Varanasi in 48 hours: वाराणसी यात्रा सिर्फ 2 दिनों में, घाट, मंदिर, आरती और लजीज खाना सम्पूर्ण गाइड

Published On: September 5, 2025
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Varanasi in 48 hours: वाराणसी, दुनिया के सबसे पुराने जीवित शहरों में से एक, एक ऐसी जगह है जहाँ आध्यात्मिकता, इतिहास और संस्कृति हर कोने में जीवंत हो उठती है। अपने पवित्र घाटों, प्राचीन मंदिरों और चहल-पहल वाली सड़कों के लिए प्रसिद्ध, यह शहर हर यात्री के लिए कुछ न कुछ खास रखता है। यदि आपके पास घूमने के लिए केवल दो दिन हैं, तो चिंता न करें। एक स्मार्ट योजना के साथ, आप अभी भी इस पवित्र शहर के सार को महसूस कर सकते हैं। यहाँ बताया गया है कि केवल 48 घंटों में वाराणसी को कैसे एक्सप्लोर करें।

पहला दिन: घाटों का सानिध्य और दिव्य गंगा आरती (Day 1: Ghats And Ganga Aarti)

अपने दिन की शुरुआत सूर्योदय के साथ गंगा में नाव की सवारी से करें। दशाश्वमेध घाट और अस्सी घाट पर सुबह-सुबह के अनुष्ठानों को देखना एक अविस्मरणीय अनुभव है। नाव की सवारी के बाद, वाराणसी के जीवंत जीवन को देखने के लिए घाटों के किनारे धीरे-धीरे टहलें – ध्यान में लीन साधुओं से लेकर पूजा करते स्थानीय लोगों तक, हर दृश्य मनमोहक होता है।

शाम को, दशाश्वमेध घाट पर प्रसिद्ध गंगा आरती देखना न भूलें, जहाँ पुजारी दीयों, मंत्रों और संगीत के साथ भव्य अनुष्ठान करते हैं। यह वाराणसी का मुख्य आध्यात्मिक आकर्षण है और हर आगंतुक के लिए एक ज़रूरी अनुभव है। हज़ारों दीयों की रोशनी और मंत्रोच्चार की गूंज आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाएगी।

दूसरा दिन: मंदिर, स्वादिष्ट भोजन और स्थानीय संस्कृति (Day 2: Temples, Food, And Culture)

अपना दूसरा दिन वाराणसी के मंदिरों और बाजारों को समर्पित करें। दिन की शुरुआत काशी विश्वनाथ मंदिर से करें, जो भारत के सबसे पवित्र शिव मंदिरों में से एक और बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इसके बाद, दुर्गा मंदिर और तुलसी मानस मंदिर जाएँ, दोनों ही समृद्ध इतिहास और भक्ति से भरे हुए हैं।

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नाश्ते में, शहर की प्रसिद्ध कचौड़ी सब्जी और जलेबी का स्वाद ज़रूर चखें। बाद में, यादगार चीजें, विश्व प्रसिद्ध बनारसी सिल्क साड़ियाँ और हस्तशिल्प खरीदने के लिए गोदौलिया बाजार की संकरी गलियों में घूमें। और हाँ, यहाँ आकर बनारसी पान का स्वाद लेना बिल्कुल न भूलें, यह एक स्थानीय पसंदीदा व्यंजन है।

यदि समय मिले, तो वाराणसी से केवल 10 किमी दूर सारनाथ ज़रूर जाएँ, जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। यह शहर की ऊर्जा को संतुलित करने के लिए एक शांत और ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ आपको असीम शांति का अनुभव होगा।

48 घंटों का अधिकतम लाभ उठाने के लिए कुछ खास टिप्स (Tips To Make The Most Of 48 Hours)

  • शहर की आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करने के लिए अपने दिन की शुरुआत जल्दी करें।

  • घाटों पर काफी पैदल चलना पड़ता है, इसलिए आरामदायक जूते पहनें।

  • गंगा आरती का बेहतर और अवि बाधित नज़ारा देखने के लिए एक गाइडेड टूर बुक करने पर विचार करें।

  • स्थानीय स्ट्रीट फूड का आनंद ज़रूर लें, लेकिन केवल साफ़-सुथरी और भीड़-भाड़ वाली दुकानों पर ही खाएं।

48 घंटों में वाराणसी घूमना एक चुनौती जैसा लग सकता है, लेकिन सही योजना के साथ, आप सिर्फ दो दिनों में इसकी आध्यात्मिकता, संस्कृति और जायके का अनुभव कर सकते हैं। सूर्योदय की नाव की सवारी से लेकर शाम की आरती तक, मंदिर दर्शन से लेकर स्ट्रीट फूड तक, वाराणसी परंपरा और ऊर्जा का एक ऐसा मिश्रण प्रस्तुत करता है जो आपके जाने के बाद भी लंबे समय तक आपके साथ रहता है।

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