Join WhatsApp
Join NowContraceptive pills: अपनी जिंदगी और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए महिलाएं लंबे समय से परिवार नियोजन (Family Planning) के तरीकों, खासकर गर्भनिरोधक गोलियों (Contraceptive Pills) का इस्तेमाल करती आ रही हैं। यह उन्हें अनचाहे गर्भ के डर से मुक्ति दिलाता है। लेकिन इन गोलियों को लेकर समाज में हमेशा से एक डर और सवालों का बाजार गर्म रहा है। कभी कहा जाता है कि इससे शारीरिक संबंध बनाने की इच्छा खत्म हो जाती है, तो कभी यह तर्क दिया जाता है कि इनके कारण शादियां टूट जाती हैं।
8th Pay Commission8 से ASO की सैलरी में ₹50,000 से ज़्यादा का उछाल? देखिए पूरी कैलकुलेशन
अब इन सब सवालों के बीच एक नया और शायद सबसे बड़ा डर महिलाओं के मन में घर कर गया है – क्या गर्भनिरोधक गोलियों से मोटापा बढ़ता है? यह सवाल आज भारत से लेकर USA और UK तक, हर जगह महिलाओं को परेशान कर रहा है। सोशल मीडिया और आस-पड़ोस की बातों में यह शिकायत आम हो गई है कि जो महिलाएं लगातार इन गोलियों का सेवन कर रही हैं, उनका वजन तेजी से बढ़ रहा है। इसी डर के कारण, बहुत सी महिलाएं इन गोलियों का उपयोग करने से कतरा रही हैं और अपनी सेहत को एक बड़े जोखिम में डाल रही हैं।
तो चलिए, आज इस डर के पर्दे को हटाते हैं और जानते हैं कि विज्ञान और मेडिकल रिसर्च इस बारे में क्या कहते हैं। क्या सच में यह छोटी सी गोली आपके बढ़ते वजन की जिम्मेदार है?
क्या विज्ञान भी मानता है कि इन गोलियों से वजन बढ़ता है?
जब हम इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणों की ओर देखते हैं, तो सच्चाई कुछ और ही नजर आती है।
बीबीसी (BBC) की एक विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार, आज तक इस विषय पर जितने भी बड़े और विश्वसनीय शोध हुए हैं, उनमें से किसी में भी यह पुख्ता तौर पर साबित नहीं हो पाया है कि गर्भनिरोधक गोलियों से सीधे तौर पर वजन बढ़ता है।
सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली गर्भनिरोधक दवाएं ‘कंबाइंड हार्मोनल कॉन्ट्रासेप्टिव्स’ (Combined Hormonal Contraceptives) हैं, जिनमें एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टिन (Progestin) नामक दो हार्मोन होते हैं। इनमें गर्भनिरोधक पिल (Pill), पैच (Patch) और वजाइनल रिंग (Ring) शामिल हैं। रिसर्च में इस बात के बेहद कमजोर सबूत मिले हैं कि इनके सेवन से मोटापा बढ़ता है।
तो फिर यह धारणा क्यों बनी कि गोलियां ही मोटापे की जड़ हैं?
इस डर के पीछे एक मनोवैज्ञानिक और स्वाभाविक कारण है। अमेरिका की ओहायो यूनिवर्सिटी की मारिया गैलो इस पर रोशनी डालती हैं। वह बताती हैं कि यह काफी हद तक इंसान का अपना व्यक्तिगत नजरिया है कि उसका वजन दवा के कारण बढ़ रहा है।
सच्चाई यह है कि वयस्क होने के बाद यानी 20-25 की उम्र के बाद एक इंसान का वजन प्राकृतिक रूप से हर साल औसतन आधा किलो तक बढ़ता ही है। यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। महिलाएं अक्सर इसी उम्र के आसपास गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन शुरू करती हैं। ऐसे में, जब उनका वजन स्वाभाविक रूप से थोड़ा बढ़ता है, तो उन्हें लगता है कि यह सब कुछ गोली की वजह से हो रहा है और वे सारा दोष उस दवा पर डाल देती हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी स्टडी क्या कहती है?
मेडिकल जगत की प्रतिष्ठित ‘Cochrane Database of Systematic Reviews’ में प्रकाशित एक रिसर्च ने इस विषय पर एक बहुत बड़ी रिपोर्ट तैयार की। इसमें 49 अलग-अलग क्लिनिकल ट्रायल्स का विश्लेषण किया गया। इस विशाल विश्लेषण के बाद जो नतीजा सामने आया, वह चौंकाने वाला था। रिपोर्ट में पाया गया कि गर्भनिरोधक दवाओं के उपयोग और वजन बढ़ने के बीच का संबंध बेहद कमजोर और नगण्य था।
अगर इसे आसान शब्दों में समझें, तो यह कहना पूरी तरह से गलत होगा कि इन गोलियों के कारण महिलाओं का वजन बढ़ता है। ‘Reproductive Access Project’ जैसी संस्थाएं भी इस मिथक को पूरी तरह से खारिज करती हैं।
तो क्या शरीर पर कोई असर नहीं होता?
इसका मतलब यह नहीं है कि इन दवाओं का शरीर पर कोई असर नहीं होता। कुछ महिलाओं को शुरुआती दिनों में हॉर्मोन्स के बदलाव के कारण वाटर रिटेंशन (Water Retention) यानी शरीर में पानी जमा होने की समस्या हो सकती है, जिससे उन्हें ब्लोटिंग (Bloating) या शरीर का थोड़ा फूला हुआ महसूस हो सकता है। यह वास्तविक फैट गेन (Fat Gain) नहीं होता और कुछ ही समय में शरीर इसके अनुकूल हो जाता है।
इसके अलावा, 2009 में टेक्सास की ए एंड एम यूनिवर्सिटी के स्टीवेन रीचमैन ने अपने एक अध्ययन में पाया था कि इन गोलियों के सेवन से महिलाओं की मांसपेशियों के विकास पर थोड़ा असर पड़ सकता है, लेकिन इसका मोटापे से कोई सीधा संबंध नहीं है।
इन छोटे-मोटे संभावित प्रभावों और बड़े मिथकों के बावजूद, दुनिया भर की करोड़ों महिलाएं यह मानती हैं कि अनचाहे गर्भ के तनाव और डर के बिना एक सुरक्षित जीवन जीने के लिए इतना छोटा-मोटा रिस्क लिया जा सकता है।