डेस्क Starlink India: एलन मस्क की सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस ‘स्टारलिंक’ इंडिया में जल्द ही दस्तक दे सकती है। इसे जल्द सरकार से ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाई सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस मिलने की उम्मीद है।
मस्क की ये सर्विस सैटेलाइट के जरिए आप तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाएगी। वहीं ऐसा भी माना जा रहा है कि स्टारलिंक जैसी सर्विस के लिए फाइबर केबल की तरह बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की जरूरत नहीं है। इससे कम लागत में सभी तक इंटरनेट पहुंचाने में मदद भी मिलेगी।
सरकार से मंजूरी मिलने के बाद स्टारलिंक देश में स्पेक्ट्रम लेने के लिए एलिजिबल होगी। कंपनी भारतीय ग्राहकों तक ब्रॉडबैंड सर्विस मुहैया भी करवाएगी । मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टारलिंक डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन और होम मिनिस्ट्री से मंजूरी ले रही है और कुछ हफ्तों में सभी से मंजूरी मिलने की उम्मीद भी है।
Starlink ने मांगी अप्रूवल
एलन मस्क के मालिकाना हक वाली कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर में GMPCS लाइसेंस के लिए अप्लाई किया। वहीं इसके अलावा कंपनी ने नेशनल स्पेस प्रोमोशन एंड अथॉराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) से भी अप्रूवल मांगा और भारत में इंटरनेट सर्विस देने के लिए ये मंजूरी लेनी काफी जरूरी है।
आगे हम जानेंगे कि स्टारलिंक फाइबर नेटवर्क से किस तरह से अलग है, और ये कैसे हम तक इंटरनेट पहुंचाएगी। इसके अलावा ये देखेंगे कि इसके लिए कितना खर्च करना पड़ेगा।
Starlink: जानिए कैसे मिलेगी इंटरनेट सर्विस
अमेरिकी बिजनेसमैन की स्पेस कंपनी SpaceX ने स्पेस में 42,000 से ज्यादा सैटेलाइट छोड़ी हैं। कुल एक्टिव सैटेलाइट में इनकी हिस्सेदारी आधे से भी ज्यादा है और स्टारलिंक पूरी पृथ्वी पर कहीं भी इंटरनेट पहुंचाने की क्षमता भी रखती है। दरअसल, ये सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट की सर्विस देती है, इसलिए बीच में कोई थर्ड पार्टी नहीं रहता है।
स्पेसएक्स की सैटेलाइट पृथ्वी से 550 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि पुराने तरीके से इंटरनेट के लिए इस्तेमाल होने वाली सैटेलाइट 35,000 किलोमीटर की दूरी पर होती हैं। इसलिए स्टारलिंक बेहतर कनेक्शन उपलब्ध कराने में सक्षम है। इसे चलाने के लिए स्टारलिंक डिश, Wi-Fi राउटर/पावर सप्लाई, केबल और बेस की जरूरत भी होगी।
Starlink: जानिए कितना खर्च आएगा?
आसमान साफ रहने पर ये डिश काम करता है और आप स्टारलिंक ऐप के जरिए इंटरनेट सर्विस को मैनेज कर सकते हैं। सिग्नल की स्ट्रेंथ भी चेक कर सकते हैं।
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भारत में यह सर्विस अभी लॉन्च नहीं हुई है वहीं अगर इसके प्राइस की बात करें तो स्टारलिंक इंटरनेट के लिए आपको प्रति महीना लगभग 8,000-10,000 रुपये तक खर्च भीं करने पड़ सकते हैं। अगर यही चार्ज रहते हैं तो रिलायंस जियो का इंटरनेट इससे काफी सस्ता पड़ेगा।