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Join NowPM Kisan Samman Nidhi Yojana: देश भर के करोड़ों किसानों के लिए एक बेहद राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) को लेकर अक्सर किसानों के मन में एक डर बना रहता है—”अगर हमने बैंक का पुराना कर्ज (Loan) या केसीसी (KCC) का पैसा नहीं चुकाया, तो क्या सरकार से मिलने वाले 2000 रुपये बैंक काट लेगा?”
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अगर आप भी इसी डर में जी रहे हैं, तो अब बेफिक्र हो जाइए। हाल ही में एक उपभोक्ता अदालत (Consumer Court) ने एक ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जो न केवल बैंकों की मनमानी पर रोक लगाएगा, बल्कि देश के हर उस किसान के लिए ढाल बनेगा जो आर्थिक तंगी के कारण समय पर कर्ज नहीं चुका पाता।
पीएम किसान की 21वीं किस्त और कर्ज का जाल
जैसा कि हम जानते हैं, केंद्र सरकार ने 19 नवंबर को पीएम किसान योजना की 21वीं किस्त (21st Installment) जारी कर दी है। सालाना 6000 रुपये की यह मदद किसानों की छोटी-मोटी जरूरतों, खाद-बीज और खेती के खर्चों के लिए होती है। लेकिन कई बार देखा गया है कि जिन किसानों ने बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) या अन्य कृषि ऋण ले रखा है, बैंक उनके खाते में पैसा आते ही उसे ‘लोन की रिकवरी’ के नाम पर होल्ड (Hold) कर देते हैं या काट लेते हैं।
तमिलनाडु का वो मामला जिसने बदल दिया नियम
यह पूरा मामला तमिलनाडु के नीलगिरी जिले (Nilgiris District) का है, जो अब पूरे देश के लिए एक नजीर (Example) बन गया है।
यहाँ एक किसान, के. भोजराज (K. Bhojraj) का खाता एक सहकारी बैंक में था। केंद्र सरकार ने डीबीटी (DBT) के माध्यम से उनके खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के तहत कुल 16,000 रुपये भेजे। लेकिन किसान को यह पैसा नहीं मिला।
जब किसान बैंक पहुंचा, तो पता चला कि बैंक ने यह राशि रोक (Freeze) ली है। बैंक का तर्क था कि किसान ने पुराना कर्ज नहीं चुकाया है, इसलिए सब्सिडी की राशि को लोन में एडजस्ट किया जा रहा है।
कोर्ट ने क्या कहा? (The Verdict)
किसान ने हार नहीं मानी और जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जो फैसला दिया, वह हर किसान को जानना चाहिए:
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बैंक का अधिकार नहीं: कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा सरकार द्वारा किसानों की “आजीविका और खेती” में मदद के लिए दिया जाने वाला अनुदान (Subsidy) है।
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लोन रिकवरी अलग मुद्दा है: बैंक अपनी लोन रिकवरी के लिए कानूनी रास्ता अपना सकता है, लेकिन वह सरकार द्वारा भेजी गई ‘राहत राशि’ पर कुंडली मारकर नहीं बैठ सकता।
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पैसा लौटाना होगा: आयोग ने बैंक को आदेश दिया कि वह किसान के रोके गए 16,000 रुपये तुरंत जारी करे।
बैंक को लगा जुर्माना, देना पड़ा हर्जाना
सिर्फ पैसा लौटाने से बात नहीं बनी। कोर्ट ने बैंक की इस हरकत को ‘सेवा में कमी’ (Deficiency in Service) माना। सजा के तौर पर बैंक को आदेश दिया गया कि वह किसान को हुई मानसिक परेशानी और मुकदमे के खर्च के लिए 2000 रुपये का हर्जाना (Compensation) अलग से दे।
तो फिर पीएम किसान का पैसा कब रुक सकता है?
इस फैसले से यह साफ हो गया है कि लोन डिफॉल्ट (Loan Default) पैसा रोकने की वजह नहीं बन सकता। लेकिन, कुछ तकनीकी गलतियां हैं जिनके कारण आपकी 22वीं किस्त अटक सकती है। सरकार के नियमों के मुताबिक, पैसा तभी रुकेगा जब:
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e-KYC नहीं हुआ हो: अगर आपने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाई है, तो पैसा नहीं आएगा।
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Aadhaar Seeding: अगर आपका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है (DBT Enable नहीं है)।
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Land Verification: अगर आपके भू-लेखों (Land Records) का सत्यापन नहीं हुआ है।
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Farmer ID: अगर आपकी आईडी में नाम या डिटेल गलत है।
यह फैसला बैंकों को एक कड़ा संदेश देता है कि वे किसानों की सब्सिडी को मनमाने ढंग से नहीं रोक सकते। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आप इस फैसले का हवाला देकर बैंक मैनेजर से बात कर सकते हैं या उपभोक्ता फोरम में शिकायत कर सकते हैं। सरकार की मंशा किसान को सशक्त बनाना है, और कानून इसमें आपके साथ खड़ा है।















