UttarPradesh: ग्रेटर नोएडा निक्की भाटी हत्याकांड, दहेज, जलती ज़िंदगियाँ और न्याय की जंग

Published On: August 28, 2025
Follow Us
UttarPradesh: ग्रेटर नोएडा निक्की भाटी हत्याकांड, दहेज, जलती ज़िंदगियाँ और न्याय की जंग

Join WhatsApp

Join Now

UttarPradesh: ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में निक्की भाटी हत्याकांड ने दहेज प्रथा और समाज की कड़वी सच्चाई को उजागर कर दिया है। पुलिस जांच, सीसीटीवी सबूत, गवाहों के बयान और परिवार की पीड़ा इस मामले को और गहराई से सामने ला रहे हैं।

उत्तर प्रदेश एक बार फिर दहेज प्रथा से जुड़ी दर्दनाक खबर की वजह से सुर्खियों में है। गौतमबुद्ध नगर (ग्रेटर नोएडा) जिले के सिरसा गांव की 26 वर्षीय महिला निक्की भाटी की जलाकर हत्या का मामला सामने आया है। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। सीसीटीवी फुटेज, अस्पताल का मेमो, गवाहों के बयान और परिजनों के आरोपों ने इस केस को और उलझा दिया है।

यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं है, बल्कि यह सवाल भी है कि दहेज जैसी कुप्रथा 21वीं सदी में भी क्यों जिंदा है? और क्या समाज एवं कानून मिलकर इस पर रोक लगा पाएंगे?


 निक्की भाटी हत्याकांड: घटना की पूरी कहानी

21 अगस्त 2025 की शाम लगभग 5:30 बजे ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव से आग की लपटों में घिरी निक्की भाटी को अस्पताल ले जाया गया। आरोप है कि पति विपिन भाटी और उसके परिवार ने निक्की को पहले पीटा, फिर उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी।

शुरुआत में निजी अस्पताल के मेमो में लिखा गया – “घर पर गैस सिलेंडर फटने से मरीज गंभीर रूप से जल गया।” लेकिन जैसे-जैसे सबूत सामने आने लगे, कहानी पलटती चली गई।

सीसीटीवी सबूत

भाटी परिवार के घर के पास दुकान के बाहर लगे कैमरे में साफ़ दिखा कि विपिन भागते हुए घर की ओर जाता है और थोड़ी देर बाद घबराया हुआ लौटता है। स्थानीय लोग दावा कर रहे हैं कि यही वो पल था जब घटना घटी।

READ ALSO  Saurabh Murder:’सब कुछ मुस्कान ने किया… साहिल की नानी •

गवाहों का बयान

विपिन का फूफेरा भाई देवेंद्र भी मौजूद था। उसने कहा कि विपिन और उसके पिता दुकान पर थे। अचानक विपिन दौड़ते हुए घर की तरफ गया और कुछ ही देर बाद वापस आया। इसके बाद सभी ने मिलकर निक्की को अस्पताल पहुंचाया।


 पुलिस की कार्रवाई और बयान

पुलिस ने विपिन, उसके माता-पिता सतवीर और दया, तथा भाई रोहित को गिरफ्तार कर लिया।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त सुधीर कुमार का बयान:
“यह हमारी जांच का हिस्सा है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सभी पहलुओं की गहन जांच होगी।”

विपिन को पुलिस ने पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया क्योंकि उसने कथित तौर पर हिरासत से भागने की कोशिश की थी।

परिजनों का आरोप: 36 लाख रुपये और लग्ज़री कार की मांग

निक्की के पिता भिखारी सिंह ने आरोप लगाया कि शादी (2016) से लेकर अब तक बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था।

  • शादी में स्कॉर्पियो कार, मोटरसाइकिल और गहने दिए गए थे।

  • इसके बावजूद, विपिन और परिवार 36 लाख रुपये और लग्ज़री कार की डिमांड कर रहे थे।

  • मांग पूरी न होने पर निक्की को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया।


कंचन का बयान: बहन को जलते हुए देखा

निक्की की बहन कंचन, जिसकी भी शादी इसी परिवार में हुई है, ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा:

“मेरी सास दया ने विपिन को ज्वलनशील पदार्थ दिया, उसने निक्की पर डाल दिया। मैंने विरोध किया तो मुझे भी पीटा गया। उसी वक्त मेरे पति रोहित, ससुर सतवीर और सास दया सब वहां मौजूद थे।”

कंचन का बयान इस केस को और गंभीर बना देता है क्योंकि वह प्रत्यक्षदर्शी है।

READ ALSO  PAN card fraud: आपके PAN-Aadhaar पर चल रही है करोड़ों की कंपनी, आपको खबर भी नहीं, जानिए कैसे बचें इस नए फ्रॉड से

परिवार की पुकार: पीएम मोदी और सीएम योगी से न्याय की अपील

निक्की के पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा:

“मेरी बेटी के कातिलों को फांसी पर लटकाया जाए। इनके घर पर बुलडोज़र चला दिया जाए। यह इंसाफ सिर्फ मेरी बेटी के लिए नहीं बल्कि उन तमाम बेटियों के लिए है जो दहेज की आग में जल रही हैं।”


दहेज प्रथा: आज भी क्यों जिंदा है?

भारत में दहेज प्रथा पर कानून सख्त है। दहेज निषेध अधिनियम, 1961 और भारतीय दंड संहिता की धारा 304B (दहेज हत्या) इसके खिलाफ हैं।

फिर भी, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं:

  • हर साल 6000 से अधिक महिलाएं दहेज हत्या की शिकार होती हैं।

  • हर घंटे एक महिला की जान जाती है

  • ज्यादातर केस उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान से आते हैं।

यह केस हमें फिर याद दिलाता है कि सिर्फ कानून बनाना काफी नहीं है, सामाजिक सोच बदलना भी ज़रूरी है।


सोशल मीडिया और जन आक्रोश

निक्की की मौत के बाद सोशल मीडिया पर #JusticeForNikki और #HangVipin ट्रेंड कर रहे हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक बेटियां इस प्रथा की बलि चढ़ती रहेंगी।

निक्की भाटी की मौत एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक आईना है। यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि

  • क्यों शिक्षित और आधुनिक दिखने वाले परिवार भी दहेज मांगते हैं?

  • क्यों कानून होने के बावजूद अपराधी बच निकलते हैं?

  • और क्यों हर बेटी को अपनी सुरक्षा और सम्मान के लिए न्याय की गुहार लगानी पड़ती है?

READ ALSO  Cervical Pain Relief Exercises: उफ्फ! गर्दन का दर्द जान ले रहा है? ये 5 आसान एक्सरसाइज दिलाएंगी मिनटों में आराम, दर्द कहेगा बाय-बाय

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Related Posts