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Join NowFlipkart scam: भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक और अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट (Walmart) के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट (Flipkart) एक बार फिर बड़े विवाद में घिर गई है। इस बार कंपनी पर अपनी सबसे बड़ी सेल ‘बिग बिलियन डेज’ (Big Billion Days) के दौरान ग्राहकों के साथ धोखा करने का गंभीर आरोप लग रहा है। हजारों नाराज ग्राहक सोशल मीडिया, खासकर एक्स (X), पर कंपनी के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और कंज्यूमर कोर्ट जाने की धमकी दे रहे हैं।
यह पूरा मामला आईफोन 16 प्रो (iPhone 16 Pro) की बिक्री से जुड़ा है, जिसके लिए फ्लिपकार्ट ने एक अनोखी स्कीम निकाली थी – ‘प्री-रिजर्व पास’ (Pre Reserve Pass)।
क्या था ₹5000 का ‘प्री-रिजर्व पास’ और कैसे फँसे ग्राहक?
अपनी ‘बिग बिलियन डेज’ सेल शुरू होने से कुछ ही दिन पहले, फ्लिपकार्ट ने ग्राहकों के बीच भारी उत्साह पैदा करने के लिए एक ‘प्री-रिजर्व पास’ की घोषणा की। कंपनी ने दावा किया कि जो भी ग्राहक ₹5000 का यह नॉन-रिफंडेबल पास खरीदेगा, उसे बहुप्रतीक्षित आईफोन 16 प्रो को एक अविश्वसनीय डिस्काउंटेड कीमत पर खरीदने का सुनहरा मौका मिलेगा। सस्ते आईफोन का सपना देखकर लाखों लोगों ने बिना सोचे-समझे यह पास खरीद लिया।
शुरुआत में सब कुछ ठीक लग रहा था। कुछ भाग्यशाली ग्राहकों को यह पास खरीदने के बाद सचमुच लगभग ₹70,000 की भारी छूट पर आईफोन 16 प्रो मिल भी गया। उनकी खुशी देखकर और भी लोगों ने इस उम्मीद में ₹5000 खर्च कर दिए कि उन्हें भी सस्ता आईफोन मिलेगा। लेकिन यहीं से कहानी में एक बड़ा मोड़ आ गया।
लिमिटेड स्टॉक और कंपनी की शर्तें: कैसे डूबे ग्राहकों के पैसे?
जाहिर है, फ्लिपकार्ट ने डिस्काउंटेड कीमत पर आईफोन 16 प्रो की बहुत ही सीमित यूनिट्स (Limited Units) रखी थीं। इसका नतीजा यह हुआ कि जिन लाखों लोगों ने ₹5000 का पास खरीदा था, उनमें से अधिकांश को आईफोन खरीदने का मौका ही नहीं मिला। स्टॉक कुछ ही सेकंड में खत्म हो गया और लोग हाथ मलते रह गए।
सबसे चौंकाने वाली बात अब सामने आई। फ्लिपकार्ट ने अपनी शर्तों में साफ लिखा था कि यह ₹5000 का पास “नॉन-कैंसिलेबल और नॉन-रिफंडेबल” है। इसका मतलब है कि अगर कोई ग्राहक पास खरीदने के बाद पहले 48 घंटों के भीतर आईफोन 16 प्रो (128GB) खरीदने में असफल रहता है, तो उसका पास खुद-ब-खुद कैंसिल हो जाएगा और ₹5000 वापस नहीं किए जाएंगे।
एक एक्स यूजर अभिषेक यादव ने इस मुद्दे को उठाते हुए लिखा, “जिन लोगों को आईफोन 16 प्रो नहीं मिला, उनके ₹5000 सीधे-सीधे डूब गए, क्योंकि कंपनी की शर्तें ही ऐसी थीं।”
ऑर्डर बुक होने के बाद भी कैंसिलेशन का खेल
धोखे का यह सिलसिला यहीं नहीं रुका। कुछ यूजर्स ने यह भी आरोप लगाया है कि वे भाग्यशाली थे जिन्होंने डिस्काउंटेड कीमत पर आईफोन 16 प्रो बुक कर लिया था, लेकिन कुछ घंटों या दिनों बाद फ्लिपकार्ट ने खुद ही उनका ऑर्डर कैंसिल कर दिया। इससे भी ज्यादा निराशाजनक बात यह थी कि कुछ ग्राहकों के ऑर्डर उनके शहर के डिलीवरी हब तक पहुंचने के बाद कैंसिल कर दिए गए, जिससे उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
फ्लिपकार्ट ने की करोड़ों की ‘अनफेयर’ कमाई?
अब जरा सोचिए, अगर लाखों यूजर्स ने ₹5000 का यह पास खरीदा और उनमें से केवल कुछ हजार को ही फोन मिला, तो बाकी लोगों के पैसे कहां गए? वे सीधे फ्लिपकार्ट की जेब में चले गए। एक्स पर ऐसे पोस्ट की बाढ़ आ गई है जहां ग्राहक दावा कर रहे हैं कि ₹5000 का पास खरीदने के बावजूद उन्हें आईफोन नहीं मिला। इस तरह, फ्लिपकार्ट ने ग्राहकों की उम्मीदों का फायदा उठाकर बिना कोई प्रोडक्ट बेचे ही करोड़ों रुपये कमा लिए।
एक अच्छी और नैतिक व्यावसायिक प्रैक्टिस यह होती कि जिन ग्राहकों को फोन नहीं मिला, कंपनी उनके ₹5000 या तो वापस कर देती या फिर उन्हें किसी दूसरे प्रोडक्ट को खरीदने के लिए कूपन के रूप में दे देती। लेकिन कंपनी ने अपनी سخت शर्तों का सहारा लेना बेहतर समझा।
कंज्यूमर कोर्ट जाने की तैयारी में ग्राहक
इस ‘खुली लूट’ से नाराज होकर, एक्स पर कई ग्राहक एकजुट हो रहे हैं और फ्लिपकार्ट के खिलाफ कंज्यूमर कोर्ट में मुकदमा करने की बात कर रहे हैं। उनका दावा है कि यह एक अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस (Unfair Trade Practice) है और कंपनी ने जानबूझकर ऐसी स्कीम बनाई जिससे वह आसानी से पैसा कमा सके। ऐसे हजारों ग्राहक हैं जिनके ₹5000 इस स्कीम में डूब गए हैं और वे अब न्याय की मांग कर रहे हैं।
अगर आपके साथ भी फ्लिपकार्ट की इस सेल में ऐसा कुछ हुआ है, तो अपनी कहानी कमेंट में जरूर साझा करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक यह बात पहुंच सके।