. इसकी एक बड़ी वजह छात्रों की चल रही परीक्षाएं बताई जा रही हैं. नेतृत्व का कहना है कि जैसे-जैसे परीक्षाएं खत्म होंगी, छात्रों का हुजूम यहां उमड़ना शुरू हो जाएगा और आंदोलन को नई धार मिलेगी.
अब पंकज पांडेय के हाथ में कमान: “हिंसा हुई तो आंदोलन खत्म”
आशुतोष पांडेय के अस्पताल में भर्ती होने के बाद अब आंदोलन की मशाल पंकज पांडेय (Pankaj Pandey) के हाथों में है. ‘हुंकार मंच’ के संयोजक पंकज पांडेय ने मीडिया और छात्रों को स्पष्ट संदेश दिया है कि यह लड़ाई संविधान के दायरे में और पूरी तरह शांतिपूर्ण होगी.
पंकज पांडेय ने दो टूक शब्दों में कहा, “यह छात्रों के हक की लड़ाई है. अगर इस पवित्र आंदोलन में किसी भी तरह की ‘राजनीति’ घुसी या किसी ने हिंसा का रास्ता अपनाया, तो हम तुरंत आंदोलन स्थगित कर देंगे.” उनका यह बयान प्रशासन को थोड़ी राहत देने वाला जरूर है, लेकिन छात्रों का आक्रोश कम नहीं हुआ है.
आखिर छात्र चाहते क्या हैं? (UPPSC Student Demands)
लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है. उनकी मांगें जायज हैं और सीधे तौर पर आयोग की पारदर्शिता (Transparency) से जुड़ी हैं. प्रतियोगी छात्र विशेष रूप से पीसीएस 2024 प्रारंभिक (PCS 2024 Prelims) और आरओ/एआरओ 2023 (RO/ARO Exam) से जुड़े मुद्दों को लेकर आक्रोशित हैं.
छात्रों की प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
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संशोधित आंसर की (Revised Answer Key): छात्रों का आरोप है कि आयोग अंतिम परिणाम जारी कर देता है, लेकिन विवादित प्रश्नों की संशोधित आंसर की जारी नहीं की जाती. यह छात्रों के साथ छलावा है.
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कट-ऑफ का खेल खत्म हो: छात्र चाहते हैं कि सभी वर्गों का कट-ऑफ (Cut-off Marks) और सभी अभ्यर्थियों के प्राप्तांक सार्वजनिक किए जाएं, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
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15 गुना पास करने का नियम: अलग-अलग भर्तियों की प्रारंभिक परीक्षा (Prelims) में सीटों के मुकाबले 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए सफल घोषित किया जाए.
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पारदर्शिता: ‘स्केलिंग’ और मॉडरेशन के नाम पर क्या होता है, यह स्पष्ट होना चाहिए.
ड्रोन से निगरानी, RAF तैनात: छावनी बना सिविल लाइंस का इलाका
प्रशासन कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है. खुफिया इनपुट और छात्रों के ऐलान को देखते हुए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह ‘अलर्ट मोड’ (Alert Mode) पर है.
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UPPSC के गेट और आसपास के पूरे इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है.
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हालात को काबू में रखने के लिए आरएएफ (RAF) के जवानों को विशेष रूप से तैनात किया गया है.
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आसमान से भी नजर रखी जा रही है. पूरे क्षेत्र में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की अराजकता को रोका जा सके.
फिलहाल, प्रयागराज में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है. अब देखना यह होगा कि आशुतोष पांडेय की सेहत और परीक्षा खत्म होने के बाद क्या यह आंदोलन 11 फरवरी जैसा विशाल रूप लेता है या प्रशासन इसे शांत कराने में सफल होता है.










