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Join NowPM Dhan Dhanya Krishi Yojana: भारतीय किसानों (Indian Farmers) के लिए दिल्ली से एक बहुत बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। जहां एक तरफ देश भर के करोड़ों अन्नदाता पीएम किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) की अगली यानी 21वीं किस्त का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने उससे भी बड़ा तोहफा दे दिया है।
केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने और खेती को आधुनिक बनाने के मिशन को नई रफ़्तार देते हुए ‘प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना’ (PM Dhan Dhanya Krishi Yojana) की शुरुआत की है। 16 जुलाई को कैबिनेट की मुहर लगने के बाद, अब इस योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी पूरी हो चुकी है।
आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर यह 24,000 करोड़ रुपये का प्लान क्या है और क्या इससे वाकई आपकी जेब में पैसा आएगा?
क्या है पीएम धन धान्य कृषि योजना? (What is PM Dhan Dhanya Krishi Yojana)
सीधे शब्दों में कहें तो, यह योजना “एक तीर से कई निशाने” साधने जैसी है। सरकार ने महसूस किया है कि देश के कुछ जिले खेती-किसानी में बहुत पीछे रह गए हैं। इसलिए, PM Dhan Dhanya Krishi Yojana को मंजूरी दी गई है।
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इस महा-योजना के तहत किसी एक विभाग नहीं, बल्कि 11 मंत्रालयों (Ministries) की 36 से ज्यादा मौजूदा योजनाओं को एक साथ जोड़ दिया गया है। यानी अब आपको अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे। इस ‘कन्वर्जेंस’ (Convergence) का मकसद देश के सबसे पिछड़े और गरीब 100 जिलों के किसानों को वीआईपी (VIP) ट्रीटमेंट देना है। माना जा रहा है कि इससे सीधे तौर पर 1.7 करोड़ किसान परिवारों की तकदीर बदल जाएगी।
इस योजना का खजाना (Budget and Allocation)
सुनने में यह राशि किसी सपने जैसी लगती है, लेकिन हकीकत में सरकार इस योजना पर हर साल 24,000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। यह पैसा सीधे तौर पर खेती की लागत कम करने, पैदावार बढ़ाने और उपज को मंडी तक सही सलामत पहुँचाने पर खर्च होगा।
सरकार का असली मकसद क्या है? (Key Objectives)
सरकार चाहती है कि किसान अब सिर्फ परम्परागत खेती के भरोसे न रहें। इस योजना के चार बड़े पिलर हैं:
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खेती का तरीका बदलना: किसानों को उन फसलों को उगाने के लिए प्रेरित करना जिनकी बाजार में ज्यादा मांग है।
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मौसम की मार से सुरक्षा: ऐसी फसलें तैयार करना जो जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और बेमौसम बारिश को झेल सकें।
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स्टोरेज की टेंशन खत्म: अक्सर फसल कटने के बाद सड़ जाती है, इसलिए गावों में ही गोदाम (Storage Capacity) बढ़ाए जाएंगे।
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सिंचाई और तकनीक: जहाँ पानी कम है, वहां नई तकनीक से सिंचाई की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी।
क्या सभी को मिलेगा फायदा? जानिए किसे चुना जाएगा?
यह सवाल सबके मन में है। यहाँ थोड़ा पेंच है। यह योजना हर किसान के लिए नहीं, बल्कि उन 100 जिलों (Backward Districts) के लिए है जो खेती में पिछड़ गए हैं।
इस योजना का लाभ आपको मिलेगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका जिला इन 3 मानकों (Parameters) पर कहाँ खड़ा है:
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कम पैदावार (Low Productivity): जिन जिलों में मेहनत के बाद भी अनाज कम पैदा होता है।
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कम फसल चक्र (Moderate Crop Intensity): जहां खेत साल भर खाली पड़े रहते हैं या किसान साल में एक ही फसल ले पाते हैं।
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क्रेडिट की कमी (Below-Average Credit): ऐसे इलाके जहां के किसानों के पास ‘किसान क्रेडिट कार्ड’ (KCC) या बैंक से लोन की सुविधा ठीक से नहीं पहुंची है।
आपको क्या मिलेगा? (Benefits for Farmers)
अगर आपका जिला इस लिस्ट में आता है, तो बधाई हो! आपको यह सब मिलेगा:
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बकरी और मुर्गी पालन: खेती के साथ-साथ सरकार आपको पशुपालन (Animal Husbandry) और छोटे उद्योग लगाने में मदद करेगी।
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तकनीकी मदद: आपकी मिट्टी की जांच से लेकर बीज बोने तक, टेक्नोलॉजी पार्टनर (Technology Partner) आपकी मदद करेंगे।
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प्रोसेसिंग यूनिट: फसल कटने के बाद टमाटर की चटनी बनानी हो या आलू के चिप्स, छोटे उद्योग (Micro Industries) लगाने के लिए पैसा और ट्रेनिंग मिलेगी।
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मास्टर प्लान: आपके जिले और ब्लॉक के लिए एक खास ‘मास्टर प्लान’ तैयार होगा, जिसकी निगरानी सीधे केंद्र और राज्य सरकार करेगी।
कैसे होगा चयन और आवेदन? (How to Apply?)
महत्वपूर्ण बात यह है कि इस योजना में किसानों को व्यक्तिगत आवेदन नहीं करना है। यह एक क्षेत्र-आधारित (Area Based) योजना है। केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर डेटा के आधार पर 100 पिछड़े जिलों की लिस्ट तैयार कर रही है। देश के हर राज्य से कम से कम एक जिले को इसमें शामिल करना अनिवार्य है।
एक बार जिला चुन लिया गया, तो वहां रहने वाले सभी पात्र किसानों तक 36 सरकारी योजनाओं का लाभ अपने आप पहुँचने लगेगा।











