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Join NowUP Labor Card Death Benefit: दोस्तों, जीवन पानी के बुलबुले की तरह है, कब फूट जाए किसी को नहीं पता। हम रोज सुबह काम पर निकलते हैं, लेकिन शाम को सही-सलामत घर लौटेंगे या नहीं, ये भविष्य के गर्भ में होता है। खास तौर पर हमारे श्रमिक भाई-बहन, जो ऊँची इमारतों पर चढ़कर या कठिन परिस्थितियों में पसीना बहाकर देश का निर्माण करते हैं, उनकी जान जोखिम में रहती है।
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ईश्वर न करे (God Forbid) कि घर के कमाने वाले मुखिया के साथ कोई अनहोनी हो जाए, तो पीछे पूरा परिवार बिखर जाता है। बच्चों की पढ़ाई, रोटी-कपड़ा और छत का साया सब छिन जाता है। लेकिन, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दर्द को समझा है। योगी आदित्यनाथ सरकार की ‘निर्माण कामगार मृत्यु व दिव्यांग सहायता योजना’ ऐसे ही मुश्किल वक्त में डूबते को तिनके का सहारा देती है।
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यह महज़ एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि उस माँ, पत्नी या बच्चों के लिए उम्मीद की किरण है, जिन्होंने अपना सब कुछ खो दिया है। आज हम आपको इस योजना की एक-एक बारीक़ी आसान भाषा में समझाएंगे, ताकि कोई भी गरीब भाई अपने हक़ से वंचित न रहे।
क्या है यह ‘सुरक्षा कवच’ योजना?
सरल शब्दों में कहें तो, उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UP BOCW) द्वारा चलाई जा रही यह योजना श्रमिक परिवारों के लिए एक लाइफ इंश्योरेंस की तरह है, वो भी बिना भारी प्रीमियम दिए। साल 2022 में सरकार ने पुराने नियमों को बदलकर और बेहतर बना दिया है।
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अगर काम के दौरान या सामान्य स्थिति में किसी श्रमिक की मृत्यु हो जाती है या वो अपंग (Divyang) हो जाता है, तो सरकार उसके परिवार को 5.25 लाख रुपये तक की नकद मदद देती है। इसमें अंतिम संस्कार का खर्च और मासिक पेंशन की व्यवस्था भी शामिल है।
किसे और कितना पैसा मिलेगा? (आसान गणित समझें)
सरकार ने मदद की राशि को अलग-अलग श्रेणियों में बांटा है, ताकि जैसी जरुरत, वैसी मदद मिल सके:
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अगर दुर्घटना (Accident) में मृत्यु हो जाए:
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कुल मदद: 5 लाख 25 हजार रुपये।
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तुरंत राहत: 25,000 रुपये परिवार को तुरंत ‘अंत्येष्टि’ (अंतिम संस्कार) के लिए नकद या खाते में दिए जाते हैं।
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भविष्य की सुरक्षा: बाकी बचे 5 लाख रुपये एक मुश्त देने के बजाय, सरकार 5 साल तक किश्तों (FD मोड) में देती है। ब्याज जोड़कर आश्रित को हर महीने लगभग 9,395 रुपये की मासिक बंधेजी (Pension) मिलती है, ताकि घर का खर्च चलता रहे।
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अगर सामान्य मृत्यु (Normal Death) हो:
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अगर किसी बीमारी या नेचुरल तरीके से मौत होती है, तो 2.25 लाख रुपये की मदद मिलती है।
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इसमें भी 25,000 अंतिम संस्कार के और बाकी 2 लाख की मासिक किश्त (लगभग 8,736 रुपये महीना) मिलती है।
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सबसे बड़ी बात: बिना रजिस्ट्रेशन वालों को भी मदद!
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अक्सर मजदूर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते। यूपी सरकार ने उन्हें भी नहीं छोड़ा। अगर कोई श्रमिक रजिस्टर्ड नहीं है और कार्यस्थल (Workplace) पर हादसे में उसकी जान जाती है, तो उसके परिवार को 1 लाख रुपये की एकमुश्त मदद दी जाएगी।
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दिव्यांगता (Handicapped/Disability) होने पर:
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अगर शरीर 100% काम करना बंद कर दे: 4 लाख रुपये (मासिक किश्त के रूप में)।
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50% से 99% विकलांगता पर: 3 लाख रुपये।
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26% से 49% विकलांगता पर: 2 लाख रुपये।
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इस योजना का लाभ किसे मिलेगा? (पात्रता)
ध्यान रखें, हर कोई इसका दावा नहीं कर सकता। इसके नियम कुछ इस प्रकार हैं:
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श्रमिक का यूपी श्रम विभाग (UP Labor Department) में ‘लेबर कार्ड’ (Majdoor Card) बना होना चाहिए।
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लाभ केवल पत्नी/पति, माता-पिता, अविवाहित बेटी या 21 साल से कम उम्र के बेटे को ही मिलेगा।
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सावधान: अगर श्रमिक ने आत्महत्या (Suicide) की है, तो फूटी कौड़ी भी नहीं मिलेगी।
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लेकिन, सांप काटने, बिजली गिरने या डिलीवरी के दौरान मृत्यु को सामान्य मृत्यु माना जाएगा और मदद मिलेगी।
आवेदन कैसे करें? (Step-by-Step Guide)
टेक्नोलॉजी के इस दौर में आप घर बैठे मोबाइल से या फिर ऑफिस जाकर, दोनों तरह से आवेदन कर सकते हैं।
तरीका 1: ऑनलाइन आवेदन (Online Process)
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सबसे पहले UP BOCW की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
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अगर नया लेबर कार्ड बनाना है तो ‘श्रमिक पंजीयन’ पर क्लिक करें, आधार और मोबाइल नंबर से रजिस्टर करें।
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अगर कार्ड बना हुआ है और मुआवजा चाहिए, तो ‘योजना आवेदन’ लिंक पर क्लिक करें।
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जरूरी डिटेल्स भरें, डॉक्यूमेंट अपलोड करें (मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार, बैंक पासबुक)।
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सबमिट कर दें। 15 दिन में अधिकारी को फैसला लेना होगा।
तरीका 2: ऑफलाइन (Offline Process – ज्यादा भरोसेमंद)
गाँव-देहात में कई बार नेट नहीं चलता, तो आप सीधे अपने कागज़ात लेकर इनमे से किसी भी ऑफिस जा सकते हैं:
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तहसीलदार का ऑफिस (Tehsil)
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ब्लॉक विकास अधिकारी (Block Office)
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नज़दीकी श्रम कार्यालय (Labor Office)
वहां बाबू से फॉर्म लें, भरें, डॉक्यूमेंट नत्थी करें और रसीद जरूर लें।
इन कागज़ों को तैयार रखें (Important Documents)
ऐन मौके पर भागदौड़ से बचने के लिए ये फाइल तैयार रखें:
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श्रमिक कार्ड (Labor Card Original & Copy).
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मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate).
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आधार कार्ड (मृतक और वारिस दोनों का).
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बैंक पासबुक (Link with Aadhaar).
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दुर्घटना की स्थिति में FIR कॉपी और पंचनामा/पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट.
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विकलांगता के केस में CMO का सर्टिफिकेट.
दोस्तों, जानकारी ही बचाव है। 5 लाख रुपये एक गरीब परिवार को सड़क पर आने से बचा सकते हैं। अगर आपके आस-पास कोई दिहाड़ी मजदूर, राजमिस्त्री या निर्माण श्रमिक है, तो उसका लेबर कार्ड जरूर बनवाएं। और अगर किसी के साथ अनहोनी हो गई है, तो इस योजना के जरिए उन्हें हक़ दिलाने में मदद करें। यही सच्ची इंसानियत है।











