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भारत सरकार ने काटें 64 लाख मोबाईल कनेक्शन 

 

डेस्क । 64 लाख मोबाइल कनेक्शन काट भारत सरकार ने टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम का नाजायज फायदा उठाने वाले लोगों को अच्छा सबक सिखाया है। वहीं इस कार्रवाई में आधुनिक तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन भी काम आई, जिन्होंने पकड़ा कि एक ही फोटो का इस्तेमाल करते हुए बहुत से लोगों ने प्रदत्त अनुमति से ज्यादा सिम कार्ड को खरीद लिया हैं।

इसके बाद इन पर नकेल कसा जाना लाजमी भी था। 2023 के बाद से आम लोगों पर घोटालेबाजों का हमला हो रहा है, जिन्होंने व्हाट्सऐप के माध्यम से संभावित पीड़ितों तक पहुंचना शुरू किया है। ऐसे में व्हाट्सऐप प्रोफाइल को भी निष्क्रिय कर दिया गया है।

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) के नियमों के अनुसार एक आदमी को एक आधार कार्ड के साथ केवल 9 सिम कार्ड रखने की है अनुमति दी जाती हैं।

इनके मूल्यांकन टेलीमैटिक्स विकास केंद्र (C-DoT) के ASTR नामक टूल ने ये पाया है कि कुछ मामलों में एक ही व्यक्ति ने न केवल सैकड़ों, बल्कि हजारों बार फोन कनेक्शन भी खरीद रखे हैं। शासन और वाणिज्यिक संस्थाओं में चेहरे की पहचान का उपयोग विभिन्न प्रक्रियाओं के साथ विकल्प के रूप में कोविड-19 के दौरान आसमान भी छू रहा है।

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 दूसरी ओर इस संबंध में नियंत्रण के लिए भारत का डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम अगस्त 2023 में पारित किया जा चुका है। हालांकि इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है, पर इसी बीच देश की सरकार ने मोबाइल सिम खरीदने संबंधी धोखाधड़ी पकड़ी है। इस धोखाधड़ी को पकड़ने में फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी एल्गोरिथ्म ने खासी अहम भूमिका भी निभाई, जो फोन पंजीकरण डेटाबेस में किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताओं की समानता का पता लगाता है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि उसने अनुमत समय से परे कनेक्शन खरीदा है या नहीं।

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