डेस्क। Astrazeneca: ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका का यह कदम ऐसे वक्त सामने में आया है, जब कंपनी ने बीते दिनों ही स्वीकार किया कि कुछ मामलों में कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट भी सामने आए हैं और इसकी वजह से कुछ लोगों में थ्रंबोसिस थ्रंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम बीमारी के कई लक्षण भी देखे गए हैं।
दुनियाभर में कोरोनावायरस महामारी के दौरान लोगों को टीके मुहैया कराने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अपना कोरोना का टीका वापस मंगा लिया है और कंपनी ने कहा है कि वह दुनियाभर से अपनी वैक्सजेवरिया वैक्सीन को वापस भी मंगा रही है।
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एस्ट्राजेनेका के लाइसेंस वाली कोविशील्ड वैक्सीन ही भारत में भी कोरोना से बचाव के लिए दी गई थी। भारत में लगाई गई कोविशील्ड वैक्सीन उसी फार्मूले पर बनी है, जिस पर वैक्सजेवरिया वैक्सीन को बनाया गया है। भारत में कोविशील्ड का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने किया था, पर अभी तक भारत में कोरोना वैक्सीन वापस लेने का कोई भी फैसला नहीं हुआ है।
द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका ने यह दावा किया है कि वैक्सीन का अपडेट संस्करण उपलब्ध है, ऐसे में वैक्सीन के पुराने स्टॉक को वापस मांगा गया है।
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इस रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने 5 मार्च को ही वैक्सीन वैक्सजेरवरिया को वापस मंगाने का फैसला भी लिया था, लेकिन यह आदेश 7 मई से प्रभावी हुआ। ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्यूटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका का यह कदम ऐसे वक्त में आया है, जब कंपनी ने बीते दिनों ही स्वीकार किया है कि कुछ मामलों में कोविड वैक्सीन के साइड इफेक्ट सामने आए हैं और इसकी वजह से कुछ लोगों में थ्रंबोसिस थ्रंबोसाइटोपीनिया सिंड्रोम बीमारी के लक्षण भी देखे गए हैं, जिसमें लोगों में खून के थक्के तक जमने लग जाते हैं।
कंपनी के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
एस्ट्राजेनेका कंपनी कोविड वैक्सीन को लेकर कई मुकदमों का सामना कर रही है और यह आरोप है कि कोविड वैक्सीन लगने के बाद कई लोगों की जान भी गई है। जैमी स्कॉट नामक एक व्यक्ति ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। स्कॉट का यह आरोप है कि वैक्सीन लेने के बाद उसके शरीर में खून के थक्के जमने की समस्या हो गई और दिमाग में भी ब्लीडिंग होने लगी।
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इससे उसके मस्तिष्क को काफी नुकसान हुआ। ऐसे ही कंपनी के खिलाफ 50 से ज्यादा मामले भी दर्ज हुए हैं। कंपनी ने भी कोर्ट में लिखित दस्तावेजों में स्वीकार किया कि कोरोना वैक्सीन के कुछ दुर्लभ मामलों में साइड इफेक्ट देखे जा सकते हैं।