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Join NowInstagram vs YouTube: आज का दौर डिजिटल क्रांति का दौर है, जहां आपका स्मार्टफोन सिर्फ मनोरंजन का पिटारा नहीं, बल्कि पैसे कमाने की टकसाल बन चुका है। खासकर युवाओं के लिए, Instagram और YouTube दो ऐसे जादुई प्लेटफॉर्म बनकर उभरे हैं, जिन्होंने हजारों-लाखों ordinary लोगों को रातों-रात स्टार और মিলিয়নিয়ার बना दिया है। ये वो मैदान हैं जहां कंटेंट क्रिएटर्स अपनी कला, ज्ञान और पर्सनैलिटी के दम पर न सिर्फ अपनी पहचान बना रहे हैं, बल्कि इतनी मोटी कमाई कर रहे हैं जिसके बारे में कुछ साल पहले सोचना भी नामुमकिन था।
लेकिन जब कोई नया क्रिएटर इस दुनिया में कदम रखने की सोचता है, तो उसके मन में सबसे बड़ा और पहला सवाल यही उठता है: “आखिर असली पैसा कहां है? Instagram पर या YouTube पर?” आइए, आज इस पर्दे को उठाते हैं और दोनों प्लेटफॉर्म्स के बीच के फर्क और कमाई के असली सच को गहराई से समझते हैं।
YouTube: कमाई का महासागर, जहाँ हर व्यू की है कीमत
यूट्यूब को ‘कंटेंट का समंदर’ कहा जाता है, और यहाँ कमाई का सबसे बड़ा और सीधा जरिया है ऐड रेवेन्यू (Ad Revenue)।
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कमाई कैसे होती है?: जब कोई दर्शक आपका वीडियो देखता है, तो वीडियो के शुरू, बीच में या अंत में चलने वाले विज्ञापनों से होने वाली कमाई का एक हिस्सा (लगभग 55%) यूट्यूब आपको देता है। इसके अलावा कमाई के और भी कई शक्तिशाली रास्ते हैं:
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सुपर चैट (Super Chat): लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान फैंस आपको सीधे पैसे भेजकर सपोर्ट करते हैं।
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चैनल मेम्बरशिप (Channel Membership): आपके लॉयल फैंस एक मासिक शुल्क देकर आपके चैनल के एक्सक्लूसिव मेंबर बनते हैं।
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ब्रांड स्पॉन्सरशिप (Brand Sponsorships): बड़े ब्रांड्स अपने प्रोडक्ट्स को आपके वीडियो में प्रमोट करने के लिए आपको लाखों रुपये देते हैं।
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एफिलिएट मार्केटिंग (Affiliate Marketing): आप किसी प्रोडक्ट का लिंक अपने डिस्क्रिप्शन में देते हैं, और उस लिंक से होने वाली हर खरीद पर आपको कमीशन मिलता है।
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कितनी होती है कमाई?: यूट्यूब पर आपकी कमाई कई बातों पर निर्भर करती है—जैसे आपके वीडियो पर कितने व्यूज़ आए, वीडियो कितनी देर तक देखा गया (वॉच टाइम), आपके दर्शक किस देश (ऑडियंस लोकेशन) से हैं, और आपका कंटेंट किस कैटेगरी (जैसे फाइनेंस, टेक, कॉमेडी) का है।
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भारत में: एक अनुमान के मुताबिक, भारत में 1000 व्यूज़ पर औसतन ₹20 से ₹100 तक की कमाई होती है।
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विदेशों में: वहीं, अगर आपके वीडियो अमेरिका, ब्रिटेन या यूरोप जैसे देशों में देखे जाते हैं, तो यह कमाई प्रति 1000 व्यूज़ पर ₹300 से ₹400 या उससे भी ज्यादा तक पहुंच सकती है।
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Instagram: ग्लैमर और ब्रांड डील्स की दुनिया
इंस्टाग्राम पर कमाई का तरीका यूट्यूब से बिल्कुल अलग है। यहाँ यूट्यूब की तरह हर व्यू या लाइक पर डायरेक्ट पैसा नहीं मिलता। इंस्टाग्राम एक वर्चुअल शॉपिंग मॉल की तरह है, जहाँ आपकी फॉलोइंग और पहुंच ही आपकी असली दौलत है।
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कमाई कैसे होती है?: यहाँ कमाई का खेल मुख्य रूप से इन तरीकों से खेला जाता है:
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ब्रांड प्रमोशन (Brand Promotion): यह कमाई का सबसे बड़ा जरिया है। कंपनियां अपने प्रोडक्ट या सर्विस को आपकी पोस्ट, स्टोरी या रील के जरिए प्रमोट करने के लिए आपको पैसे देती हैं।
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रील स्पॉन्सरशिप (Reel Sponsorship): एक ट्रेंडिंग रील में किसी ब्रांड को मेंशन करने के लिए क्रिएटर्स मोटी रकम चार्ज करते हैं।
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एफिलिएट लिंक (Affiliate Links): अपनी स्टोरीज या बायो में किसी प्रोडक्ट का एफिलिएट लिंक डालकर आप कमीशन कमा सकते हैं।
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कोलैबोरेशन (Collaboration): दूसरे क्रिएटर्स या ब्रांड्स के साथ मिलकर पेड पार्टनरशिप करना।
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कितनी होती है कमाई?: आपकी कमाई सीधे तौर पर आपके फॉलोअर्स की संख्या, आपकी पोस्ट पर आने वाले लाइक्स-कमेंट्स (एंगेजमेंट रेट), और आपकी रील के व्यूज़ पर निर्भर करती है।
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उदाहरण के लिए: जिस क्रिएटर के पास 1 लाख क्वालिटी फॉलोअर्स हैं, वह एक स्पॉन्सर्ड पोस्ट या रील के लिए आराम से ₹5,000 से ₹50,000 तक चार्ज कर सकता है। वहीं, मिलियन्स में फॉलोअर्स वाले बड़े इन्फ्लुएंसर्स एक-एक डील के लिए लाखों रुपये तक लेते हैं।
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अंतिम फैसला: कौन है ज्यादा फायदेमंद?
यह सवाल वैसा ही है, जैसे पूछा जाए कि ‘टेस्ट मैच बेहतर है या टी-20?’ दोनों के अपने फायदे और नियम हैं।
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लॉन्ग-टर्म और स्थिर इनकम (Long-term & Stable Income): अगर आप लंबी रेस का घोड़ा बनना चाहते हैं और एक स्थिर इनकम सोर्स बनाना चाहते हैं, तो YouTube undisputed champion है। यहाँ आपका एक बार बनाया गया वीडियो सालों-साल तक व्यूज़ लाता रहता है और आपकी सोई हुई कमाई को भी जगाए रखता है। यह एक ऐसा पेड़ लगाने जैसा है, जो जीवन भर फल देता है।
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तेज और ग्लैमरस कमाई (Fast & Glamorous Income): वहीं, अगर आप तेजी से पैसा कमाना चाहते हैं और आपके पास एक मजबूत फॉलोइंग है, तो Instagram आपके लिए सोने की खान साबित हो सकता है। खासकर फैशन, ट्रैवल, फूड और लाइफस्टाइल जैसे विजुअल-हैवी niches के लिए, यहाँ ब्रांड डील्स बहुत तेजी से और आसानी से मिलती हैं। लेकिन यहाँ कंटेंट की उम्र बहुत छोटी होती है; आज की ट्रेंडिंग रील कल पुरानी हो जाती है।
समझदार क्रिएटर चुनता नहीं, दोनों को अपनाता है! असली रणनीति दोनों प्लेटफॉर्म्स का एक साथ इस्तेमाल करने में है। यूट्यूब पर लॉन्ग-फॉर्म, वैल्युएबल कंटेंट बनाएं ताकि आपकी एक पैसिव इनकम बनती रहे, और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल अपनी कम्युनिटी बनाने, ट्रैफिक लाने और तेजी से ब्रांड डील्स उठाने के लिए करें। आखिर में, प्लेटफॉर्म कोई भी हो, असली किंग “कंटेंट” ही है।










