डेस्क। Child Sexual Abuse in India: अगर आप भी बच्चों को स्मार्टफोन देकर देखने के लिए छोड़ देते हैं और पलटकर देखते तक नहीं, तो ये बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। आपको पता भी नहीं चलेगा कि आपका बच्चा कब सामान्य चीजों को देखते-देखते शोषण का शिकार बन जाएगा।
हाल ही में आई ग्लोबल थ्रेट असेसमेंट 2023 की एक रिपोर्ट के आंकड़े बेहद ही चौंकाने वाले हैं। बता दें इस रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के ऑनलाइन शोषण में बेतहाशा बढ़ोत्तरी देखी गई है। इंटरनेट पर बाल शोषण की सामग्री में 87 फीसदी बढ़ोतरी भी दर्ज की गई है।
वीप्रोटेक्ट ग्लोबल अलायंस ने अपनी चौथी ग्लोबल थ्रेट असेसमेंट रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कि यह पता चला है कि 2019 के बाद से रिपोर्ट की गई बाल यौन शोषण सामग्री में 87 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। वैश्विक स्तर पर 3.2 करोड़ से ज्यादा बाल शोषण के मामले दर्ज किए गए हैं। इसके निष्कर्ष दुनिया भर में बच्चों को इस बढ़ते खतरे से बचाने के लिए एक बहुआयामी रेस्पॉन्स की भी जरूरत है।
एआई बन गया दुश्मन
वीप्रोटेक्ट ग्लोबल अलायंस की यह रिपोर्ट कहती है कि बच्चों के शोषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। 2023 की शुरुआत से, अपराधियों द्वारा बाल यौन शोषण सामग्री बनाने और बच्चों का शोषण करने के लिए जेनेरेटिव एआई के उपयोग के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
बच्चों में सेक्सुअल इमेजिनेशन बढ़ा
यह रिपोर्ट 2023 में बच्चों के लिए ऑनलाइन सामने आने वाले खतरों के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान भी करती है। इसमें यह पाया गया है कि 2020 से 2022 (इंटरनेट वॉच फाउंडेशन) तक 7-10 साल के बच्चों की स्व-निर्मित सेक्सुअल इमेजिनेशन में 360 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।
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