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Join NowPutin Zelensky India Visit: भारत, रूस और यूक्रेन के रिश्तों में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. साल 2025 के अंत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर आएंगे, वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को भी पीएम मोदी ने भारत आने का न्योता दिया है. अमेरिका-भारत तनाव के बीच ये मुलाकातें कूटनीतिक दृष्टि से अहम मानी जा रही हैं.
Putin Zelensky India Visit: भारत की विदेश नीति हमेशा से संतुलित और बहुआयामी रही है। रूस और भारत की दोस्ती दशकों पुरानी है, वहीं यूक्रेन के साथ भी भारत ने तटस्थ रुख अपनाते हुए संबंध बनाए रखे हैं। मौजूदा दौर में जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है, भारत दोनों देशों से संवाद बनाए हुए है। यही कारण है कि साल 2025 के अंत में कूटनीति के बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
भारत-रूस की दोस्ती: अटूट और रणनीतिक
भारत और रूस के रिश्ते शीत युद्ध के दौर से ही मजबूत रहे हैं। रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष और व्यापार के क्षेत्र में दोनों देशों ने मिलकर कई अहम प्रोजेक्ट पूरे किए हैं। जब भी भारत अंतरराष्ट्रीय दबाव में होता है, रूस हमेशा भारत के साथ खड़ा दिखाई देता है। यही वजह है कि पुतिन का भारत दौरा दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करेगा।
यूक्रेन के साथ भारत का संतुलन
यूक्रेन के साथ भारत ने हमेशा एक संतुलित नीति अपनाई है। भारत ने कभी भी खुलकर रूस का पक्ष नहीं लिया और न ही यूक्रेन को नजरअंदाज किया। इसी कूटनीतिक संतुलन की वजह से प्रधानमंत्री मोदी ने जेलेंस्की को भारत आने का निमंत्रण दिया है। अगर जेलेंस्की भारत आते हैं, तो यह दोनों देशों के रिश्तों के लिए ऐतिहासिक पल होगा।
🇺🇸 भारत-अमेरिका तनाव: नई चुनौतियां
अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों में फिलहाल कई चुनौतियां सामने हैं।
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व्यापार और टैरिफ विवाद – अमेरिका ने भारत पर 50% तक टैरिफ बढ़ा दिया है।
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रूस से तेल खरीद – अमेरिका भारत के रूस से सस्ते तेल खरीदने पर नाराज है।
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पाकिस्तान पर अमेरिकी रुख – अमेरिका अक्सर भारत-पाकिस्तान विवाद में दखल देता है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा है कि भारत किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।
मोदी की विदेश नीति और तटस्थता
मोदी सरकार की विदेश नीति का सबसे बड़ा पहलू है “तटस्थता और रणनीतिक स्वायत्तता”। भारत न तो अमेरिका के दबाव में है और न ही रूस या चीन के प्रभाव में। यही कारण है कि भारत ने रूस से तेल खरीद जारी रखी, साथ ही यूक्रेन को मानवीय सहायता भी भेजी।
आने वाले समय के संभावित बदलाव
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भारत-रूस रक्षा सौदे और बढ़ेंगे।
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भारत-यूक्रेन व्यापारिक रिश्ते मजबूत हो सकते हैं।
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भारत-अमेरिका तनाव से व्यापार और निवेश प्रभावित हो सकता है।
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G20 और BRICS में भारत की भूमिका और अहम होगी।
मीडिया और कूटनीति की भूमिका
कुतुब मीनार का यूक्रेन के झंडे के रंगों में जगमगाना यह संकेत है कि भारत अपनी सॉफ्ट डिप्लोमेसी को और मजबूत कर रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि और बढ़ी है।भारत के लिए यह समय बेहद अहम है। पुतिन और जेलेंस्की दोनों का भारत आना न केवल एतिहासिक होगा बल्कि यह विश्व राजनीति के समीकरण भी बदल देगा। भारत अपनी तटस्थ और स्वतंत्र विदेश नीति से दुनिया को यह संदेश दे रहा है कि वह किसी का पिछलग्गू नहीं, बल्कि एक आत्मनिर्भर और निर्णायक शक्ति है।
Q1: पुतिन का भारत दौरा कब होगा?
साल 2025 के अंत में व्लादिमीर पुतिन भारत आएंगे।
Q2: क्या जेलेंस्की भी भारत आएंगे?
हाँ, पीएम मोदी ने जेलेंस्की को निमंत्रण दिया है और तारीख तय की जा रही है।
Q3: भारत-रूस संबंध इतने मजबूत क्यों हैं?
रक्षा, ऊर्जा और रणनीतिक सहयोग के कारण भारत-रूस संबंध दशकों से गहरे हैं।
Q4: क्या अमेरिका-भारत तनाव रिश्तों को प्रभावित करेगा?
हाँ, टैरिफ और रूस से तेल खरीद जैसे मुद्दों पर तनाव है, लेकिन भारत अपने हितों की रक्षा करेगा।
Q5: भारत की विदेश नीति की सबसे बड़ी ताकत क्या है?
तटस्थता और रणनीतिक स्वायत्तता – यानी किसी दबाव में न आना।