डेस्क। Lok Sabha Election: कन्नौज की खोई हुई सीट पुनः हासिल करने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को आखिरकार खुद ही मैदान में वापस आना पड़ा है। इंडिया खेमे को भरोसा है कि पहले चरण में उसके हिस्से तीन से चार सीटें आने वाली हैं। अगले चरणों में इसे बनाए रखने और उत्साह कायम रखने के लिए भी अखिलेश यादव ने मैदान में उतरने का निर्णय ले लिया है।
साथ ही स्थानीय संगठन ने अखिलेश यादव से मिलकर स्पष्ट कर दिया था कि तेज प्रताप यादव के लड़ने पर उतना समर्थन नहीं मिल पाएगा, जितना अखिलेश यादव को बतौर प्रत्याशी उन्हे मिल सकता है।
कन्नौज सीट पर मैनपुरी से पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को सोमवार को ही इसका उम्मीदवार बनाया गया था। पर पहले से ही सपा कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि अखिलेश यादव को ही कन्नौज से चुनाव लड़ना चाहिए।
मंगलवार को कुछ कार्यकर्ता और नेता लखनऊ में अखिलेश से मिले और चुनाव मैदान में उतरने का अनुरोध भी किया है। अखिलेश यादव ने मंगलवार की शाम को अमर उजाला से बातचीत में खुद चुनाव लड़ने के स्पष्ट संकेत दे दिए थे।
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आपको बताते हैं कि कन्नौज में उठापटक तो सोमवार को तेज प्रताप के नाम के एलान के साथ ही हो चुकी थी। तेज प्रताप की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद से ही सपा के स्थानीय कार्यकर्ता इस फैसले का विरोध भी कर रहे थे। कन्नौज के सपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल अखिलेश यादव से मिला और पूरी स्थिति से अवगत भी कराया है।
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आपको यह भी बताया कि स्थानीय स्तर पर सपा के कार्यकर्ता तेज प्रताप की उम्मीदवारी से काफी नाखुश हैं और उनका ये कहना है कि तेज प्रताप को वहां के लोग जानते तक नहीं। स्थानीय नेता किसी भी हालत में पार्टी की स्थिति को कन्नौज में कमजोर नहीं होने देना चाहते हैं। वहीं अगर अखिलेश खुद नहीं उतरे, तो पार्टी से लोग निराश हो जाएंगे और आपको यहां बता दें कि कन्नौज सीट पर लंबे समय तक समाजवादी पार्टी का दबदबा बना रहा है।