Jhalawar, Rajasthan:  मातम में बदला शुक्रवार, जर्जर छत गिरने से 4 मासूमों की मौत, कई की हालत नाजुक, उच्च स्तरीय जांच के आदेश

Published On: July 25, 2025
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Jhalawar, Rajasthan:  मातम में बदला शुक्रवार, जर्जर छत गिरने से 4 मासूमों की मौत, कई की हालत नाजुक, उच्च स्तरीय जांच के आदेश

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Jhalawar, Rajasthan: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार (25 जुलाई) की सुबह एक दिल दहला देने वाले हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी गाँव में स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में जब बच्चे प्रार्थना सभा की तैयारी कर रहे थे, तभी अचानक जर्जर हो चुकी छत भरभराकर नीचे आ गिरी, और उसके तुरंत बाद दीवार भी ढह गई.यह भयावह मंजर देख इलाके में कोहराम मच गया.

इस दर्दनाक हादसे में अब तक 4 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 17 अन्य बच्चे घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है.हादसे के वक्त स्कूल में लगभग 40 बच्चे मौजूद थे.मलबे में अभी भी कुछ और बच्चों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है, जिसे देखते हुए मृतकों की संख्या बढ़ने का डर बना हुआ है.

युद्ध स्तर पर जारी है बचाव कार्य

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण और स्कूल के शिक्षक फौरन बचाव कार्य में जुट गए. बाद में प्रशासन की टीमें, कलेक्टर और झालावाड़ एसपी अमित कुमार बुडानिया भी मौके पर पहुंचे. जेसीबी मशीनों की मदद से मलबे को हटाया जा रहा है और फंसे हुए बच्चों को निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.चारों तरफ चीख-पुकार और अफरा-तफरी का माहौल है. घायल बच्चों को तुरंत मनोहरथाना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CSC) में भर्ती कराया गया, जहां से 10 गंभीर रूप से घायल बच्चों को बेहतर इलाज के लिए झालावाड़ रेफर कर दिया गया है.

सरकार ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश

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इस हृदय विदारक घटना पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने गहरा दुख व्यक्त किया है.उन्होंने कलेक्टर से फोन पर बात कर राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने और घायल बच्चों के लिए सर्वोत्तम चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. दिलावर ने कहा, “यह एक बहुत ही दर्दनाक घटना है. मैंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह हादसा क्यों हुआ. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.” सरकार ने घायल बच्चों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने की घोषणा की है.

जर्जर इमारत और अनसुनी शिकायतें बनीं काल

यह हादसा कोई अचानक हुई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि एक गंभीर प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है. स्थानीय लोगों और सूत्रों के अनुसार, स्कूल की यह एक मंजिला इमारत बेहद पुरानी और जर्जर हालत में थी. छत और दीवारों पर दरारें साफ दिखाई देती थीं और पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण दीवारों में नमी आ गई थी, जिससे इमारत और भी कमजोर हो गई. ग्रामीणों का आरोप है कि इमारत की खराब हालत के बारे में कई बार शिकायतें की गई थीं, लेकिन अधिकारियों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया

राजनीतिक हस्तियों ने जताया शोक

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस हादसे को ‘अत्यंत दुखद और हृदय विदारक’ बताया और अधिकारियों को घायलों के समुचित इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दियावहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किया, “झालावाड़ के मनोहरथाना में एक सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से कई बच्चों एवं शिक्षकों के हताहत होने की सूचना मिल रही है. मैं ईश्वर से कम से कम जनहानि एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ देने की प्रार्थना करता हूं.

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यह हादसा पूरे देश के लिए एक चेतावनी है और सरकारी स्कूलों की इमारतों की सुरक्षा और रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े करता है. यह उन परिवारों के लिए एक कभी न भरने वाला घाव है, जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को ज्ञान के मंदिर में सुरक्षित भविष्य की उम्मीद से भेजा था, लेकिन उन्हें वहां से केवल मातम मिला.

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