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Join NowRSS : 79वें स्वतंत्रता दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए दो ऐसे बड़े बयान दिए जिसने पूरे देश में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया. एक तरफ उन्होंने भारतीय सेना के उस खुफिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जय-जयकार की, जिसने पाकिस्तान में बैठे दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे जाकर सज़ा दी, तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल के सफर को नमन करते हुए उसे “दुनिया का सबसे बड़ा NGO” करार दिया.
RSS पर गर्व, 100 साल की निस्वार्थ सेवा को सलाम
स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने इतने खुलकर RSS का गौरवपूर्ण उल्लेख किया. प्रधानमंत्री मोदी ने संघ की शताब्दी वर्ष की यात्रा का अभिनंदन करते हुए कहा, “हम इसकी यात्रा और राष्ट्र के प्रति इसकी निस्वार्थ सेवा पर गर्व करते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “सौ साल पहले, एक आंदोलन का जन्म हुआ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS). एक सदी तक, इस संगठन ने खुद को राष्ट्र के कल्याण के लिए समर्पित किया है. सेवा, समर्पण, संगठन और अद्वितीय अनुशासन के माध्यम से, RSS ने राष्ट्र-निर्माण में एक अनूठी भूमिका निभाई है. एक तरह से, RSS दुनिया का सबसे बड़ा NGO (गैर-सरकारी संगठन) है. इसके पास 100 वर्षों के समर्पण का इतिहास है.”
आपको बता दें कि 1925 में नागपुर में केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित, RSS 2025 में अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है. अनुशासन, एकता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए एक छोटी ‘शाखा’ के रूप में शुरू हुआ यह संगठन आज दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन चुका है, जिसके लाखों स्वयंसेवक भारत और विदेशों में फैले हुए हैं. RSS और उससे जुड़े संगठन, जिन्हें ‘संघ परिवार’ कहा जाता है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP), विश्व हिंदू परिषद (VHP) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) जैसे कई संगठन शामिल हैं, सामाजिक सेवा से लेकर आपदा राहत तक के कार्यों में सक्रिय हैं.
इसी अवसर पर भुवनेश्वर में बोलते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी देशवासियों को संदेश दिया कि हमें स्वतंत्रता को हल्के में नहीं लेना चाहिए, बल्कि इसे “जीवित” रखने के लिए कड़ी मेहनत और बलिदान करते रहना होगा ताकि भारत एक ‘विश्व गुरु’ के रूप में उभर सके.
जब PM मोदी ने खोला ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का राज, काँप उठा दुश्मन!
भाषण का सबसे भावुक और जोशीला क्षण तब आया जब प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का ऐलान किया. उन्होंने पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले का जिक्र किया जिसमें “पत्नियों के सामने उनके पतियों और बच्चों के सामने उनके पिताओं को उनका धर्म पूछ-पूछकर मार डाला गया था.”
उस दर्दनाक घटना को याद करते हुए PM मोदी ने सेना के शौर्य को सलाम किया और कहा, “मुझे बहुत गर्व है कि लाल किले की प्राचीर से, मुझे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के नायकों को सलाम करने का अवसर मिल रहा है. हमारे बहादुर जवानों ने दुश्मन को उसकी कल्पना से परे जाकर सज़ा दी.”
उन्होंने बताया कि कैसे उस नरसंहार से पूरा भारत आक्रोशित था और दुनिया हैरान थी. उन्होंने कहा, “‘ऑपरेशन सिंदूर’ उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है.” प्रधानमंत्री ने खुलासा किया कि पहलगाम हमले के बाद, सरकार ने सशस्त्र बलों को हमले का जवाब देने के लिए पूरी छूट (फ्री हैंड) दे दी थी. इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि नया भारत अपने नागरिकों पर हुए किसी भी हमले का बदला लेना जानता है, और वह भी दुश्मन की धरती पर घुसकर.