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Karwa Chauth 2023: इन रंगों का भी होता है विशेष महत्त्व 

 

डेस्क। Karwa Chauth 2023: इस साल करवा चौथ 1 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। आप अपने करवा चौथ लुक के लिए खरीदारी करते समय इन एस्ट्रो टिप्स को ध्यान में रखें। लाल और गुलाबी रंग इस अवसर के लिए सबसे अधिक पहने जाते हैं।

पर लाल और गुलाबी के अलावा भी ऐसे कई रंग हैं, जिनका इस्तेमाल करवा चौथ के दौरान सुहागिनें कर सकती हैं।

-अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र के लिए पूजा करते समय सुनहरे कपड़े पहनना अनुकूल बताया जाता है।

-जहां आपको गहरे नीले और काले जैसे गहरे रंगों से बचने का सुझाव दिया गया है, वहीं आप नीले रंग के चमकीले रंगों का विकल्प भी चुन सकते हैं क्योंकि नीले रंग के कपड़े पहनना बेहद ही फायदेमंद होगा।

-करवा चौथ व्रत के दौरान खासतौर पर वृषभ राशि के जातकों के लिए चांदी का रंग पहनना अत्यंत ही लाभकारी भी माना जाता है।

-हिंदू धर्म के अनुसार हरा रंग सुहाग के रंगों में से एक है और ऐसा माना जाता है कि व्रत के दौरान अगर महिलाएं हरे रंग के कपड़े पहनती हैं तो उन्हें पूजा और व्रत का दोगुना फल होता है।

-व्रत रखने वाली महिलाएं नारंगी भी पहन सकती हैं जो एक शुभ और चमकीला रंग होता है, जो दिन के लिए उपयुक्त भी है।

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-पीला एक और चमकीला रंग है जिसे आप इस करवा चौथ पर एक शुभ और आकर्षक विकल्प के रूप में चूज कर सकती हैं।

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पसीने की बदबू से आप हो गए हैं परेशान, फॉलो करें ये टिप्स

डेस्क। लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी आती हैं पसीने से होने वाली बदबू की और पसीना आना आम बात हैं पर यह तब तकलीफदेह हो जाता हैं जब अंडरआर्म्स (Underarms) से पसीने की बदबू आने लग जाती हैं वहीं इसकी वजह से आपको दूसरों के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ता हैं।

लोग इसके डिओडरेंट को काम में लेते हैं लेकिन वह ज्यादा समय के लिए असरदार नहीं होते हैं। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे नुस्खें लेकर आए हैं जिनकी मदद से अंडरआर्म्स की बदबू (Bad Smell from Underarms) को आसानी से दूर किया जाता हैं। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में विस्तार से।

सेब का सिरका

रूई की मदद से सेब के सिरके को अंडरआर्म्स (Underarms) पर लगाकर ओवरनाइट के लिए छोड़ दें और सुबह स्नान कर लें। वैसे आप दिन में 2 बार भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे कोई साइड-इफैक्ट भी नहीं होगा। यह गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करके बदबू हटाने में काफी मदद करता है।

आयोडीन

नहाने से पहले आयोडीन की कुछ बूंदें अंडरआर्म्स (Underarms) में लगाकर मुलायम ब्रश से 3-4 मिनट स्क्रब करें और फिर नहा लें। रोजाना ऐसा करने से आप खुद ही फर्क महसूस करेंगे।

लैवेंडर एसेंशियल ऑयल

एक गिलास पानी में लैवेंडर या कोई भी कैरियर ऑयल की कुछ बूंदें डालकर स्प्रे बोतल में स्टोर कर लिजिए। अब इसे दिन में 2 बार अंडरआर्म्स पर स्प्रे करें और यह बैक्टीरिया का खत्मा करके बदबू को दूर भी करता है।

टी ट्री ऑयल

1 चम्मच पानी में 2 बूंद टी ट्री ऑयल की मिक्स करें अब इसे कॉटन की मदद से अंडरआर्म्स पर लगाएं या स्प्रे बोतल में डालकर इसे यूज करें। 

विच हैजल

कॉटन की मदद से विच हैजल की कुछ बूंदें को दिन में 2 बार अंडरआर्म्स (Underarms) पर लगाएं और यह एक नेचुरल एंटीबैक्टीरियल डिओडरेंट है, जो रोमछिद्रों के आकार को कम भी कर देता है। इससे पसीना निकलने की प्रक्रिया काफी धीमी हो जाती है।

हाइड्रोजन पेरोक्साइड

रोजाना 3% कप पानी में एक चम्मच हाइड्रोजन पेरोक्साइड मिलाकर जब भी पसीना आए तो अंडरआर्म्स (Underarms) की सफाई कर लीजिए। इसमें भी बैक्टीरिया को नष्ट करने वाले गुण होते हैं, जिससे बदबूदार पसीना भी नहीं आता।

एलोवेरा

सोने से पहले अंडरआर्म्स (Underarms) पर एलोवेरा जेल से मसाज कर लें और सुबह पानी इसे पानी से धो लें। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो बदबू दूर करने में बहुत फायदेमंद है।

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Chanakya niti: ऐसे लोगों का साथ बनेगा आपकी बर्बादी का कारण

 

डेस्क। Chanakya niti: आचार्य चाणक्य भारत ही नहीं दुनिया के श्रेष्ठ विद्वान में से एक माने जाते हैं और इन्हें समाज शास्त्र अर्थशास्त्र, राजनीति एवं कूटनीति का परम ज्ञाता माना जाता है। प्राचीन काल में चाणक्य द्वारा बताई गई नितियां आज भी समाज के लिए उतनी ही उपयोगी है जितनी उस समय में थी।

आज भी उनकी शिक्षाएं लोगों को जीवन में सफल बनाने और प्रेरित करने का काम करती है।

आचार्य चाणक्य की नीति शास्त्र की बताई गई कई बातें कटु जरुर लगती है, पर वह मनुष्य को जीवन की सच्चाई से अवगत कराती है। आज भी अगर कोई व्यक्ति इनकी बताई गई बातों का ध्यान रखे तो वह अनचाही समस्याओं से न सिर्फ बच सकता है, बल्कि एक सफल और संतुष्ट जीवन भी व्यतीत कर सकता है। इसी कड़ी में आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बताया है कि हमें कुछ खास तरह के लोगों से दूर ही रहना चाहिए।

1. Chanakya niti: पाप हो जिसकी नजर में

आचार्य चाणक्‍य अपने नीति शास्त्र में यह बताते हैं कि मनुष्य को ऐसे व्‍यक्ति भी व्यक्ति से मित्रता नहीं करनी चाहिए जिसकी नजर में पाप हो। ऐसी व्‍यक्ति के साथ मित्रता आपको कभी और कहीं भी मुश्किल में डाल देती है। 

2. बुरी आदत वाले व्यक्ति से रहें दूर 

आचार्य चाणक्य के अनुसार दुष्ट व्यक्ति से हमेशा दूर रहना चाहिए। और चाणक्य की नीति के मुताबिक ऐसा व्‍यक्ति जो बुरी आदतों से घिरा हो उसके साथ दोस्ती कभी भी हित में नहीं होता। आपके जीवन को भी उसकी खराब आदतें प्रभावित कर देती है। अपनी आदत के मुताबिक दुष्ट व्यक्ति आपके साथ भी कभी की दुष्टता कर सकता है और आप कभी भी मुश्किल में पड़ सकते हैं।

3. गलत जगह रहने वाले लोगों से न करें दोस्ती

आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में बताते हैं कि हमें ऐसे किसी भी व्यक्ति से दोस्ती नहीं करनी चाहिए जो बुरे यानी गलत जगह पर रहता है। गलत यानी बुरे स्थान पर रहने वाला व्यक्ति लंबे समय तक खुद को उस जगह की बुराइयों से दूर नहीं रख सकता। ऐसे में ऐसे व्यक्ति के साथ मित्रता आपके जीवन पर भी बुरा प्रभाव डाल देते है। आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि अच्छे स्थान पर अच्छे लोगों के बीच रहने वाले व्यक्ति के साथ ही दोस्ती भी करें।

4. बड़ों के साथ जो करता हो बुरा व्यवहार

आचार्य चाणक्य अपने नीति शास्त्र में आगे यह कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति को कभी भी अपना दोस्त नहीं बनाना चाहिए जिनका स्वभाव अच्छा न हो। नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य यह कहते हैं जो व्यक्ति अपने माता-पिता का सम्मान, पत्नी और बच्चों की इज्जत और बड़े के साथ अच्छा व्यवहार न करता हो उसके साथ कभी भी मित्रता नहीं करनी चाहिए।

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वहीं आचार्य चाणक्य आगे कहते हैं कि जो इंसान अपने जन्म देने वाले माता-पिता का सम्मान तक नहीं कर सकता, वह किसी और के साथ कैसे दोस्ती और मित्रता को निभा सकता है।

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पूजा में दीपक जलाने के होते हैं ये नियम

डेस्क । हिन्दू धर्म में देवी-देवता की विधिवत पूजा करने के साथ उनको सिंदूर, कुमकुम, चंदन, अक्षत लगाने के बाद घी या फिर तेल का दीपक भी जरूर जलाते है। मान्यता है कि बिना दीपक जलाएं पूजा कभी पूरी नहीं होती।
दीपक जलाने से भगवान तो प्रसन्न होते है पर इसके साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। दीपक जलाते समय आप कुछ नियमों का पालन जरूर से करना, लेकिन जैसे ही बात किसी बाहरी स्थान यानी किसी पेड़-पौधे आदि के पास दीपक जलाते हैं, तो नियमों का ध्यान नहीं देते हैं, जिसके कारण जीवन में कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। तो आइए जानते हैं कि घर के बाहर किसी जगह दीपक जलाते समय किस बात का रखें ख्याल।

दीपक जलाते समय न करें ये गलती

अग्नि पुराण और स्कंद पुराण में देवी-देवता की पूजा करने के बारे में विस्तार से बताया गया है वहीं ऐसे ही हम जब घर के बाहर जाकर दीपक जलाते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। शास्त्र के अनुसार, अगर आप बेलपत्र, पीपल, वट, केला या फिर आंवला के वृक्ष के नीचे या फिर किसी मंदिर, पोखर या किसी नदी के पास दीपक जला रहे हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि उस दीपक में कम से कम घी या तेल डालें।

दरअसल कई बार श्रद्धा से भरपूर होकर हम चाहते हैं कि अपने आराध्य के सामने लंबे समय तक दीपक को जलाएं। ऐसे में दीपक में बाती के साथ खूब सारा तेल या फिर घी भी डाल देते हैं। लेकिन कई बार हवा के कारण या अन्य कारणों से दीपक बंद हो जाता है। दीपक के ठंडा होने के बाद उसमें घी या फिर तेल रह जाता है और बस यहीं से समस्या उत्पन्न होने लगती है।

माना जाता है कि जिस व्यक्ति ने दीपक जलाया है और वह अविवाहित है, तो उसे अकेले ही शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा अगर वह विवाहित है, तो पति-पत्नी दोनों को ही शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। वहीं खासकर सिर के आसपास के हिस्से में असहनीय दर्द का सामना करना पड़ जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि किसी खुली जगह पर दीपक जला रहे हैं, तो उसमें तेल या घी ज्यादा न रखें।

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ऐसे बनाएं सूजी का हलवा, उंगलियां चाटते रहेंगे सभी

 

डेस्क। सूजी का हलवा रेसिपी (Suji Halwa Recipe): सूजी का हलवा देखते ही मीठा पसंद करने वालों के मुंह में पानी भर आता है। हलवे की कई वैराइटीज हमारे यहां फेमस हैं और मौसम के हिसाब से भी हलवा बनाकर खाया जाता है।

 आटे और सूजी का हलवा ऐसी स्वीट डिश है जिसे सालभर बनाकर खाया जा सकता है और ये स्वाद से भरपूर सूजी का हलवा बनाना भी काफी आसान है और ये कम वक्त में ही बनकर तैयार भी हो जाता है। सूजी हलवा का स्वाद बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को पसंद होता है। घर पर अचानक मेहमान आ जाएं तो मीठे में उनके सामने सूजी का हलवा बनाकर परोसा भी जा सकता है।

सूजी का हलवा बनाने के लिए ज्यादा सामग्रियों की जरूरत भी होती। इसके लिए सूजी, देसी घी का ही इस्तेमाल किया जाता है। हलवे का टेस्ट बढ़ाने के लिए ड्राई फ्रूट्स डाले जा सकते हैं और आपने अगर कभी सूजी हलवा नहीं बनाया है तो हमारी बताई विधि की मदद से बेहद आसानी से इसे तैयार भी कर सकते हैं।

सूजी का हलवा बनाने के लिए सामग्री

सूजी (रवा) – 1 कटोरी

इलायची कुटी – 3/4 टी स्पून

बादाम कटी – 7-8

किशमिश – 10-12

देसी घी – 1 टेबलस्पून

चीनी – 1 कप

नमक – 1 चुटकी

सूजी का हलवा बनाने की आसान विधि

स्वाद से भरपूर सूजी का हलवा बनाने के लिए सबसे पहले एक कड़ाही को मीडियम आंच पर गर्म करें और उसमें सूजी डालकर चलाते हुए इसको सेकें। सूजी को तब तक सेकना है जब तक कि उसका रंग गोल्डन ब्राउन न हो जाए। अब इसके बाद सूजी को एक बाउल में निकाल लीजिए। अब कड़ाही में देसी घी डालें और गर्म भी करें। जब घी पिघल जाए तो पहले कुटी हुई इलायची डालें और फिर कुछ सेकंड बाद भुनी हुई सूजी डालकर घी के साथ अच्छी तरह से मिक्स कर दीजिए।

अब करछी से चलाते हुए सूजी को एक से दो मिनट तक पकाएं, इसके बाद कड़ाही में लगभग 2 गिलास पानी डालें और चलाते हुए सूजी को पकने भी दें। कुछ देर बाद सूजी में चीनी डालकर ठीक ढंग से मिला लीजिए l अब हलवे को चलाते हुए तब तक पकाना है जब तक कि गाढ़ा न हो जाए। इसके बाद हलवे में बारीक कटी बादाम और किशमिश मिला लीजिए। इसके ऊपर एक चुटकी नमक भी डाल दें।

सूजी के हलवे में चुटकीभर नमक डालने से इसका स्वाद और भी ज्यादा बढ़ जाता है। अब सूजी का हलवा कम से कम 8-10 मिनट तक पकाएं। जब हलवे का रंग सुनहरा भूरा हो जाए और उसमें से भीनी खुशबू आनी शुरू हो जाए तो गैस को बंद कर दें। इस बात का भी ध्यान रखना है कि सूजी हलवा बनाते वक्त उसे चलाते रहना है वरना हलवा कड़ाही से चिपक सकता है। साथ ही इसके बाद हलवा सर्विंग बाउल में निकालें और ड्राई फ्रूट्स से गार्निश कर सर्व करें।

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Vastu Shastra: घर के मंदिर में रखें ये दो मूर्तियां, मालामाल हो जाएंगे आप

 

 

डेस्क। Vastu Shastra: अगर आप आर्थिक संकटों का सामना कर रहे हैं, तो वास्तु शास्त्र का यह उपाय आपकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकता है। वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार, यह माना जाता है कि खूब कमाई के बावजूद भी पैसा अक्सर हाथ से निकल जाता है।

आप इस उपाय को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं। वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra Tips) के मुताबिक, पूजा घर में धन की देवी मां लक्ष्मी और कुबेर जी की प्रतिमा को स्थापित करें। 

Vastu Shastra के अनुसार, प्रतिमा स्थापना के पश्चात् दोनों देवी-देवता की नियमित रूप से पूजा करें। मान्यता यह है कि इस वास्तु उपाय को करने से घर में कभी भी रुपए-पैसों की कमी भी नहीं होती। भगवान कुबेर तथा मां लक्ष्मी के आशीर्वाद से इंसान को आर्थिक समस्याओं से निजात मिलती है। वास्तु (Pooja Ghar Vastu Shastra) के मुताबिक, घरों में और विशेष रूप से पूजा घर के आस-पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

वास्तु शास्त्र (Home Vastu Shastra)  के अनुसार, जिन घरों में सफाई और शुद्धता की कमी होती है, वहां मां लक्ष्मी कृपा नही करती हैं। इसके बजाय, वहां प्राय: आर्थिक संकट और दरिद्रता का साम्राज्य बढ़ जाता है। Vastu Shastra के अनुसार, घर में गंदगी और अशुद्धता मां लक्ष्मी को नाराज भी कर सकती है, जिससे घर में आर्थिक समस्याएं आ सकती हैं।

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बेसन के ये फेस पैक्स आपको देंगे चमकती बेदाग त्वचा 

 

 डेस्क। बेसन का उपयोग न केवल स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में किया जाता है बल्कि इसके उपयोग से त्वचा की रंगत भी निखरती रहती है। बेसन त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करने में बहुत कारगर साबित होती है।

तो आइए जानते हैं इससे फेस पैक कैसे बनाएं।

नमी बरकरार रहेगी

सामग्री – 1 बड़ा चम्मच आटा, 2 बड़े चम्मच खीरे का रस

तरीका

– एक बाउल में दोनों चीजों को अच्छी तरह मिलाकर पेस्ट बना लें।

– चेहरे और गर्दन पर लगाएं और सूखने के बाद धूल लें।

– हर 4-5 दिन में एक बार लगाएं, जल्द ही फर्क आपको नजर आएगा।

प्राकृतिक चमक के लिए

सामग्री – 1 बड़ा चम्मच बेसन, गुलाब जल आवश्यकतानुसार मिला लें

तरीका

– एक बाउल में दोनों सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लीजिए।

– सप्ताह में एक बार जरूर लगाएं।

रंगत निखर जाएगी

सामग्री – पके पपीते के 4-5 टुकड़े (प्यूरी), 1 बड़ा चम्मच आटा मिला ले।

तरीका

– एक बाउल में दोनों सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।

– चेहरे और गर्दन पर लगाएं और पांच मिनट बाद धूल लें।

-सर्वोत्तम परिणामों के लिए सप्ताह में एक बार लगाएं।

आपको एकदम सही चमक मिलेगी

सामग्री- 2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी पाउडर, 1 चम्मच आटा, गुलाब जल मिला ले

तरीका

एक बाउल में मिट्टी और बेसन को अच्छी तरह से मिला लें।

– थोड़ा सा गुलाब जल और पानी मिलाकर पेस्ट बना लें।

– चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 10 मिनट के बाद धो लें।

त्वचा मुलायम रहेगी

सामग्री – पके केले के 3-4 टुकड़े, 2 चम्मच बेसन, थोड़ा सा गुलाब जल मिक्स करें

तरीका

– केले के टुकड़ों को मैश करने के बाद इसमें बेसन और गुलाब जल मिलाकर चिकना सा पेस्ट तैयार कर लें।

– चेहरे और गर्दन पर लगाएं और 10-15 मिनट के बाद धो लें।

-सप्ताह में दो बार लगाएं, आपकी त्वचा चमक उठेगी।

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क्या बताती है आपकी हस्तरेखा, जानिए इसका महत्त्व 

 

डेस्क। हस्तरेखा शास्त्र अनुसार व्यक्ति के हाथ में मौजूद रेखा और चिह्न कई शुभ योगों के निर्माण के सूचक होते हैं। जिसमें से प्रमुख गजलक्ष्मी, शश, लक्ष्मी, पुष्कल, चामर आदि योग हैं। ऐसे में यहां हम बात करने जा रहे हैं चामर योग के बारे में, जो भाग्यशाली लोगों के हाथ में होता है।

 मतलब ये योग जिस व्यक्ति की हथेली में होता है तो व्यक्ति के पास अकूत धन- दौलत होती है। साथ ही व्यक्ति के पास खूब संपत्ति भी होती है और व्यक्ति दीर्घायु होती है। वहीं ऐसे व्यक्ति को समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति भी होती है। जिस व्यक्ति के हाथ में ये योग होता है, उन पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहती है। तो आइए जानते हैं हाथ में कैसे बनता है ये योग और इसके लाभ क्या है।

ऐसे बनता है हाथ में चामर योग

हस्तरेखा शास्त्र अनुसार यदि हाथ ही उंगलियां लंबी हो और उस पर नाखून लाल आभा के हों। इसके साथ ही सूर्य रेखा लंबी और पुष्ट हो और उसका उद्गम मणिबंध से हुआ हो। भाग्य रेखा का उद्गम भी मणिबंध से हुआ हो और दोनों रेखाएं उद्गम स्थान पर मिली हुई हों तो चामर योग बन जाता है।

व्यक्ति होता है विद्वान और प्रतिष्ठित

इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति अत्यन्त उच्च प्रतिष्ठित और विद्वान लोगों के द्वारा पूजा जाता है, साथ ही वह खुद भी बेहद विद्वान होता है। उसको समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है, वहीं ऐसे लोग विदेश में जाकर भी अपना नाम कमाते हैं। ये लोग मेहनती होते हैं और मेहनते के दम पर कम समय में सफलता भी हासिल करते हैं।

व्यक्ति होता है दीर्घायु

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के हाथ में ये योग होता है वे लोग वेदों और शास्त्रों को जानने वाले होते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति दीर्घायु होता है और उनको सरकार से कोई ईनाम या पुरुस्कार मिलता है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति लेखक होते हैं। साथ ही ऐसे लोग स्पष्टवादी भी होते हैं और यह लोग दूसरों की मदद करते हैं। वहीं ये लोग व्यवहारिक होते हैं। साथ ही ऐसा व्यक्ति अनुशासित होता है और उसको लापरवाही भी पसंद नहीं होती।

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Refrigerator में इस बटन का होता है बेहद जरूरी काम, लोग दबाने से डरते

डेस्क। Refrigerator Tips & Tricks: फ्रिज हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई है। आजकल यह न केवल शहरों में बल्कि गांवों में भी बड़ी संख्या में पाया जाता है और यह घरों में खाने को ये फ्रेश बनाए रखने में मदद करता है।
ज्यादातर घरों में सिंगल डोर फ्रिज होते हैं और सिंगल डोर फ्रिज में आपने एक बटन देखा होगा, जिसको दबाने से लोग घबराते हैं पर बहुत कम लोग जानते हैं कि यह बटन काफी काम का होता है।

डीफ्रॉस्ट करना होता है जरूरी

सिंगल डोर फ्रिज में आइस बिल्ड होने के बाद डीफ्रॉस्ट करना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह फ्रिज की कार्यक्षमता को बनाए रखने में बहुत मदद करता है। फ्रोस्ट जमने से फ्रिज की ठंडाई कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण फ्रिज का अधिक बिजली खपत भी होती है और खाद्य आइटम्स को सही तरीके से ठंडा नहीं रखा जा सकता, ऐसे में बर्फ जमाने के लिए लोग डायरेक्ट फ्रिज को बंद कर देते हैं और बटन का इस्तेमाल भी नहीं करते हैं।

ज्यादातर सिंगल डोर फ्रिज में डीफ्रॉस्ट स्विच के साथ आते हैं और कई बार यह स्विच यूजर्स के लिए गुप्त रहता है, उन्हें इसके इस्तेमाल की जानकारी नहीं होती है।

दबाते ही पिघल जाती है बर्फ

रेफ्रिजरेटर्स में, डीफ्रॉस्टिंग प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कम ही बटन या डीफ्रॉस्ट बटन मिलता है और इसके उपयोग बर्फ को पिघलाने के लिए किया जाता है। इसे एक बार दबाने से फ्रिज आवश्यक समय में डीफ्रॉस्ट हो जाता है, और इसके बाद फ्रिज को फिर से चालने की आवश्यकता पड़ती है। फ्रिज में बटन होने के बावजूद, लोग इसको नहीं दबाते हैं और लोगों को इसे दबाने से डर लगता है। उनको नहीं पता होता कि यह इससे फ्रिज को डिफ्रॉस्ट किया जाता है।

फ्रिज को डीफ्रॉस्ट करना एक महत्वपूर्ण काम है क्योंकि फ्रॉस्ट का लेयर फ्रिज में एनर्जी एफिसिएंसी को कम करता है वहीं फ्रॉस्ट के जमने से फ्रिज की कार्यक्षमता कम भी हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप फ्रिज को ठंडा रखने के लिए बहुत अधिक मेहनत करनी पड़ती है।

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कछुए की अंगूठी धारण करने पर करें इन नियमों का पालन 

 

डेस्क । ज्योतिष में कछुए की अंगूठी धारण करना बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यता यह है कि इस अंगूठी को पहनने से आर्थिक दिक्कतें दूर हो जाती है और मां लक्ष्मी की असीम कृपा होती है। वहीं कुछ लोग कछुए की अंगूठी को गलत तरीके से और गलत ढंग उंगली में धारण भी कर लेते हैं।

इससे पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं हो पाती और अगर आप कर्ज और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं तो कछुए की अंगूठी को सही तरीके से धारण कर लें तो आइए जानते हैं कछुए की अंगूठी को धारण करने का सही नियम और मिलने वाले लाभ के बारे में… 

कछुए की अंगूठी धारण करने के ये हैं नियम

-कछुए की अंगूठी को धारण करने से पहले उसकी शुद्धि कर लें और इसके लिए दूध और गंगाजल में कछुए की अंगूठी को कुछ घंटों के लिए डुबोकर रख दें।

-कछुए की अंगूठी को शुद्ध करने के बाद माता लक्ष्मी को चढ़ाए। इसके बाद माता की पूजा अर्चना करने के बाद इस अंगूठी को धारण कर लें।

-गुरुवार या शुक्रवार के दिन इस अंगूठी को धारण करना चाहिए और इसकी वजह गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का होता है और शुक्रवार को मां लक्ष्मी की कृपा होती है।

 

–कछुए की अंगूठी को सीधे हाथ की तर्जनी यानी पहली उंगली या फिर मध्यमा बीच की उंगली में धारण करना चाहिए।

-कछुए की अंगूठी को धरण करते समय मुख् आपकी ओर होना ही चाहिए।

-चांदी की बनी हुई कछुए की अंगूठी की धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और इसे जीवन में चल हरी आर्थिक परेशानियां भी दूर होती है। 

इस दिन करें धारण

गुरुवार के दिन इस अंगूठी को शुद्ध करने के बाद मां लक्ष्मी जी के चरणों में चढ़ाएं और इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण जी की विधिवत पूजा करें। इसके बाद अगले दिन शुक्रवार को माता लक्ष्मी की अंगूठी को धारण कर लीजिए।