डेस्क। Lok Sabha Election: पिछली बार भाजपा को दक्षिण में सिर्फ 29 सीटें ही मिल पाईं थी। कर्नाटक में 25 तेलंगाना में चार। इसका अर्थ है कि दक्षिण की एक सौ एक सीटें भाजपा की पकड़ से दूर ही रहीं। इस बार पार्टी इस मोर्चा को मजबूत करने की कश्मकश में है। प्रयास बढ़ा दिया गया है।
आगामी लोक सभा चुनाव में भाजपा को 370 सीटों के लक्ष्य को पाने और कांग्रेस के लिए अपनी साख बचाने के लिए उत्तर से ज्यादा दक्षिण भारत का गढ़ महत्वपूर्ण दिखाई दे रहा है। यह कारण – उत्तर में भाजपा ने शिखर को लगभग प्राप्त ही कर लिया है और कांग्रेस का आधार इतना कमजोर हो गया है कि संघर्ष करके भी वह कुछ अतिरिक्त प्राप्त करने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रही है। इसलिए दोनों दलों की अपेक्षा दक्षिण पर टिकी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दक्षिण के दौरे कर रहे हैं और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केरल को ही अपना ठिकाना बना रखा है। कर्नाटक व तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है और तमिलनाडु की सरकार में भागीदार बनी बैठी है। भाजपा को 10 वर्ष के काम और मोदी मैजिक से कई उम्मीदें है।
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राजनीति में दक्षिण के महत्व को ऐसे भी समझा जा सकता है कि पटना में लालू प्रसाद ने जब मोदी सरकार पर सवाल उठाया तो पीएम ने जवाब देने के लिए हैदराबाद को चुना। पिछले दो महीने में पीएम मोदी ने दक्षिणी राज्यों के छह से भी ज्यादा दौरे किए हैं। उन्होंने एक कार्यक्रम में तेलंगाना को दक्षिण का गेटवे बताया था।
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राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा का पहला चरण दक्षिण से शुरू किया था वहीं कांग्रेस के दो बड़े नेता दक्षिण से ही अपनी किस्मत आजमाने जा रहे हैं। केरल के वायनाड से राहुल एवं तिरुवनंतपुरम से शशि थरूर का प्रत्याशी बनना पूरी तरह से तय है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो इस बार भी कांग्रेस के सामने एक बड़ी चुनौती देख रहे हैं।
दक्षिण के गणित पर डालिए नजर
दक्षिण के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में लोकसभा की 39 सीटें है। साथ ही दूसरा बड़ा राज्य कर्नाटक है, जहां 28, आंध्र प्रदेश में 25 और तेलंगाना में 17 सीटें हैं। केरल में 20 व पुडुचेरी में एक दक्षिण की कुल 130 सीटें सत्ता दिलाने के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण हैं।
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2004 के चुनाव में केंद्र की सत्ता से भाजपा को हटाने व कांग्रेस को लाने में इन राज्यों की एक बड़ी भूमिका रही थी यूपीए को तेलंगाना समेत संयुक्त आंध्र प्रदेश एवं तामिलनाडु की कुल 81 सीटों में से 68 पर जीत भी मिली थी।