Join WhatsApp
Join NowCM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अवैध घुसपैठियों, रोहिंग्या (Rohingyas) और अवैध बांग्लादेशी नागरिकों (Illegal Bangladeshi Immigrants) के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अब तक का सबसे सख्त और निर्णायक अभियान छेड़ दिया है. सरकार की मंशा साफ है—सिर्फ कार्रवाई नहीं, बल्कि समस्या को जड़ से उखाड़ फेंकना. सरकार ने एक ऐसा ‘मास्टर-प्लान’ तैयार किया है जो फर्जी पहचान पत्र (Fake ID) के सहारे छिपे बैठे लोगों की नींद उड़ा देगा.
इस प्लान का मकसद सिर्फ घुसपैठियों को पकड़ना नहीं, बल्कि उनकी ‘भविष्य की वापसी’ के हर दरवाजे को हमेशा के लिए बंद करना है.
फेशियल रिकॉग्निशन और बायोमेट्रिक का ‘चक्रव्यूह’
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी सरकार अब पुराने तरीकों से आगे बढ़कर हाईटेक जासूसी और डिजिटल निगरानी का सहारा ले रही है. प्रदेश में चल रहे SIR (Suspect Identification Record) सर्वे के जरिए एक ऐसा डेटाबेस तैयार किया जा रहा है, जैसा पहले कभी नहीं हुआ.
अब पकड़े जाने वाले हर संदिग्ध का सिर्फ नाम-पता नहीं, बल्कि पूरा ‘बायोमेट्रिक प्रोफाइल’ (Biometric Profile) बनाया जा रहा है.
-
चेहरे की पहचान (Facial Recognition): ताकि वो प्लास्टिक सर्जरी या हुलिया बदलकर न बच सकें.
-
फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन: आँखों और उंगलियों के निशान, जिन्हें बदला नहीं जा सकता.
-
निगेटिव लिस्ट (Negative List): सबसे खौफनाक कदम यह है कि संदिग्धों को एक ‘निगेटिव लिस्ट’ में डाल दिया जाएगा.
यह डेटा पूरे देश की सुरक्षा एजेंसियों के साथ शेयर होगा. इसका नतीजा यह होगा कि निगेटिव लिस्ट में शामिल व्यक्ति न तो कभी आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनवा पाएगा, न पैन कार्ड, न ही कोई मोबाइल सिम या बैंक खाता खोल सकेगा. यानी भारत में फर्जी तरीके से रहने के सभी रास्ते डिजिटल रूप से ब्लॉक कर दिए जाएंगे.
फर्जी आईडी गैंग पर गैंगस्टर एक्ट की तैयारी
पिछले 20 सालों में एक ऐसा अंडरग्राउंड नेटवर्क खड़ा हो गया था, जो शहर बदलते ही घुसपैठियों की पहचान बदल देता था. आज लखनऊ में पकड़ा गया घुसपैठिया, कल नोएडा में नए नाम से बस जाता था. यह खेल ‘फर्जी दस्तावेज माफिया’ के दम पर चल रहा था. सीएम योगी के नए प्लान में अब इन दलालों की भी शामत आने वाली है. फर्जी आधार या वोटर आईडी बनाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट (Gangster Act) लगेगा और सीधी जेल होगी.
यूपी के 17 शहरों में डिटेंशन सेंटर: निगरानी ऐसी कि रूह कांप जाए
सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में एक-एक रैन बसेरे (Shelter Homes) को ‘अस्थायी डिटेंशन सेंटर’ (Detention Center) में बदला जाए.
-
व्यवस्था: इन सेंटर्स में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को तब तक रखा जाएगा जब तक उन्हें डिपोर्ट नहीं किया जाता.
-
सुरक्षा: यहाँ सुरक्षा का जिम्मा स्थानीय पुलिस का होगा. मकसद साफ़ है—पकड़े जाने के बाद कोई भी भीड़ में गायब न हो सके और पुलिस की रडार पर रहे.
गोरखपुर डिटेंशन सेंटर: 3 फ्लोर, 50 बेड और पुलिस का पहरा
सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर (Gorakhpur News) में बना डिटेंशन सेंटर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. शाहपुर थाना क्षेत्र की गीता वाटिका के पास स्थित यह सेंटर किसी किले से कम नहीं है.
-
अपर नगर आयुक्त दुर्गेश सिंह ने बताया कि यह तीन मंजिला इमारत है.
-
इसमें 50 बेड और 16 कमरे विशेष रूप से तैयार किए गए हैं.
-
केयरटेकर सुजीत सिंह के शब्दों में, “यहाँ सुरक्षा इतनी कड़ी है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता.” फिलहाल यहाँ कोई बंदी नहीं है, लेकिन सर्वे की रिपोर्ट आते ही कार्रवाई शुरू हो जाएगी.
लखनऊ वार-रूम से 24×7 निगरानी
मुख्यमंत्री कार्यालय (CM Office) इस पूरे अभियान की पल-पल की खबर ले रहा है. लखनऊ में एक सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम (Centralized Control Room) बनाया गया है, जहां सभी 75 जिलों से आने वाली रिपोर्ट का विश्लेषण होता है. किस जिले में कितने संदिग्ध मिले, कितनों का ‘डिजिटल रिकॉर्ड’ बना और कौन से इलाक़े ‘हॉटस्पॉट’ हैं, इसका पूरा लेखा-जोखा सीएम योगी खुद देख रहे हैं.
कैसे टूटेगा नेटवर्क?
सरकार की रणनीति को ‘पहचान, नेटवर्क और रोकथाम’ (Identify, Network Break, Prevent) में बांटा गया है. अब आवाज़ के नमूने (Voice Samples) तक लिए जा रहे हैं. इसका मतलब है कि अगर कोई घुसपैठिया दोबारा नाम बदलकर आता है, तो सिस्टम उसे तुरंत पकड़ लेगा. यह भारत की आंतरिक सुरक्षा (Internal Security) के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है.










