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Join NowUttarakhand travel: मानसून की बारिश पहाड़ों की खूबसूरती में चार चांद लगा देती है, लेकिन इस साल यही बारिश तबाही और खौफ का दूसरा नाम बन गई है। उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश पर्यटकों की जान के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर दिल दहला देने वाली तस्वीरें और सांसें थमा देने वाले लैंडस्लाइड के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जहां पहाड़ ताश के पत्तों की तरह ढह रहे हैं, सड़कें टूट रही हैं और नदियां उफान पर हैं।
इस जानलेवा स्थिति को देखते हुए, प्रशासन ने एक बड़ा और सख्त फैसला लेते हुए हिंदुओं की सबसे पवित्र चारधाम यात्रा पर 5 सितंबर तक के लिए पूरी तरह से रोक लगा दी है।
चार धाम और हेमकुंड साहिब यात्रा पर लगा ताला
लगातार हो रहे भूस्खलन (लैंडस्लाइड) और भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए, यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा को 5 सितंबर तक स्थगित कर दिया है। प्रशासन लगातार तीर्थयात्रियों से अपील कर रहा है कि वे फिलहाल अपनी यात्रा को टाल दें और मौसम के सुधरने का इंतजार करें। हालात अगर नहीं सुधरे, तो इस तारीख को आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
सिर्फ चार धाम ही नहीं, बल्कि सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा को भी 5 सितंबर तक के लिए रोक दिया गया है। उत्तराखंड के चमोली जिले में लगभग 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित हेमकुंड साहिब की यात्रा गोविंदघाट से शुरू होती है, जहां से बद्रीनाथ का रास्ता भी गुजरता है। इन ऊंचे रास्तों पर खतरा इस समय बहुत बढ़ गया है।
क्या मसूरी, शिमला, मनाली जाना सुरक्षित है?
चार धाम यात्रा पर रोक लगने के बाद, कई लोग जो मानसून में पहाड़ों की हरियाली का लुत्फ उठाना चाहते हैं, उनके मन में एक बड़ा सवाल है: क्या मसूरी, नैनीताल, शिमला, मनाली या कसोल जैसी लोकप्रिय जगहों पर घूमना सुरक्षित है? इसका जवाब आपको मौजूदा हालात से मिल जाएगा।
उत्तराखंड के इन 5 ‘रेड अलर्ट’ जिलों में जाने की गलती न करें
मौसम विभाग ने देहरादून समेत उत्तराखंड के कई जिलों में भारी से भी बहुत भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। इन जिलों में देहरादून, टिहरी, पौड़ी, ऋषिकेश और हरिद्वार शामिल हैं। अगर आप इन जगहों पर घूमने का जोखिम उठाती भी हैं, तो भारी बारिश के कारण आप होटल के कमरे से बाहर भी नहीं निकल पाएंगी। इसके अलावा, बारिश से सड़कों पर घंटों का जाम लग रहा है, जिससे आपका पूरा ट्रिप ट्रैफिक में फंसकर बर्बाद हो जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में भी बरस रहा है ‘मौत’ का कहर
पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी हालात बेहद चिंताजनक हैं।
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शिमला के जुन्गा, जुब्बल-कोटखाई और सिरमौर जैसे इलाकों में हाल ही में हुए भूस्खलन में 6 लोगों की जान चली गई।
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मनाली-लेह हाईवे पर लैंडस्लाइड के कारण सड़कें बार-बार बंद हो रही हैं, जिससे यात्री घंटों तक ट्रैफिक में फंसे हुए हैं, जहां से न आगे जाने का रास्ता है और न ही गाड़ी मोड़ने की जगह।
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तीर्थन घाटी, शिंकुला दर्रा, ऊना, नाहन और सोलन में भी भारी बारिश के चलते यात्रा करना बेहद असुरक्षित है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय ऊंचाई वाली जगहों पर बारिश के कारण हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। अगर आपको यात्रा करनी ही है, तो कम ऊंचाई वाली और अपेक्षाकृत सुरक्षित छोटी पहाड़ी जगहों पर जाने का विचार कर सकती हैं, लेकिन वहां जाने से पहले भी मौसम का पूर्वानुमान और स्थानीय प्रशासन की एडवाइजरी जरूर जांच लें। अभी के लिए, पहाड़ों की यात्रा को टालना ही सबसे समझदारी का फैसला है।