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Join NowAyurveda health tips: क्या आपको याद है, हमारे बुजुर्ग अक्सर रात को तांबे के लोटे (Copper Vessel) में पानी भरकर रखते थे और सुबह सबसे पहले उसी को पीते थे? आज की मॉडर्न दुनिया में हम भले ही RO और मिनरल वॉटर की तरफ भाग रहे हों, लेकिन साइंस और आयुर्वेद ने एक बार फिर ‘ताम्र जल’ (Tamra Jal) का लोहा मान लिया है.
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यह महज प्यास बुझाने का जरिया नहीं है, बल्कि बीमारियों से लड़ने का एक नेचुरल ‘शिल्ड’ है. आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार, तांबे के बर्तन में रखा पानी ‘त्रिदोष नाशक’ होता है—यानी यह शरीर के तीनों मुख्य दोषों ‘वात, पित्त और कफ’ को जड़ से संतुलित करता है. जब आप तांबे के संपर्क में आए पानी को पीते हैं, तो यह आपकी बॉडी को डीप डिटॉक्स (Body Detox) करता है.
लेकिन आखिर इसके पीछे का विज्ञान क्या है? और यह आपके शरीर में कैसे बदलाव लाता है? आइए विस्तार से जानते हैं:
1. बीमारियों से लड़ने की सुपर-पावर (Immunity Booster)
तांबा कोई साधारण धातु नहीं है. इसमें एंटी-माइक्रोबियल (Antimicrobial), एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण कूट-कूट कर भरे होते हैं. जब पानी को तांबे के बर्तन में 8 घंटे या रात भर रखा जाता है, तो ‘ओलिगोडायनामिक इफेक्ट’ (Oligodynamic Effect) के कारण तांबे के आयन पानी में घुल जाते हैं.
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यह पानी आपकी इम्यूनिटी (Immunity) को बूस्ट करता है.
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मौसम बदलते ही अगर आप बीमार पड़ते हैं, तो यह पानी आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
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शरीर की अंदरूनी सूजन को कम करने में यह जादुई असर दिखाता है.
2. चेहरे पर आएगा कुदरती निखार (Glowing Skin Secrets)
क्या आप महंगे क्रीम और लोशन लगाकर थक चुके हैं? तो अपने रूटीन में तांबे का पानी शामिल करें.
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तांबा शरीर में मेलेनिन (Melanin) के उत्पादन को बढ़ाता है.
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यह नई कोशिकाओं को जन्म देता है और पुरानी स्किन को रिपेयर करता है.
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रोजाना इसका सेवन करने से मुंहासे (Acne) और स्किन इन्फेक्शन दूर होते हैं और चेहरा अंदर से चमकने लगता है.
3. पेट की समस्याओं का ‘रामबाण’ इलाज (Digestion & Acidity)
आजकल के खानपान से एसिडिटी, गैस और कब्ज आम बात हो गई है. लेकिन तांबा पेट के लिए ‘नेचुरल डिटॉक्सर’ है.
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तांबे में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण पेट के हानिकारक बैक्टीरिया को मार गिराते हैं.
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यह पेट की आंतों की सूजन (Inflammation) को कम करता है, जिससे अल्सर और अपच जैसी समस्याओं में राहत मिलती है.
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अगर आपका पेट सुबह साफ नहीं होता, तो यह पानी आपकी गट हेल्थ (Gut Health) सुधार सकता है.
4. थाइराइड मरीजों के लिए उम्मीद की किरण (Thyroid Control)
थाइराइड की समस्या आज घर-घर में पैर पसार रही है. डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स का मानना है कि शरीर में कॉपर (Copper) की कमी थाइराइड ग्रंथि (Thyroid Gland) के असंतुलन का एक बड़ा कारण है.
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तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से शरीर में कॉपर लेवल बैलेंस होता है.
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यह थाइराइड ग्लैंड की कार्यक्षमता को बेहतर करता है और हार्मोंस को रेगुलेट करने में मदद करता है.
5. बिना जिम गए घटाएं वजन (Weight Loss & Fat Burn)
अगर आप डाइटिंग कर-करके परेशान हैं और वजन कम (Weight Loss) नहीं हो रहा, तो यह तरीका आजमाएं.
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तांबे वाला पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म (Metabolism) को तेज़ करता है.
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यह शरीर में जमे हुए जिद्दी फैट (Fat tissues) को तोड़ने में मदद करता है.
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बेहतर पाचन और डिटॉक्स के कारण शरीर खुद-ब-खुद शेप में आने लगता है.
सावधानी: “अति हर चीज की बुरी होती है”
तांबे का पानी सेहतमंद है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप इसे दिन भर पिएं.
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साइड इफेक्ट्स: शरीर में तांबे की बहुत ज्यादा मात्रा (Copper Toxicity) होने पर मतली, उल्टी, पेट दर्द और डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
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सही तरीका: दिन में केवल दो बार (सुबह खाली पेट और शाम को) एक-एक गिलास तांबे का पानी पीना पर्याप्त है.
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नोट: इस पानी में कभी भी खट्टी चीजें (जैसे नींबू) न मिलाएं, वरना यह जहर बन सकता है.















