UP bus station name change: उत्तर प्रदेश, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में, लगातार देश के विकास मानचित्र पर अपनी एक अलग और सशक्त पहचान स्थापित कर रहा है। प्रदेश में बुनियादी ढाँचे के सुदृढीकरण से लेकर जन-कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन तक, योगी सरकार के निर्णय हमेशा जनहित और दूरगामी परिणामों पर केंद्रित होते हैं। इसी कड़ी में, प्रदेश में परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने और स्थानीय पहचान को सम्मान देने के उद्देश्य से, सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक और ऐतिहासिक फैसला लेते हुए दो प्रमुख बस अड्डों के नाम बदलने की घोषणा की है, जिससे क्षेत्र की जनता की वर्षों पुरानी मांग पूरी हुई है।
अंबेडकरनगर के बस अड्डों को मिली सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान
यह बड़ा और महत्वपूर्ण निर्णय उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले से जुड़ा है, जो धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं सोमवार, 16 जून को अंबेडकरनगर के अपने दौरे के दौरान इस अहम घोषणा का ऐलान किया। इस घोषणा के अनुसार, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (UPSRTC) के अधीन संचालित दो महत्वपूर्ण बस स्टेशनों को अब नए, अधिक प्रासंगिक और सम्मानजनक नामों से जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि अकबरपुर बस स्टेशन का नाम अब स्थानीय आस्था और सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक “बाबा धाम” के नाम पर रखा जाएगा। यह नामकरण न केवल क्षेत्र की धार्मिक भावनाओं का सम्मान है, बल्कि यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक पहचान बिंदु भी बनेगा, जिससे उत्तर प्रदेश में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही, टांडा बस स्टेशन का नामकरण क्षेत्र के एक सम्माननीय व्यक्ति और स्वतंत्रता सेनानी “स्वर्गीय श्री जयराम वर्मा” जी के पावन स्मृति में किया जाएगा। यह एक श्रद्धांजलि है जो उनके योगदान को चिरस्थायी बनाएगी और नई पीढ़ी को प्रेरणा देगी।
सीएम योगी ने इस नामकरण के पीछे की प्रेरणा साझा करते हुए बताया कि यह निर्णय स्थानीय जनप्रतिनिधियों की प्रबल मांग पर लिया गया है। उन्होंने कहा, “यहां के हमारे सम्मानित जनप्रतिनिधि श्री हरि ओम पांडे जी और श्री धर्मराज निषाद जी ने मुझसे व्यक्तिगत रूप से आग्रह किया था कि अकबरपुर बस स्टेशन का नाम श्रवण क्षेत्र स्थित पवित्र ‘बाबा धाम’ के नाम पर रखा जाए। हमने जन-भावनाओं और इन महानुभावों के सुझावों का सम्मान करते हुए यह निर्णय लिया है।” यह दर्शाता है कि योगी सरकार केवल विकास कार्यों पर ही नहीं, बल्कि जन-भावनाओं और सांस्कृतिक जड़ों को जोड़ने पर भी बल देती है।
विकास की गंगा: 1184 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात
बस अड्डों का नाम बदलना ही इस दौरे का एकमात्र बड़ा आकर्षण नहीं था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंबेडकरनगर को 1,184 करोड़ रुपये की लागत से 194 विकास परियोजनाओं का महा-तोहफा भी दिया। इन परियोजनाओं में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास शामिल था, जो यूपी में विकास की गति को और तेज करेंगी और राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगी।
इन व्यापक विकास कार्यों का विस्तृत ब्योरा देते हुए सीएम योगी ने बताया कि ये परियोजनाएं विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में फैली हुई हैं:
- सड़क एवं परिवहन: 14 परियोजनाएं लोक निर्माण विभाग (PWD) से संबंधित हैं, जो सड़कों के निर्माण और सुधार पर केंद्रित हैं। ये परियोजनाएं उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएंगी और व्यापार एवं आवागमन को सुगम करेंगी।
- स्वच्छ पेयजल: 72 परियोजनाएं केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘जल जीवन मिशन’ के तहत हैं, जिनका प्राथमिक लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है। यह पहल ग्रामीण उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य और जीवन स्तर को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
- ऊर्जा आपूर्ति: 4 परियोजनाएं बिजली विभाग से संबंधित हैं, जिनका उद्देश्य ऊर्जा आपूर्ति को सुदृढ़ करना और सभी क्षेत्रों में निर्बाध बिजली सुनिश्चित करना है। यह यूपी में औद्योगिक विकास और कृषि क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- सुरक्षा व्यवस्था: 6 परियोजनाएं पुलिस के बुनियादी ढांचे और सुरक्षा सुविधाओं को मजबूत करने के लिए समर्पित हैं। ये परियोजनाएं पुलिस थानों, आवासीय भवनों और आधुनिक उपकरणों के विकास पर केंद्रित हैं, जिससे उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था और बेहतर होगी और नागरिकों को अधिक सुरक्षा मिलेगी।
किसानों के कल्याण के लिए योगी सरकार का ऐतिहासिक कदम
योगी सरकार ने हमेशा किसानों को अपनी प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा है। इस कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए एक बड़ी और राहत भरी घोषणा की। उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना’ के तहत 500 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि जारी की जा रही है, जिससे प्रदेश के 11,690 किसान परिवारों को सीधा और तत्काल लाभ मिलेगा। यह योजना किसानों को अनिश्चितताओं से बचाने के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करती है।
उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारी सरकार आपदा से प्रभावित हर किसान परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इस वर्ष प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित प्रत्येक किसान परिवार को 5 लाख रुपये तक की प्रतीकात्मक सहायता प्रदान की जाएगी।” इसी प्रतिबद्धता के तहत, 431 प्रभावित किसान परिवारों के बैंक खातों में सहायता राशि सीधे और पारदर्शी तरीके से भेजी गई। यह कदम योगी सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता और डिजिटल माध्यमों से त्वरित सहायता प्रदान करने की क्षमता को दर्शाता है। यह यूपी में कृषि विकास और किसान सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है।
उत्तर प्रदेश सरकार केवल नाम बदलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के हर नागरिक के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह सभी निर्णय यूपी को अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।