Uttarakhand: नकली सीआईडी अधिकारी का आतंक, डॉक्टर और पत्नी को बनाया बंधक, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात

Published On: August 28, 2025
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Uttarakhand: नकली सीआईडी अधिकारी का आतंक, डॉक्टर और पत्नी को बनाया बंधक, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात

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Uttarakhand के उधम सिंह नगर जिले के किच्छा क्षेत्र में अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक नकली सीआईडी अधिकारी ने दिनदहाड़े एक होम्योपैथिक डॉक्टर और उनकी पत्नी को बंधक बना लिया। आरोपी ने न केवल दोनों का मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया बल्कि उन्हें घंटों तक पूछताछ के नाम पर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। यह पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जिसकी मदद से पुलिस जांच में जुट गई है।

आरोपी ने खुद को बताया सीआईडी अधिकारी

मामला किच्छा के आवास विकास वार्ड नंबर 09 का है, जहाँ होम्योपैथिक डॉक्टर डॉ. गौरांग मोहपात्रा अपने घर में बने क्लीनिक में मरीजों को देख रहे थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे अचानक एक अजनबी व्यक्ति अंदर घुसा और खुद को सीआईडी अधिकारी बताने लगा।

डॉ. मोहपात्रा के मुताबिक, आरोपी ने आते ही उनका मोबाइल फोन जब्त कर लिया। इसी बीच जब उनकी पत्नी क्लीनिक में पहुँचीं, तो उनका मोबाइल भी आरोपी ने छीन लिया। इसके बाद उसने दोनों को बंधक बनाकर पूछताछ शुरू कर दी।

नकदी और संपत्ति की जानकारी मांगी

नकली सीआईडी अधिकारी ने डॉक्टर दंपत्ति से घर और क्लीनिक में रखे नकदी के बारे में सवाल किए। जब डॉक्टर ने बताया कि उनके पास नगदी नहीं है, तो आरोपी ने उन्हें गोली मारने की धमकी दी। इसके अलावा आरोपी ने तलाशी भी ली, लेकिन जब कुछ बरामद नहीं हुआ तो उसने धमकी दी कि “पैसे का इंतजाम करो, वरना अंजाम बुरा होगा।”

दो घंटे तक रखा बंधक

सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, आरोपी ने डॉक्टर और उनकी पत्नी को करीब दो घंटे तक हाउस अरेस्ट करके रखा। इस दौरान उसने खुद को बार-बार सीआईडी का अधिकारी बताते हुए पूछताछ जारी रखी। आरोपी के जाने के बाद दंपत्ति ने राहत की सांस ली और तुरंत पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी।

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पुलिस में शिकायत दर्ज

घटना के बाद पीड़ित डॉक्टर गौरांग मोहपात्रा ने किच्छा कोतवाली में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने उनके साथ न केवल धोखाधड़ी की बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी।

किच्छा कोतवाल धीरेन्द्र कुमार ने बताया कि पीड़ित परिवार द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है और आरोपी की पहचान कर उसे पकड़ने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।

सीसीटीवी फुटेज बना अहम सबूत

वारदात के दौरान क्लीनिक में लगे सीसीटीवी कैमरे में आरोपी की हरकतें रिकॉर्ड हो गई हैं। फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि आरोपी डॉक्टर और उनकी पत्नी से पूछताछ कर रहा है और उन्हें धमका रहा है। पुलिस इस फुटेज की मदद से आरोपी की पहचान करने की कोशिश कर रही है।

स्थानीय लोगों में दहशत

इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर दिनदहाड़े कोई नकली अधिकारी बनकर किसी के घर या क्लीनिक में घुस सकता है और घंटों तक बंधक बना सकता है, तो यह आम लोगों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है।

नकली अधिकारियों के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?

यह घटना कोई पहली बार नहीं है जब किसी ने अधिकारी बनकर धोखाधड़ी की हो। पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जब ठगों ने खुद को पुलिस, सीआईडी, आयकर विभाग या अन्य सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से ठगी की है।

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संभावित कारण:

  1. गोपनीयता और वर्दी का डर: आम लोग अक्सर वर्दीधारी या अधिकारी जैसे व्यक्तियों को बिना सवाल किए मान लेते हैं।

  2. सिस्टम पर भरोसा: लोग यह मानकर चल पड़ते हैं कि कोई अधिकारी गलत नहीं हो सकता।

  3. जागरूकता की कमी: आम जनता को इस तरह के फर्जीवाड़ों के बारे में जानकारी नहीं होती।

पुलिस की जिम्मेदारी और जांच

पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करे। किच्छा पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाई है और आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।

जांच के प्रमुख बिंदु:

  • आरोपी की पहचान करना

  • क्या वह अकेला था या किसी गैंग का हिस्सा है?

  • सीसीटीवी फुटेज से अन्य सुराग ढूँढना

  • आसपास के इलाकों में आरोपी की मौजूदगी की जानकारी जुटाना

सोशल मीडिया पर चर्चा

घटना की जानकारी मिलते ही सोशल मीडिया पर भी यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। लोग पुलिस प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए ताकि आम जनता को सुरक्षा का भरोसा मिल सके।

किच्छा की यह घटना केवल एक परिवार की परेशानी नहीं है बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है। अगर नकली अधिकारी बनकर अपराधी आसानी से लोगों को निशाना बना सकते हैं तो यह कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है। पुलिस और प्रशासन को न केवल आरोपी को पकड़ना होगा बल्कि लोगों को जागरूक भी करना होगा कि वे ऐसे मामलों में तुरंत पहचान कर सतर्क रहें और संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।

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