MGNREGA vs VB-G RAM G Scheme: मनरेगा की जगह आई ‘G RAM G’ योजना, मजदूरों की बल्ले-बल्ले लेकिन राज्यों की बढ़ी टेंशन

Published On: December 16, 2025
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MGNREGA vs VB-G RAM G Scheme: मनरेगा की जगह आई 'G RAM G' योजना, मजदूरों की बल्ले-बल्ले लेकिन राज्यों की बढ़ी टेंशन

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MGNREGA vs VB-G RAM G Scheme: ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने वाले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला ले लिया है। खबरों के मुताबिक, सरकार मनरेगा को खत्म कर उसकी जगह एक बिल्कुल नया और अपग्रेडेड कानून लाने जा रही है।

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इस नई योजना का नाम है— ‘विकसित भारत-रोजगार गारंटी व आजीविका मिशन (ग्रामीण)’। इसे शॉर्ट फॉर्म में ‘वीबी- जी राम जी’ (VB-G RAM G) कहा जा रहा है। सरकार का दावा है कि यह योजना 2047 के विकसित भारत (Viksit Bharat 2047) के सपने को पूरा करने के लिए तैयार की गई है। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इस नए बिल में मजदूर, किसान और आम जनता के लिए क्या-क्या बदलने वाला है।

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सबसे बड़ी खुशखबरी: रोजगार के दिन बढ़े

ग्रामीण मजदूरों के लिए इस योजना में सबसे बड़ी राहत की खबर है। पुराने मनरेगा एक्ट के तहत एक परिवार को साल भर में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलती थी। लेकिन, नए ‘जी राम जी’ (G RAM G) प्रस्ताव के तहत इसे बढ़ाकर 125 दिन कर दिया गया है।
इसका मतलब है कि अब ग्रामीण इलाकों में रहने वाले अकुशल श्रमिकों (Unskilled Workers) को साल में 25 दिन का एक्स्ट्रा काम और पैसा मिलेगा। यह बढ़ती महंगाई के बीच ग्रामीणों के लिए एक संजीवनी साबित हो सकता है।

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राज्यों के लिए टेंशन: बदल गया फंडिंग का गणित

जहां मजदूरों के लिए खुशखबरी है, वहीं राज्य सरकारों के लिए यह खबर थोड़ी चिंताजनक हो सकती है। इस नई योजना में फंडिंग पैटर्न (Funding Pattern) को पूरी तरह बदल दिया गया है।

  • पुराना नियम: मनरेगा में केंद्र और राज्य के बीच खर्च का अनुपात 90:10 का था। यानी 90% पैसा केंद्र देता था और 10% राज्य।

  • नया नियम: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई ‘VB-G RAM G’ योजना में इसे बदलकर 60:40 करने की तैयारी है। यानी अब राज्य सरकारों को अपनी जेब से 40% खर्च उठाना होगा। इससे राज्यों के बजट पर बड़ा असर पड़ सकता है।

किसानों को राहत: फसल कटाई के समय ‘काम बंद’

अक्सर देखा गया है कि फसल की बुआई और कटाई के समय किसानों को खेतों में मजदूर नहीं मिलते, क्योंकि मजदूर मनरेगा में काम कर रहे होते हैं। इस समस्या को सुलझाने के लिए सरकार ने नए बिल में एक बहुत ही व्यावहारिक प्रावधान जोड़ा है।

अब राज्य सरकारों को यह अधिकार होगा कि वे फसल कटाई (Harvest Season) के दौरान इस रोजगार योजना को 2 महीने तक रोक सकें। इसका सीधा फायदा यह होगा कि उस दौरान मजदूर खेतों में काम के लिए उपलब्ध रहेंगे, जिससे किसानों की मजदूरी की समस्या हल होगी और मजदूरों को खेती से भी आय होगी।

केंद्र तय करेगा—योजना कहां चलेगी?

नए बदलावों के तहत केंद्र सरकार के पास यह पावर होगी कि वह तय करे कि देश के किन जिलों या हिस्सों में यह योजना चलाई जानी है। इसका उद्देश्य उन इलाकों पर फोकस करना है जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गए हैं।

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आखिर क्यों खत्म की जा रही है मनरेगा?

सरकार का तर्क है कि पिछले 20 सालों में देश का सामाजिक और आर्थिक ढांचा बदल चुका है। मनरेगा ने अपना काम बखूबी किया, लेकिन अब समय की मांग है कि रोजगार के साथ-साथ कौशल विकास (Skill Development) और आजीविका (Livelihood) पर भी ध्यान दिया जाए। यह नया बिल सिर्फ गड्ढे खोदने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका उद्देश्य ग्रामीण इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाना है। ‘VB-G RAM G’ योजना निश्चित रूप से एक क्रांतिकारी कदम है। 125 दिन का रोजगार एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन 60:40 का फंडिंग फॉर्मूला केंद्र और राज्यों के बीच बहस का मुद्दा बन सकता है। अब देखना यह होगा कि यह बिल संसद में कब पेश होता है और इसे लागू करने की तारीख क्या तय होती है।

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